मध्य प्रदेश: बेटी से रेप की रिपोर्ट दर्ज कराने चार दिन तक भटकता रहा पिता, पुलिस की लापरवाही पर एसपी ने साधी चुप्पी

बेटी से रेप की रिपोर्ट दर्ज कराने चार दिन तक भटकता रहा पिता, पुलिस की लापरवाही पर एसपी ने साधी चुप्पी
महिला थाना पुलिस ने बजाग पहुंच कर कराया मामला दर्ज, चार गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क, डिंडोरी। आदिवासियों और किशोरियों के उत्पीडऩ से जुड़े मामलों में डिंडोरी पुलिस कितना संजीदा रहती है, इसका बड़ा मामला मंगलवार (21 नवंबर) को तब सामने आया जब चार दिन तक एफआईआर और उसके बाद आरोपियों को गिरफ्तार किए जाने में पुलिस की हीलाहवाली से परेशान पिता मीडिया के सामने आया। विक्रमपुर स्कूल टोला गांव की नाबालिग दुष्कर्म पीडि़ता के पिता के अनुसार बजाग थाने में मेरी रिपोर्ट नहीं लिखी गई। चुनाव होने के कारण शहर तक पहुंचने के साधन नहीं थे। 19 तारीख को बसें शुरू हुईं तो मैं अपनी पीडि़त बेटी को साथ लेकर डिंडोरी में अजाक व महिला थाना पहुंचा। वहां से महिला सेल बेटी को साथ लेकर बजाग थाना आई, तब मामला दर्ज हुआ। आरोपी सक्षम थे इसलिए रिपोर्ट दर्ज हुए दो दिन हो गए पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर रही। पीडि़ता के पिता के मीडिया के सामने आने के चंद घंटे बाद, मंगलवार को ही पुलिस ने 24 वर्षीय मुख्य आरोपी अंकित पिता फागुदास मानिकपुरी को गिरफ्तार कर लिया। शेष 3 आरोपियों को बुधवार शाम गिरफ्तार किया गया। इधर बजाग थाना पुलिस की इस लापरवाही पर एसपी संजीव कुमार सिन्हा ने यह कहते हुए चुप्पी साध ली है कि, ऐसे किसी मामले में पुलिस द्वारा मामला दर्ज न किये जाने की कोई शिकायत मेरे पास नहीं आई है।

15 तारीख की है घटना

हासिल जानकारी के मुताबिक बजाग से करीब 5 किलोमीटर दूर स्थित विक्रमपुर स्कूल टोला गांव की रहने वाली 16 वर्षीय किशोरी 15 नवंबर की शाम 5 बजे बिरसा मुंडा जयंती कार्यक्रम में शामिल होने दूसरे मोहल्ले में जा रही थी। उसके साथ बुआ की लडक़ी व चाचा का लडक़ा भी था। तीनों साइकिल पर थे। रास्ते में कार क्र.एमपी 20 सी.के. 3695 में सवार गांव के परिचित चार युवकों ने वाहन रोक कर किशोरी व उसकी बहन को कार्यक्रम स्थल तक छोडऩे के लिए बैठा लिया। आरोपियों ने इन्हें बैठाने के बाद कार जंगल की तरफ मोड़ दी। इस बीच कार की पिछली सीट पर बैठे मुख्य आरोपी अंकित ने एक नाबालिग किशोरी के साथ दुष्कर्म किया। चीखने-चिल्लाने की आवाज बाहर न जाए इसलिए आरोपियों ने कार का साउंड सिस्टम तेज आवाज में बजाना शुरू कर दिया था। करीब डेढ़़ घंटे बाद चारों आरोपित युवक उन्हें वापस घर के नजदीक छोड़ कर भाग गए।

पुलिस राजीनामा की सलाह देती रही

किशोरी ने घर पहुंचते ही घटना की जानकारी अपने परिजनों को दी। इस पर किशोरी का पिता पीडि़ता को लेकर रात में ही बजाग थाना पहुंचा। किशोरी के पिता का आरोप है कि घटना वाली रात जब वे थाने में शिकायत करने पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें राजीनामा करने की सलाह देकर थाने से लौटा दिया। थाने में मौजूद पुलिस वालों का कहना था कि एफआईआर कराने से कुछ नहीं होगा। तुम राजीनामा कर लो। पिता के अनुसार चुनाव के कारण शहर तक पहुंचने का साधन नहीं था। 19 तारीख को वे साधन मिलने पर बेटी को लेकर डिंडोरी में महिला थाना और अजाक थाना गए तब जाकर केस दर्ज किया गया।

बचाव के ढूंढे जाने लगे बहाने

आदिवासी नाबालिग किशोरी के उत्पीडऩ से जुड़े मामले में त्वरति कार्यवाही के सवाल पर घिरी पुलिस अब बचाव के बहाने ढूंढने लगी है। बजाग थाना प्रभारी मोहन धुर्वे ने इस बात को सिरे से ही नकार दिया कि घटना दिनांक को इस मामले की रिपोर्ट उन तक पहुंची। उन्होंने शिकायत प्राप्त होने पर मामला कायम करने और मिलते ही मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किए जाने की बात कही। एएसपी जगन्नाथ मरकाम ने पुलिस द्वारा मंगलवार को मुख्य आरोपी तथा शेष तीन को बुधवार शाम गिरफ्तार कर लिये जाने की पुष्टि की है। श्री मरकाम के अनुसार कार भी जब्त कर ली गई है। कार एक शिक्षक की है और उसका बेटा भी आरोपियों में शामिल है। श्री मरकाम ने मामला दर्ज होने में विलंब से यह कहते हुए इंकार किया कि , मुख्यालय पर मामला संज्ञान में आते ही मामला दर्ज किया गया है। एसपी संजीव कुमार सिन्हा ने एफआईआर व गिरफ्तारी की बात दोहराई लेकिन पीडि़ता के पिता के आरोपों व कार्यवाही में देरी के मामले में यह कहते हुए चुप्पी साध ली कि, उन तक ऐसी कोई शिकायत अब तक नहीं पहुंची है। श्री सिन्हा ने कहा, यदि पीडि़ता के पिता की तद्संदर्भ में उन तक शिकायत आती है और पुलिस द्वारा लापरवाही की बात पुष्ट होती है तो वे जरूर सख्त एक्शन लेंगे

Created On :   23 Nov 2023 4:13 AM GMT

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