फल: विदर्भ के संतरे के सामने देश भर के संतरे पड़े फीखे , स्वादिष्ट और मीठे भी हैं

विदर्भ के संतरे के सामने देश भर के संतरे पड़े फीखे , स्वादिष्ट और मीठे भी हैं
  • पंजाब और राजस्थान की तुलना में मिठास अधिक
  • अभी तक 25 फीसदी फलों की ही तुड़वाई हुई है
  • 75 प्रतिशत की बाकी ,कार्य में जुटे उत्पादक

डिजिटल डेस्क, अचलपुर(अमरावती)। देश में विदर्भ का संतरा सबसे अधिक पसंद किया जाता है। इसने पंजाब तथा राजस्थान के संतरे को पीछे छोड़ दिया है। मिठास के मामले में िवदर्भ का संतरा देश में नंबर 1 माना जाता है। हालांकि किन्नू और राजस्थानी संतरे रंग और रूप में देखने में आकर्षक लगते हैं, लेकिन देशभर में स्वाद और मिठास के मामले में विदर्भ के फलों को पहली प्राथमिकता दी है।

इस वर्ष राजस्थान में संतरे की पैदावार पिछले वर्ष की तुलना में दोगुनी है। पंजाब राज्य में भी संतरे की पैदावार अधिक है। मध्य प्रदेश में इस वर्ष आधी पैदावार है।महाराष्ट्र के अमरावती, अकोला, नागपुर और अहमदनगर जिले में इस समय मृग बहार फलों का सीजन चल रहा है। 10 जनवरी से बाजार में फलों की आवक शुरू हो गई है। शुरुआत में अच्छे फलों की कीमत 50 हजार रुपये प्रति टन थी। उसके बाद बाजार में आवक बढ़ी और कीमतें गिरने लगीं। आज औसत कीमत 25 हजार रुपये प्रति टन है। मृग बहार के फलों को हर साल अच्छी कीमत मिलती है। क्योंकि गर्मियों के दौरान बाजार में मांग बढ़ जाती है। फलों का उपयोग जूस के लिए भी व्यापक रूप से किया जाता है। अभी तक 25 फीसदी फलों की ही तुड़वाई हुई है। 75 फीसदी फलों की तुड़ाई अभी बाकी है। फिलहाल देश की सभी मंडियां नहीं खुली हैं।

बाजार में बेचना फायदेमंद : संतरे की चरणों में छंटाई करना और उन्हें बाजार में बेचना आर्थिक रूप से फायदेमंद है। इस विधि के कई फायदे हैं। बगीचे में फलों को एक ही समय में प्राकृतिक रूप से नहीं तोड़ा जाता है। कुछ फल बड़े होते हैं और कुछ मध्यम और छोटे आकार के होते हैं। गिरे हुए फलों को छांटकर बाजार में बेच दिया जाता है, अच्छी कीमत मिलने पर पैसा वसूल हो जाता है। इसके अलावा पेड़ पर फलों का बोझ हल्का होने से बाकी फलों की गुणवत्ता भी बेहतर हो जाती है। बाजार में प्रवाह स्थिर बना हुआ है। परिणामस्वरूप बाजार में कीमतें भी नियंत्रित हैं। -अरुण अकोटकर, संतरा उत्पादक और व्यापारी


Created On :   27 Feb 2024 10:18 AM GMT

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