समस्या: आदिवासी बच्चों को नहीं पढ़ाया, विदर्भ की 10 शालाएं योजना से बाहर , नागपुर की 4 शालाएं शामिल

आदिवासी बच्चों को नहीं पढ़ाया, विदर्भ की 10 शालाएं योजना से बाहर , नागपुर की 4 शालाएं शामिल
  • सरकार के खिलाफ अभिभावकों में आक्रोश
  • एकात्मिक आदिवासी विकास परियोजना कार्यालय का घेराव
  • नामांकित शिक्षा योजना के मानदंडों का पालन नहीं किया

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नामांकित शिक्षा योजना के मानदंडों का पालन न करने का कारण बताते हुए विदर्भ में कुल 10 स्कूलों को योजना से बाहर कर दिया गया हैं। इसमें नागपुर शहर के 4 स्कूल हैं। इस कारण आदिवासी छात्र अंग्रेजी शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। इससे छात्रों समेत अभिभावकों में सरकार के खिलाफ भारी आक्रोश फूट पड़ा और मंगलवार को उन्होंने सुबह गिरिपेठ स्थित एकात्मिक आदिवासी विकास परियोजना कार्यालय का घेराव कर दिया।

बता दें कि राज्य सरकार ने आदिवासी छात्रों को मुफ्त अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा प्रदान करने के लिए 2009 से एक नामांकित स्कूल योजना शुरू की है। इस योजना के तहत राज्य के विभिन्न शहरों में अंग्रेजी माध्यम के प्रतिष्ठित आवासीय विद्यालयों में हर साल 2500 विद्यार्थी कक्षा एक से कक्षा 12 तक निःशुल्क शिक्षा प्राप्त करते हैं। यह योजना एकीकृत जनजातीय विकास परियोजना के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है। स्कूलों का चयन आदिवासी विकास विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा किया जाता है।

31 अगस्त 2023 को जीआर जारी : मानदंडों का पालन नहीं किए जाने का कारण बताते हुए समिति ने पिछले चार वर्षों में कई स्कूलों में योजना की मान्यता रद्द करके आदिवासी छात्रों के लिए अंग्रेजी शिक्षा के दरवाजे बंद कर दिए हैं। 31 अगस्त, 2023 को जीआर जारी करते हुए अपर आयुक्त आदिवासी विकास विभाग ने विदर्भ और नागपुर जिले के स्कूलों की मान्यता रद्द की है। स्कूलों की मान्यता रद्द करने से पहले कोई भी पूर्व सूचना नहीं दी गई, ऐसा दावा अभिभावकों ने किया है।

अब उन स्कूलों में नहीं पढ़ सकेंगे छात्र : स्कूलों की मान्यता रद्द करते हुए आदिवासी छात्रों को अंग्रेजी शिक्षा से वंचित किया जा रहा है। अब उन स्कूलों में आदिवासी छात्र नहीं पढ़ सकेंगे। वहां पढ़ने वाले छात्रों की पढ़ाई संकट में पड़ गई है। इससे आदिवासी समुदाय में भारी आक्रोश है। इसी कारण से मंगलवार को एकात्मिक आदिवासी विकास परियोजना के कार्यालय को घेराव किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में अभिभावक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

इन स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी गई : जी. एच. रायसोनी विद्यानिकेतन, सुकली, ता. हिंगना, जी. एच. रायसोनी विद्यानिकेतन, अंबाझरी हिंगना रोड, पोद्दार इंटरनेशनल स्कूल, कोराडी रोड गोधनी, द रॉयल गोंडवाना पब्लिक स्कूल, शंकरपुर।

कक्षा 12वीं तक शिक्षा पूरी करने दी जाए : अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद विदर्भ के महासचिव और नागपुर विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य दिनेश शेराम की नेतृत्व में छात्र और अभिभावकों ने गिरिपेठ स्थित कार्यालय में आंदोलन किया। इसके बाद आदिवासी विकास विभाग नागपुर के अपर आयुक्त को निवेदन देते हुए कहा है कि मौजूदा छात्रों को कक्षा 12वीं तक की शिक्षा पूरी करने दी जाए। साथ ही इस समस्या पर समाधान खोजने के लिए आदिवासी विकास विभाग, आदिवासी सामाजिक संगठनों एवं अभिभावकों की संयुक्त बैठक आयोजित की जाए, ऐसी भी मांग की गई।

Created On :   27 March 2024 6:41 AM GMT

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