एहतियात: एचआईवी पीड़ितों की होगी इंडेक्स टेस्टिंग, हर साल 667 से अधिक नए मरीज आते हैं सामने

एचआईवी पीड़ितों की होगी इंडेक्स टेस्टिंग, हर साल 667 से अधिक नए मरीज आते हैं सामने
  • 2100कर्मचारी राज्य भर में अभियान पर
  • 120 कर्मचारी जिले में दे रहे अपनी सेवा
  • 22 केंद्र हैं पूरे जिले में आईसीटीसी के

डिजिटल डेस्क, नागपुर । राज्य भर में एचआईवी पीड़ितों की इंडेक्स टेस्टिंग की जाएगी। पिछले महीने इस तरह का निर्देश नैको (नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गनाइजेशन) ने आईसीटीसी (इंटग्रेटेड काउंसिलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर) केंद्रों को दिया है। जिले में हर साल 600 से अधिक नए मरीज दर्ज होते हैं। जिले में आईसीटीसी के 22 केंद्रों के 120 कर्मचारियों के माध्यम से एड्स नियंत्रण के लिए सेवा दी जा रही है। इंडेक्स टेस्टिंग के कारण कर्मचारियों का काम का बोझ बढ़ेगा। वहीं यह कर्मचारी 25 साल से अस्थायी हैं। सरकार ने उन्हे सरकारी सेवा में समायोजन का निर्णय नहीं लिया है, इस कारण निराशा बनी हुई है।

पूरी श्रृंखला की करनी होगी जांच : आईसीटीसी केंद्रों में आनेवाले मरीजों की संदिग्धता के आधार पर जांच की जाती है। जांच के दौरान उनका समुपदेशन व जांच की जाती है। जांच के दौरान पॉजिटिव पाए जाने पर उनका औषधोपचार शुरू किया जाता है। इसके अलावा उन्हें सुरक्षा की लिहाज से सावधानी बरतने को कहा जाता है। अब तक केवल संदिग्ध या पीड़ित की ही जांच होती थी। बावजूद आईसीटीसी के कर्मचारी अपने स्तर पर पारिवारिक सदस्य जैसे पति, पत्नी या बच्चों की भी जांच करते थे। ताकि उनमें भी संक्रमण है या नहीं, इसका पता चल सकता था।

समस्याओं के बीच काम कर रहे कर्मचारी : सरकार ने 14 मार्च 2024 को राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान अंतर्गत 10 साल से अधिक समय से ठेका पद्धति पर सेवा दे रहे कर्मचारियों को स्थायी करने के लिए अधिसूचना जारी की है। इसका लाभ सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था अंतर्गत विविध कार्यक्रम, अभियान व योजनाओं के लिए काम कर रहे कर्मचारियों को मिलेगा। सूत्रों ने बताया कि अधिसूचना में महाराष्ट्र राज्य एड्स नियंत्रण संस्था के कर्मचारियों का उल्लेख नहीं किया गया है। जबकि यह संस्था 1998 से कार्यरत है। 25 साल से इस अभियान के लिए ठेका कर्मचारी काम कर रहे हैं। बावजूद उनका विचार नहीं किया गया है।

यह है नया निर्देश : अब नैको ने नया निर्देश जारी किया है। नैको के नए निर्देशानुसार अब एचआईवी पीड़ित की इंडेक्स टेस्टिंग करना अनिवार्य किया गया है। पिछले महीने जारी निर्देश में पीड़ित के पति, पत्नी, बच्चे के अलावा उसके अन्यत्र कहीं भी शारीरिक संबंध हो तो उन लोगों के और किसके साथ संबंध है, उस पूरी श्रृंखला की जांच करनी है। पहले से महानगर के विस्तार को देखते हुए कर्मचरियों की संख्या कम बताई जा रही है। नये निर्देशानुसार काम का बोझ बढ़ेगा, लेकिन सरकार अाईसीटीसी के कर्मचारियों को लेकर गंभीर नहीं है। टीबी व एड्स कार्यक्रम दोनों विभाग के समन्वय से चलाया जाता है। लेकिन सरकार के समायोजन अधिसूचना में टीबी के लिए काम करनेवाले कर्मचारियों को शामिल किया गया है। वहीं एड्स नियंत्रण के लिए काम करने वालों को समायोजन से बाहर रखा गया है।

कई कारणों से कर्मचारियों में निराशा : राज्यभर में इस अभियान के लिए 2100 कर्मचारी काम कर रहे हैं, जबकि नागपुर जिले के 22 केंद्रों में 120 कर्मचारी हैं। सरकारी सेवा में समायोजन शामिल नहीं किए जाने से कर्मचारियों का भविष्य अधर में लटका है। इन कर्मचारियों में से 50 फीसदी को ईपीएफ का और 100 फीसदी को ईएसआईसी का लाभ नहीं मिलता। कर्मचारियों का वेतन भी काफी कम होने से उनमें निराशा बनी हुई है। आचार संहिता के बाद जनप्रतिनिधियों के माध्यम से सरकार से चर्चा की जाने वाली है। सकारात्मक पहल नहीं होने पर आंदोलन करने की तैयारी की जाएगी।

Created On :   26 April 2024 11:30 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story