उदासीनता: संकलित 30 किलो नायलॉन मांजे पर सस्पेंस, नष्ट करने के अब तक नहीं दिए गए निर्देश

संकलित 30 किलो नायलॉन मांजे पर सस्पेंस, नष्ट करने के अब तक नहीं दिए गए निर्देश
  • एमपीसीबी से नहीं मिले दिशा-निर्देश
  • कैसे करें नष्ट, मनपा असमंजस में
  • नायलॉन मांजे को लेकर अब भी पेंच फंसा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मकर संक्राति के बाद पेड़ों, इमारतों, विद्युत खंभे और तार पर अटके मांजे को हटाने के लिए मनपा ने पहल की थी। कचरा संकलन के वाहनों पर विशेष डिब्बे में नायलॉन समेत सामान्य मांजे को संकलित किया गया। दोनों कचरा संकलन कंपनियों की ओर से करीब 30 किलो 400 ग्राम मांजा संकलित कर दिया गया है, लेकिन मांजा व्यवस्थापन करने को लेकर मनपा को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नियमों के तहत प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देशों के आधार पर वैज्ञानिक प्रक्रिया से नायलॉन समेत अन्य मांजा को व्यवस्थापन करना है, लेकिन एमपीसीबी से दिशा-निर्देश नहीं मिलने से मांजा अब भी मनपा के पास पड़ा हुआ है, वहीं एमपीसीबी का दावा है कि मनपा को पिछले साल की भांति अब तक मांजे को नष्ट कर देना चाहिए।

90 मामले दर्ज : संक्राति के बाद उपराजधानी में पतंगबाजी में जब्त नायलॉन मांजे को लेकर अब भी पेंच फंसा हुआ है। संक्राति के दौरान नायलॉन मांजा को प्रतिबंधित किया गया था। हाईकोर्ट के निर्देश पर नायलॉन मांजा बिक्री और इस्तेमाल पर कड़े कदम उठाने का निर्देश था। पुलिस विभाग ने करीब 90 से अधिक मामले दर्ज कर नायलॉन मांजा समेत सामग्री जब्त किया है। पुलिस के अलावा मनपा और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी कार्रवाई की। संक्राति के बाद घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष की ओर से मनपा मुख्यालय समेत शहरभर में नायलॉन मांजा संकलन के लिए व्यवस्था की गई थी। शहरभर से मनपा को करीब 30 किलो संकलित मांजा मिला है।

कोई निर्देश नहीं मिले : पिछले साल भी संक्राति के दौरान मनपा के घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष और उपद्रव शोध पथक ने नायलॉन मांजा को लेकर सख्ती की। इस दौरान शहरभर में कार्रवाई में करीब 15.75 किलो नायलॉन मांजा जब्त किया गया था। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से निर्देश नहीं मिलने के चलते आखिरकार मनपा प्रशासन ने अपने स्तर पर निजी एजेंसी यूनिक ट्रेडर्स को देकर प्लास्टिक पुनर्चक्रीकरण को कराया था। इस साल भी मनपा को एमपीसीबी से अब तक कोई भी निर्देश नहीं मिले हैं।

पिछले साल ही निर्देश दिए : मनपा को नायलॉन मांजा नष्ट करने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं। पिछले साल निजी एजेंसी के माध्यम से व्यवस्थापन कराया गया था। ऐसे में अब तक संभाल कर रखने की आवश्यकता नहीं है। पिछले साल की भांति मांजे को नष्ट कर देना चाहिए। हेमा देशपांडे, प्रादेशिक अधिकारी, एमपीसीबी

निर्देश मिलने पर प्रक्रिया : कचरा व्यवस्थापन नियमावली के तहत नायलॉन मांजा को व्यवस्थापन के लिए एमपीसीबी से निर्देश नहीं मिले हैं। पिछले साल संकलित करीब 15.75 किलो जब्त नायलॉन मांजा को निजी एजेंसी के माध्यम से प्लास्टिक कचरा पुनर्चक्रीकरण प्रक्रिया कराया था। इस साल भी एमपीसीबी से आदेश मिलने पर सही रूप से नायलॉन मांजा का व्यवस्थापन किया जाएगा। डॉ. गजेंद्र महल्ले उपायुक्त, घनकचरा व्यवस्थापन विभाग

Created On :   28 March 2024 10:36 AM GMT

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