अफगानिस्तान में महिलाओं के पैर में जंजीर डालकर घुमाया जा रहा, जाने वायरल हो रहे इस फोटो का सच 

fake news: In Afghanistan, women are being chained around their feet, Know truth of this photo
अफगानिस्तान में महिलाओं के पैर में जंजीर डालकर घुमाया जा रहा, जाने वायरल हो रहे इस फोटो का सच 
Fake news अफगानिस्तान में महिलाओं के पैर में जंजीर डालकर घुमाया जा रहा, जाने वायरल हो रहे इस फोटो का सच 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होते ही दुनियाभर से लोग अपनी संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई तस्वीरों के माध्यम से दिखाया जा रहा है कि कैसे तालिबान का कब्जा होते ही लोग अपने घरों को छोड़ दूसरे देशों की ओर पलायन कर रहे हैं। इसी बीच एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें दिखाया जा रहा है कि एक आदमी के पीछे तीन बुर्का पहने महिलाएं चल रही हैं। 

इन तीनों महिलाओं के पैर में एक जंजीर बंधी है जिसकी डोर उस आदमी ने पकर रखी है। ऐसा दावा किया जा रहा है की यह हाल की तस्वीर है। क्या बाकई ये अफगानिस्तान की तस्वीर है? आइए जानते हैं इसका सच...

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अत्याचार का सबसे बुरा सामना
तस्वीर को ट्वीटर पर एक टीवी चैनल के न्यूज ऐंकर शुभांकर मिश्रा ने शेयर किया और इसके साथ कैप्शन दिया, “ यह कैसे शुरू हुआ बनाम यह कैसा चल रहा है-1960-70 के दशक के दौरान #अफगानिस्तान यूरोपीय संस्कृति और एशियाई नैतिकता का एक आदर्श मिश्रण था”।

इसके कुछ समय बाद ही शुभांकर द्वारा इन दो तस्वीरों का एक कोलाज़ बना कर डाला गया, जिसके साथ उन्होंने लिखा “महिलाओं को हमेशा राक्षसों/आक्रमणकारियों द्वारा किए गए किसी भी अत्याचार का सबसे बुरा सामना करना पड़ता है”। ऊपर वाली तस्वीर पर उन्होंने 1960 लिखा और नीचे वाली तस्वीर पर 2021।

इसी के साथ एक और ट्वीटर यूजर ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा “भगवान महिलाओं और बच्चों की रक्षा करें, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्था नाकाम हो गई है”। इसके अलावा कई यूजर्स ने इस तस्वीर को फेसबुक पर भी शेयर किया है।

क्या सच में जंजीरों से बांधा गया है महिलाओं को?
तस्वीर को देख ऐसा लग रहा है कि यह एडिट्ड हो सकती है, इस तसवीर को बारीकी से देखने पर पता चलता है कि जंजीर की परछाई सिर्फ पहले दो लोगों के बीच नजर आ रही है। लेकिन पीछे की दो महिलाओं के बीच यह परछाई गायब है। ऐसा तब हो सकता है जब किसी फोटो को बारिकी से ऐडिट किया जाए।

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जब हमने रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें एक और अन्य न्यूज़ के बंगाली संस्करण का एक 2017 का आर्टिकल मिला, जिसमें यह तस्वीर शामिल है। आगे जांच करने पर हमें साल 2011 और 2012 एक ब्लॉग मिला जिसमें इस तस्वीर को दिखाया गया है। उसमें किसी भी बेड़ियों का इस्तेमाल नहीं किया गया है। रिपोर्ट्स से यह बात साफ हो जाती है की तस्वीर अभी से 10 साल पुरानी है और इसे एडिट किया गया है। 

Created On :   18 Aug 2021 8:51 AM GMT

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