माधवनगर में चार घंटे तक मचा हंगामा: अफसरों व नेताओं के बीच अधिकार व नियम-कायदों को लेकर हुई तीखी बहस

- महापौर ने कहा , नगरनिगम का दस्ता सरकारी जमीन से कब्जे हटाने प्रशासन को दिया था

- एसडीएम बोले , नगर निगम ने खुद प्रशासन से सहयोग मांगा इसलिए वे यहां हैं

डिजिटल डेस्क कटनी । माधवनगर क्षेत्र में मंगलवार सुबह से ही नगर निगम के अतिक्रमण दस्ते सहित पुलिस व प्रशासन की टीम की आमद शुरू हो गई थी। जेसीबी आदि के साथ ये पूरी टीम समदडिय़ा कॉलोनी के सामने 6 हजार वर्ग फीट जमीन पर बिना अनुमति चल रहे अवैध निर्माण को गिराने पहुंची थी। यह वही जगह थी जहां नगर निगम सहित प्रशासन की टीम एक दिन पहले 3 प्लाटों पर चल रहे अवैध निर्माण को रूकवा कर आई थी। अवैध निर्माण गिराने पहुंची टीम वहां कोई कदम उठा पाती उससे पहले ही वहां इस जमीन को पट्टे पर हासिल करने वाले सोनू कारड़ा, गंगाराम कटारिया और राजेश कटारिया के समर्थक पहुंच गए और कार्रवाई का विरोध करना शुरू कर दिया। इसी बीच महापौर प्रीति सूरी अपने पति संजीव सूरी के साथ वहां पहुंच गईं। उन्होंने यह कहते हुए नगर निगम प्रशासन की टीम की कार्रवाई पर विरोध जताया कि, प्रशासन को सरकारी जमीन के कब्जे हटाने नगर निगम का दस्ता दिया गया था न कि पट्टा धारकों के निर्माण कार्य को गिराने के लिए। वह भी तब जबकि एक दिन पहले ही अमला इन निर्माण कार्यों को रूकवा कर आया था। महापौर व उनके पति के बीच प्रशासन के अफसरों से हुई तीखी बहस के बीच अतिक्रमण/कब्जे हटाने के अधिकार और नियम-कायदों का मुद्दा भी छिड़ा। टीम के साथ मौके पर मौजूद एसडीएम प्रदीप मिश्रा ने भी दो टूक कहा कि हम यहां नगर निगम प्रशासन के सहयोग के आग्रह पर आए हुए हैं। करीब 4 घंटे तक मचे हंगामे और तीखी तकरार के बीच नगर निगम आयुक्त द्वारा अवैध निर्माण गिराने भेजी गई टीम करीब साढ़े 11 बजे बैरंग वापस लौट गई। इस दौरान नगर निगम का भारी-भरकम अमला सहित कुठला, माधवनगर, रंगनाथ नगर थाना और महिला पुलिस बल भी मौजूद रहा। इस समूचे मामले को लेकर निगमायुक्त विनोद शुक्ला को उनके मोबाइल नंबर ------ पर 3 बार कॉल किया, वाट्सएप पर मैसेज भी भेजा लेकिन उनकी ओर से जवाब नहीं आया।

ऐसे पकड़ा मामले ने तूल

अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई के मामले ने तब तूल पकड़ लिया जब महापौर प्रीति सूरी और उनके पति संजीव ने एसडीएम प्रदीप मिश्रा से यह कह दिया कि 'आप कौन होते हो, अतिक्रमण हटाने वाले।Ó इस पर एसडीएम मिश्रा ने भी दो-टूक कह दिया कि वे नगर निगम प्रशासन के बुलावे पर कार्यवाही में सहयोग के लिए आए हुए हैं। उन्होंने यह भी साफ किया कि , यहां पर बिना अनुमति निर्माण कार्य की जानकारी लगी थी।इस पर महापौर और उनके पति ने कहा कि इस तरह की सूचना पहले उनको दी जाए। इिसके बाद एसडीएम और तहसीलदार वीके मिश्रा आगे की तरफ चले गए। नगरनिगम के कार्यपालन यंत्री राहुल जाखड़ से भी महापौर पति ने सख्त लहजे में बात की। इस दौरान अधिकारी शांत ही रहे और दूसरी तरफ चले गए।

एक बड़ा आरोप यह भी लगा

प्रभावित पक्षों जिन पर बिना अनुमति निर्माण कार्य करने का आरोप है उनमें से एक (भू-स्वामी) गंगाराम कटरिया नेे कहा कि नक्शा स्वीकृति कराने नगर निगम में आवेदन दिया है। यहां पर कोई कब्जा न कर पाए, जिसको दृष्टिगत रखते हुए यह निर्माण कार्य कर रहे थे। कांग्रेस नेता गंगाराम ने खुला आरोप लगाया कि पूरे माधवनगर में करीब 90 प्रतिशत निर्माण कार्य बगैर नक्शा स्वीकृति के ही हुए हैं। इसके बावजूद सिर्फ उनके ऊपर कार्यवाही की जा रही है। पार्षद श्याम पंजवानी ने भी पक्षपात किए जाने के आरोप लगाए। कांग्रेस नेता राजा जगवानी ने भी नगर निगम की कार्यवाही को पक्षपातपूर्ण बताया।

नोटिस हो गए, टीम बन गई लेकिन महापौर को पता ही नहीं

उक्त अवैध निर्माण गिराने नगर निगम प्रशासन द्वारा भू-स्वामियों को नोटिस भी दिए गए थेे। यह बात बिना अनुमति निर्माण कार्य करा रहे गंगाराम कटारिया ने भी स्वीकार की है। एक दिन पहले यानि सोमवार को अमले ने मौके पर पहुंच कर सोनू कारड़ा, गंगाराम कटारिया और राजेश कटारिया द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्यों को रूकवाया। इन अवैध निर्माणों को हटाने सोमवार को ही निगमायुक्त विनोद शुक्ला ने कार्यपालन यंत्री राहुल जाखड़ के नेतृत्व में आठ लोगों की टीम बनाई। लेकिन इनमें से किसी भी कार्रवाई की जानकारी महापौर को नहीं थी। उन्होंने कहा, प्रशासन द्वारा सरकारी जमीन से कब्जा हटाने के लिए अतिक्रमण दस्ते की मांग की गई थी, लेकिन दस्ता पट्टे वाली भूमि पर कार्यवाही करने पहुंच गया। जबकि इस निर्माण के खिलाफ निगम प्रशासन ने सोमवार को ही कार्यवाही करते हुए काम बंद करवा दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि, निगमायुक्त द्वारा अतिक्रमण हटाने एवं दल गठन की उन्हें जानकारी नहीं दी गई थी। महापौर ने कहा कि निगमायुक्त के जिस नोटिस पर कार्यवाही करने टीम गई थी, उसे मंगलवार शाम 5.44 बजे तामील कराया गया है।

- जिन लोगों के पास पट्टे हैं और उन्होंने निर्माण के लिए नगर निगम में आवेदन दे रखे हैं। बिना अनुमति जब निर्माण हो रहा था तब अधिकारी कहां थे। जिनके पास कोई दस्तावेज नहीं और वे लोग अवैध रूप से कब्जा कर रहे हैं, उनके निर्माण को तत्काल हटाने की कार्यवाही होनी चाहिए। गंगाराम कटारिया एवं एक अन्य निर्माणकर्ता के पास पट्टा है। उनके द्वारा नक्शे के लिए नगर निगम में आवेदन भी किया है। यदि कोई शासकीय जमीन पर बिना पट्टे के कब्जा कर निर्माण कर रहा है उसके विरुद्ध न सिर्फ कार्रवाई होनी चाहिए बल्कि एफ आईआर भी होनी चाहिए।

- प्रीति संजीव सूरी (महापौर)

- वहां पर तीन लोग अवैध रुप से निर्माण किए हुए थे। कार्यवाही के लिए नगर निगम ने सहयोग मांगा था। लोकतंत्र में सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है। उपनगरीय कार्यालय के बगल से नजूल की जमीन पर कब्जे की शिकायत अलग-अलग माध्यमों से मिली थी, जिस पर कलेक्टर ने सोमवार शाम को कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे। मंगलवार को टीन शेड हटा दिया गया है। अंदर किसी तरह का निर्माण कार्य नहीं पाया गया।

- प्रदीप मिश्रा (एसडीएम)

इधर प्रशासन ने 10 करोड़ की पुनर्वास नजूल भूमि से हटाया टीन शेड

नगर निगम के माधवनगर स्थित उपनगरीय कार्यालय के बगल सेे करीब दस करोड़ रुपए कीमत की पुनर्वास नजूल भूमि से राजस्व अमले ने टीन शेड हटाया। मंगलवार सुबह जब टीन शेड हटाया गया तो अंदर किसी तरह का निर्माण नहीं मिला। हालाकि यहां पर भी टीन शेड हटाने के लिए राजस्व टीम को मशक्कत करनी पड़ी। कब्जाधारी पंकज आहूजा के समर्थक जेसीबी और टीन शेड के बीच कई बार दीवार बनकर खड़े हो गए। बीच-बीच में बैकफुट पर अधिकारी आते रहे और फिर टीन शेड को हटाने का काम करते रहे। इससे पूर्व अवैध कब्जा की मिल रही शिकायतों के बाद 2 मार्च को इस संबंध में तहसीलदार (कटनी नगर) ने पंकज आहूजा को नोटिस भी जारी किया था। इस नोटिस में राजस्व निरीक्षक नजूल के द्वारा नजूल तहसीलदार के समक्ष प्रतिवेदन का उल्लेख करते हुए लिखा गया था कि वाद ग्रस्त भूमि पुर्नवास नजूल प्लाट संख्या 292 के अंशभाग पर टीन लगाकर उत्तर से दक्षिण की ओर 63 फुट तथा पूर्व से पश्चिम की ओर करीब 270 फुट पर कवर करके कब्जा किया गया है। 4 मार्च तक कवर हटाए जाने की मोहलत दी गई थी। दी गई मोहलत के 7 दिन बाद मंगलवार को अमले द्वारा यहां से टीन कवर हटाने का काम किया गया।

4 करोड़ रुपए बाजार मूल्य की सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाया

जिला प्रशासन द्वारा मंगलवार को एसडीएम प्रदीप मिश्रा के नेतृत्व में कब्जे हटाने की बड़ी कार्यवाही करते हुए करीब 4 करोड़ रुपए बाजार मूल्य की सरकारी जमीन पर से अतिक्रमण जमींदोज किया गया। कार्यवाही के दौरान शासकीय भूमि के खसरा नंबर 139 और खसरा नंबर 100 से करीब 0.64 हेक्टेयर भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया गया। यहां लोगों के द्वारा अनाधिकृत रूप से दुकान का निर्माण कर लिया गया था। इस शासकीय भूमि की अनुमानित बाजार मूल्य करीब 4 करोड़ रूपये आंकी गई है। इसके पूर्व 2 मार्च को रीठी तहसील के राजस्व निरीक्षक मंडल बडगांव के ग्राम भरतपुर के खसरा नंबर 640 और 646 से 23 हजार 598 वर्ग फुट शासकीय जमीन से अतिक्रमण हटाया गया। जिसकी अनुमानित बाजार मूल्य दो करोड़ 39 लाख 58 हजार रूपये है। इसी प्रकार बीते बुधवार को अतिक्रमण हटाने की एक अन्य कार्यवाही के दौरान ग्राम अमराडाण्ड मझगवां के खसरा नंबर 235 और 236 से 15 हजार 250 वर्गफुट शासकीय भूमि को जे.सी.बी से अतिक्रमण मुक्त कराया गया। इस जमीन की अनुमानित बाजार मूल्य करीब 2 करोड़ 60 लाख रूपये है।

Created On :   12 March 2024 5:32 PM GMT

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