माता के इस स्वरुप की उपासना करने से होता है सभी रोगों का नाश

Navratri 2021: Worshiping this form of mother destroys all diseases
माता के इस स्वरुप की उपासना करने से होता है सभी रोगों का नाश
पूजा का लाभ माता के इस स्वरुप की उपासना करने से होता है सभी रोगों का नाश

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।  माता रानी के विभिन्न स्वरुपों में से सबसे भयानक कालरात्रि माता के स्वरुप को माना जाता है। कहा जाता है कि कालरात्रि स्वरुप माता का वो स्वरुप है जिनके तीन नेत्र हैं। मां के इस स्वरुप को प्रसन्न करने के कई फायदे हैं। मां कालरात्रि को बेशक उनके क्रोध के लिए जाना जाता  है पर वह हमेशा भक्तों का कल्याण करती हैं, मां उनके भक्तों को रोग मुक्त करने के साथ कई वरदान भी देती हैं। यही वजह है कि मां कालरात्रि को शुभंकरी भी कहते हैं। 

मां कालरात्रि की पूजा के लाभ-  
मान्यता है कि मां कालरात्रि की उपासना से शत्रु और विरोधी दोनों नियंत्रित होते हैं। मां की पूजा को शत्रुओं पर विजय पाने के लिए काफी शुभ माना गया है। मां कालरात्रि की पूजा से नकारात्मक प्रभाव बेअसर होते हैं, यही नहीं इनकी पूजा से भय का भी नाश होता है। मां कालरात्रि के उपासक उनकी कृपा से रोग मुक्त होते हैं। ग्रहों में न्याय देवता शनी भी कालरात्रि माता की उपासना से प्रसन्न होकर नियंत्रित हो जाते हैं। माता अपने भक्तों को अभय दान देती हैं और सभी रोगों से दूर भी रखती हैं।    

नवरात्रि के दौरान मां कालरात्रि की पूजा का विशेष महत्व है। मां को नवरात्रि में घी का दिपक लगाकर लाल फुल अर्पण किया जाता है। माना जाता है कि कालरात्रि माता को गुड़ प्रिय है। इसलिए माता को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्त उन्हें गुड़ का भोग लगाते हैं। मां कालरात्रि को मां दुर्गा का रौद्र रुप माना जाता है। पुराणों में बताया गया है कि माता पार्वती ने शुंभ-निशुंभ असुरों को मारने के लिए मां कालरात्रि को स्वर्ण अवतार दिया था। मां के इस स्वरुप को उस दिन से कालरात्रि के नाम से जाना जाने लगा। मां कालरात्रि ने शुंभ-निशुंभ का वध किया था। इन्हें शक्ति के विभिन्न रुपों में से शुंभ निशुंभ संहारक मां काली के नाम से भी जाना जाता है।  

Created On :   12 Oct 2021 11:05 AM GMT

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