रविवार को बदला मौसम, खुले आसमान के नीचे रखी 46 करोड़ की धान, बोरियों में हो रहा अंकुरण

परिवहन ठेकेदार पर अब तक 5 लाख का जुर्माना प्रस्तावित फिर भी नहीं सुधर रही स्थिति रविवार को बदला मौसम, खुले आसमान के नीचे रखी 46 करोड़ की धान, बोरियों में हो रहा अंकुरण

डिजिटल डेस्क अनूपपुर। 29 नवंबर से जिले में चल रहे धान उपार्जन का कार्य 20 जनवरी को समाप्त हो गया है। इस वर्ष 18 हजार 236 कृषकों ने धान बिक्री के लिए अपना पंजीयन कराया था। जिसमें से  13 हजार 749 कृषकों के द्वारा 7 लाख 25 हजार 72 क्विंटल धान बेची जा चुकी है।22 जनवरी से जिले में बारिश का दौर शुरू हो चुका है। शनिवार को मौसम ने करवट ली और शाम से ही बूंदाबांदी का दौर चलता रहा । बारिश से धान को बचाने के लिए समितियों के पास संसाधनों की कमी है ऐसे में परिवहन की सुस्त रफ्तार भी धान पर संकट उत्पन्न कर रही है। लगातार कमी के कारण अधिकांश समितियों में नीचे रखी बोरियों में धान अंकुरित भी होने लगी है।
धान ढकने के इंतजाम नहीं
नागरिक आपूर्ति विभाग के द्वारा भले ही बारिश से धान को बचाने के लिए तैयारी पूरी होने के दावे किए जा रहे हैं, वास्तविकता के धरातल पर हकीकत कुछ और ही है। जिला मुख्यालय के ही पटना समिति के खरीदी क्रमांक 1 एवं दो में 15 हजार क्विंटल धान रखी हुई है, जिसे ढकने के लिए तिरपाल कम पड़ रहा है। यही हाल वेंकट नगर के सिंघौरा का भी है, यहां भी धान की मात्रा अधिक है और संसाधनों की कमी है। समितियों के द्वारा भले ही धान को तिरपाल से ढक दिया गया है किंतु जमीन में भरने वाला पानी लगातार धान को भिगो रहा है।
लक्ष्य भी नहीं हो पाया पूरा
इस वर्ष जिले में धान की बंपर पैदावार को देखते हुए धान उपार्जन के लिए 9 लाख क्विंटल का लक्ष्य रखा गया था। 4 हजार 485 किसान उपार्जन समितियों तक पहुंचे ही नहीं, जिसकी वजह से भी निर्धारित लक्ष्य से धान की खरीदी एक लाख 74 हजार क्विंटल पीछे रही। धान को रखने के लिए जिले में जगह की कमी भी पड़ रही है जिसके लिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं बनाई जा रही है अधिकांश समितियों को ही धान के संधारण के लिए निर्देशित किया गया है। उपार्जन समितियों में ही स्टेक लगाकर धन को सुरक्षित रखवाया जा रहा है।
86 करोड़ का भुगतान शेष
जिले में अब तक  किसानों से 140 करोड़ 66 लाख 64 हजार 23 रुपए की धान खरीदी जा चुकी है, जिसके विरुद्ध अब तक54 करोड़ 14 लाख 48 हजार 760 रुपए का भुगतान ही किसानों को हो पाया है। जिले में अभी भी 86 करोड़ 71 लाख रुपए का भुगतान शेष है, किसानों के द्वारा लगातार शिकायत की जा रही थी कि धान का उपार्जन होने के बाद भी उनके मोबाइल में संदेश आने में देरी हुई। और इसी देरी की वजह से भी भुगतान विलंब से हो रहा है।
अब तक 5 लाख का जुर्माना प्रस्तावित
 जिले में भंडारण के लिए जगह कम होने की वजह से धान को डिंडोरी और उमरिया जिले में भेजा जा रहा  था जहां भी भंडारण के लिए पर्याप्त स्थान नहीं होने की वजह से परिवहन रोक दिया गया था। अब जिले में ही दारसागर तथा सजहा वेयर हाउस में ही धान का भंडारण होना है। परिवहन ठेकेदार द्वारा की जा रही लापरवाही को देखते हुए अब तक उसके विरुद्ध 5 लाख रुपए का जुर्माना भी प्रस्तावित किया जा चुका है जिसका निर्धारण क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय सतना से होना है बावजूद इसके परिवहन ठेकेदार के कार्य में तेजी नहीं आ रही है और धान पर संकट मंडराता जा रहा है।
आधा दर्जन समितियों को परिवहन के आदेश
परिवहन ठेकेदार के द्वारा लगातार की जा रही  हीला हवाली को देखते हुए नागरिक आपूर्ति निगम के द्वारा पटना, निगवानी सहितआधा दर्जन उपार्जन समितियों को स्वयं की व्यवस्था पर ही परिवहन कराने के निर्देश दिए गए हैं। इन सब के बावजूद भी जिले में अभी भी दो लाख क्विंटल से ज्यादा की धान खुले आसमान के नीचे रखी हुई है जिसकी कीमत 46 करोड़ रुपए से ज्यादा की है।
इनका कहना है
परिवहन ठेकेदार पर लगातार अर्थदंड प्रस्तावित किया जा रहा है, समितियों को भी निर्देशित किया गया है कि वह स्वयं की व्यवस्था पर भी परिवहन करा सकते हैं।
विजय डेहरिया
प्रभारी प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम,अनूपपुर

Created On :   23 Jan 2022 3:31 PM GMT

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