सुरक्षा: महाराष्ट्र और गोवा के समुद्री तट पर तैनाती , ड्रोन से निगरानी की तैयारी

महाराष्ट्र और गोवा के समुद्री तट पर तैनाती , ड्रोन से  निगरानी की तैयारी
  • कुवैत से मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया में बिना किसी रोकटोक पहुंची नौका
  • सरकारी महकमा हुआ अलर्ट , एहतियात बरतने के आदेश
  • चारों तरफ सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद

डिजिटल डेस्क, मुंबई । महाराष्ट्र और गोवा की समुद्री सीमा की निगरानी अब लंबी दूरी के ड्रोन से करने की तैयारी हो रही है। अधिकारियों के अनुसार यह कदम कुवैत से मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया में बिना किसी रोकटोक पहुंची नौका के आने के बाद उठाया जा रहा है। ड्रोन की तैनाती से राज्यों की तटीय सुरक्षा को पुख्ता करने में मदद मिलेगी।

प्रदेश का 652.6 किलोमीटर और गोवा का 101 किमी का समुद्री तट है। इसकी निगरानी के लिए सागरी पुलिस, भारतीय तटरक्षक दल और भारतीय नौसेना चौकसी करती है। लेकिन पिछले दिनों गेटवे ऑफ इंडिया पर कुवैती नौका के प्रवेश के बाद सुरक्षा एजेंसियां ज्यादा सतर्क हो गईं। इसे देखते हुए अब समुद्री सीमा की निगरानी के लिए ड्रोन की मदद लेने की योजना बनाई जा रही है। यह ड्रोन लंबी दूरी तक निगरानी करने में सक्षम होंगे।

राष्ट्रविरोधी तत्व उठा सकते हैं फायदा : अधिकारियों का मानना है कि राष्ट्र-विरोधी तत्वों द्वारा कुवैत जैसी घटनाओं से सीख लेकर दुरुपयोग किया जा सकता है। इसके मद्देनजर उन्होंने देश की समुद्री सीमाओं पर निगरानी बनाए रखने के लिए बड़े पैमाने पर ड्रोन का उपयोग किये जाने की हिमायत की है। मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को हुए आतंकी हमलों का हवाला भी अधिकारियों ने दिया है

अधिकारियों ने कहा कि उनके ‘ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम’ (जीपीएस) के फोरेंसिक विश्लेषण में कई त्रुटियां पाई गईं। उन तीनों ने दावा किया कि उन्होंने बैटरी बचाने के लिए जीपीएस उपकरण को बंद किया था। अधिकारियों का मानना है कि राष्ट्र-विरोधी तत्वों द्वारा इनका दुरुपयोग किया जा सकता है और उन्होंने देश की समुद्री सीमाओं पर निगरानी बनाए रखने के लिए बड़े पैमाने पर ड्रोन का उपयोग किये जाने की हिमायत की है। मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को हुए आतंकी हमलों का हवाला देते हुए अधिकारियों ने तटीय निगरानी उपायों को बढ़ाने की तात्कालिकता को रेखांकित किया।

Created On :   3 March 2024 2:07 PM GMT

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