चैत्र नवरात्रि 2021: मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप की पूजा से इच्छाएं होंगी पूरी, इस मंत्र का करें जाप

Chaitra Navratri 2021: Worship Skandmata today with this method
चैत्र नवरात्रि 2021: मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप की पूजा से इच्छाएं होंगी पूरी, इस मंत्र का करें जाप
चैत्र नवरात्रि 2021: मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप की पूजा से इच्छाएं होंगी पूरी, इस मंत्र का करें जाप

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नवरात्रि का हर दिन देवी दुर्गा के नौ रूपों में से एक रूप को समर्पित रहता है। इसी प्रकार नवरात्रि का पांचवा दिन स्कंदमाता को समर्पित है। इस बार 17 अप्रैल, शनिवार को स्कंदमाता की पूजा की जा रही है। स्कंदमाता को सृष्टि की पहली प्रसूता स्त्री माना जाता है। भगवान स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है। वहीं स्कंदमाता कमल पर विराजमान होती हैं। इस कारण इन्हें पद्मासना नाम से भी जाना जाता है।

माँ अपने भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती हैं। इस दिन का शास्त्रों में अलौकिक महत्व बताया गया है। स्कंदमाता की पूजा पवित्र और एकाग्र मन से करनी चाहिए। स्कंदमाता की उपासना से भक्त की सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। इसके अलावा जिनके संतान नहीं हैं उन्हें संतान की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं माता के स्वरूप और पूजा विधि के बारे में...

चैत्र नवरात्रि: जानें किस दिन होगी किस स्वरूप की होगी पूजा

माता का स्वरूप
स्कंदमाता की चार भुजाएँ हैं। इनके दाहिनी तरफ की ऊपर की भुजा, जो ऊपर की ओर उठी हुई है, उसमें कमल पुष्प है। दाईं तरफ की नीचे वाली भुजा वरमुद्रा में और ऊपर वाली भुजा जो ऊपर की ओर उठी है उसमें भी कमल पुष्प लिए हुए हैं। ये कमलासन पर विराजमान रहती हैं। जिस कारण इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है और सिंह इनका वाहन है।

इस विधि से करें पूजा
मां स्‍कंदमाता की उपासना करने के लिए कुश के पवित्र आसन पर बैठें। इसके बाद कलश और फिर स्‍कंदमाता की पूजा करें। पूजा में मां को श्रृंगार का सामान अर्पित करें और प्रसाद में केले या फिर मूंग के हलवे का भोग लगाएं। स्कंदमाता की पूजा कुमकुम, अक्षत से करें, चंदन लगाएं, तुलसी माता के सामने दीपक जलाएं, पीले रंग के कपड़े पहनें। 

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यदि आप मां स्कंदमाता के नाम का व्रत और पूजन कर रहे हैं तो सुबह स्नानादि करके सफेद रंग के आसन पर विराजमान होकर देवी की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठ जाएं। हाथ में स्फटिक की माला लें और इस मंत्र का कम से कम एक माला यानि 108 बार जाप करें:

मंत्र:- ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः॥

प्रार्थना मंत्र:-

सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥

Created On :   17 April 2021 4:25 AM GMT

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