संगठन को मजबूत करने भाजपा ने झौंकी ताकत, कांग्रेस का हाल एकला चलो

संगठन को मजबूत करने भाजपा ने झौंकी ताकत, कांग्रेस का हाल एकला चलो
कार्यकर्ताओं से बड़े नेता सीधे संपर्क में हैं

डिजिटल डेस्क,नरसिंहपुर।

प्रदेश में चार माह बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर दोनों प्रमुख दल अपनी-अपनी सरकार बनने का दावा कर रहे हैं। हालांकि ये बात भी तय है कि मुद्दों के अलावा जो संगठन एकजुट रहेगा, जीत का सेहरा भी उसी के सिर सजेगा। इस बात को भाजपा संगठन अच्छी तरह से समझ गया है। कार्यकर्ताओं, लंबे समय से उपेक्षित वरिष्ठ नेताओं को मनाने से लेकर उन्हें मंचों पर ससम्मान बैठा कर संगठन को मजबूत करने की कवायद उसके द्वारा शुरू कर दी गई है। युवा नेताओं तक को लीड रोल दिए जा रहे हैं, ताकि उनका उत्साह बढ़ाया जा सके। वहीं कांग्रेस की बात करें तो यहां तो नेता एकला चलो की राह पर ही हैं। पार्टी के युवा जरूर अपनी सोच-समझ के अनुसार कुछ नया करने की कोशिश में हैं, लेकिन उन्हें वरिष्ठों की ओर से प्रतिद्वंद्वी की तरह उत्साहजनक प्रतिसाद नहीं मिल पा रहा है।

भाजपा : प्रदेश-केंद्र के बड़े नेता संभाल रहे मोर्चा

जिले की चारों विधानसभा सीटों पर भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन आहूत कर रही है। इसमें बूथस्तर से लेकर इसके अंतर्गत सूक्ष्म समितियों तक के प्रभारियों, कार्यकर्ताओं से बड़े नेता सीधे संपर्क में हैं। वहीं इन कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाने प्रदेश संगठन भी बड़े नेताओं को इनके बीच भेज रहा है। मसलन, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ही प्रबुद्ध वर्ग के अलावा नरसिंहपुर विधानसभा के कार्यकर्ता सम्मेलन में पहुंचे। अब इसी तरह की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को मिली है। वे सोमवार 14 अगस्त को तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में होने जा रहे कार्यकर्ता सम्मेलन में अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे। तेंदूखेड़ा सीट पर भाजपा की विशेष नजर है। इस बार उसने इसे अपनी प्रतिष्ठा से भी जोड़ रखा है। कारण, सांसद राव उदय प्रताप सिंह और पार्टी के जिला अध्यक्ष इंजी. अभिलाष मिश्रा इसी क्षेत्र से आते हैं। प्रदेश संगठन द्वारा विधानसभा क्षेत्रवार पार्टी के जिला पदाधिकारियों को भी लगातार नगर-ग्रामीण मंडल की कार्यकारिणी की बैठकें लेने का जिम्मा दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, तमाम समझाइशों के बावजूद नेताओं में एकजुटता होती न देख संगठन ने भी इन्हें मनाने की कोशिशें छोड़ दी हैं। अब संगठन के कर्ता-धर्ता विपरीत खेमों के पदाधिकारियों को एक-दूसरे के क्षेत्र में गतिविधियां संचालित करने का जिम्मा सौंप रहे हैं। इसका फायदा यह है कि मजबूरी में ही सही लेकिन सारे के सारे एक छत के नीचे आ रहे हैं।

कांग्रेस : छिंदवाड़ा की भक्ति के बाद आदिवासी सम्मान की फिक्र

जिले में संगठनात्मक तौर पर कांग्रेस का हुलिया बिगड़ा हुआ है। विधानसभा क्षेत्रवार गुटों में बटे नेताओं के बीच खींचतान बरकरार है। इसका उदाहरण छिंदवाड़ा में बागेश्वरधाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र शास्त्री की तीन दिनी राम कथा दौरान दिख चुका है, जिसमें नेता अपने-अपने समर्थकों के साथ अलग-अलग पहुंचे थे। खैर, शास्त्रीजी से परस्पर प्रेम, अपनत्व का संदेश सुनकर लौटे नेता आदिवासियों के सम्मान की फिक्र में लग गए हैं। गत दिवस आदिवासी दिवस के कांग्रेसियों ने बाकायदा मंच पर पगड़ी, साफा पहन कर, इस वर्ग के प्रति अपना सम्मान भी जाहिर किया। यह बात और है कि बार-बार पूछे जाने के बावजूद वे ये जबाव नहीं दे पा रहे हैं कि प्रदेश में आदिवासियों पर बढ़ते अत्याचार पर जिले में वे अपना रोष क्यों प्रदर्शित नहीं कर पाते हैं। कांग्रेसियों में गुस्सा तो देखा गया लेकिन नरसिंहपुर नगर कांग्रेस अध्यक्ष को हटाने को लेकर। और वह भी अपनों के ही खिलाफ। नगर कांग्रेस अध्यक्ष बदलने से कांग्रेसियों में अपनों के प्रति उपजा रोष थमने का नाम नहीं ले रहा है। पद से हटाए गए नगर अध्यक्ष के धड़े का कहना है कि नए अध्यक्ष कुछ साल पहले ही कांग्रेस में आए हैं और उन्हें कमान देने से निचले स्तर का कार्यकर्ता मायूस है। हालांकि नए की नियुक्ति के बाद भी यही स्थिति है। पुराने अध्यक्ष सत्तापक्ष पक्ष व मुद्दों पर सर्वाधिक मुखर थे। युवाओं के बीच उनकी पैठ थी। लेकिन नए अध्यक्ष ने ऐसा कोई रूख अब तक नहीं दिखाया है। नगर अध्यक्ष पद के दावेदारों में शमार रहे नेताओं का कहना है कि, जमीनी कार्यकर्ताओं को मनाने यदि पुराने नगर अध्यक्ष कों हटाना जरूरी हो गया था तो फिर नए के चयन का आधार क्या रहा? इस सवाल का जवाब पार्टी में किसी के पास नहीं है।

Created On :   12 Aug 2023 8:38 AM GMT

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