विवाद: भाजपा जिला अध्यक्ष और परिवहन कर्मचारी के बीच हुई तीखी बहस, ऑडियो हुआ वायरल

भाजपा जिला अध्यक्ष और परिवहन कर्मचारी के बीच हुई तीखी बहस, ऑडियो हुआ वायरल
  • भाजपा जिला अध्यक्ष और परिवहन कर्मचारी के बीच नोकझोंक
  • भाजपा युवा मोर्चा महामंत्री मनीष तिवारी से जुड़ा है मामला
  • ऑडियो हो रहा वायरल

डिजिटल डेस्क, शहडोल। रीवा रोड पर छतवई गांव के समीप सोमवार दोपहर अनूपपुर भाजपा युवा मोर्चा महामंत्री मनीष तिवारी की भूसा से भरी गाड़ी परिवहन विभाग के कर्मचारी ने रोकी तो उन्होंने शहडोल भाजपा जिलाध्यक्ष कमल प्रताप सिंह को फोन लगा दिया। जिलाध्यक्ष ने परिवहन विभाग के कर्मचारी से बात की तो दोनों के बीच जमकर तू-तू, मै-मै हुई। जिसका ऑडियो मंगलवार को सोशल मीडिया में वायरल हुआ। दैनिक भास्कर इस ऑडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इस बीच वायरल ऑडियो को लेकर लोगों के बीच चर्चा सरगर्म रहा। इसमें दोनों के बीच बातचीत इतनी बढ़ी कि एक बार कमल प्रताप ने कहा कि अरे यार भाजपा जिलाध्यक्ष बोल रहा हूं तो कर्मचारी ने कहा कि जिलाध्यक्ष बन गए तो क्या राष्ट्रपति बन गए।

इधर, इस पूरे मामले पर भाजपा जिलाध्यक्ष कमल प्रताप ङ्क्षसह ने दैनिक भास्कर को बताया कि हमारा काम है लोगों की समस्याओं को दूर करना। मैने फोन लगाया था क्योंकि बात किसानों की है। हम जिले में किसानों को परेशान नहीं करने देंगे। चेक नाके पोस्ट लगे हैं तो गिट्टी पकडि़ए, चोर पकडि़ए। इस बारे में कलेक्टर को भी जानकारी दी तो पता चला न कोई नाका नहीं है। हम भी गए तो कोई नहीं मिला। वहीं जांच को लेकर आरटीओ आशुतोष भदौरिया ने बताया कि उडऩदस्ता दल ने छतवई के पास जांच प्वाइंट चिन्हित किया था। इस दल में कर्मचारी मुख्यालय से पदस्थ होते हैं।

भाजपा जिलाध्यक्ष और परिवहन कर्मचारी के बीच ऐसे हुई बातचीत

जिलाध्यक्ष : कमल प्रताप सिंह बोल रहा था।

कर्मचारी : कहां से, बताईए।

जिलाध्यक्ष : भूसे की गाड़ी का चालान होता है क्या?

कर्मचारी : बिल्कुल होता है क्यों नहीं होता।

जिलाध्यक्ष : कलेक्टर साहब को लाइन में ले रहा हूं आप बात करना जरा।

कर्मचारी : बिल्कुल हमारे पास फोन आ जाएगा कलेक्टर साहब का।

जिलाध्यक्ष : अरे भइया भाजपा जिलाध्यक्ष बोल रहा हूं यार।

कर्मचारी : आप जो भी बोल रहे हो।

जिलाध्यक्ष : बात किससे कर रहे हो आरटीओ हो गए तो तमाशा हो क्या?

कर्मचारी : आप जिलाध्यक्ष बन गए तो क्या राष्ट्रपति बन गए, जिलाध्यक्ष बनके। सुनिए मेरी बात, यह हमारा काम है। आप तो बदतमीजी से बात करना ही नहीं। जिलाध्यक्ष हैं, बाद में देखा जाएगा, कौन हैं आप।

जिलाध्यक्ष : अरे...कहां पे हो तुम बताओ।

कर्मचारी : पूछ लीजिए ड्राइवर को आ जाइए।

जिलाध्यक्ष : किसान की गाड़ी कैसे रोक सकते हो।

कर्मचारी : किसान की गाड़ी नहीं है, देखिए पूरा ओवर साइड है ओवर हाइट है। आप जिलाध्यक्ष हैं तो आ जाइए दिखा देता हूं क्या जिलाध्यक्ष हैं आप।

जिलाध्यक्ष : तुम्हारा नाम क्या है।

कर्मचारी : रविन्द्र सिंह नाम है मेरा।

जिलाध्यक्ष : किस पोस्ट में हो।

कर्मचारी : तुम अधिकारी नहीं हो, मेरा पूछने वाले।

Created On :   10 April 2024 1:05 PM GMT

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