9/11 की बरसी पर ट्रम्प ने एयरफोर्स वन में यात्रा के दौरान रखा मौन

Trump kept silence while traveling on Air Force One on 9/11
9/11 की बरसी पर ट्रम्प ने एयरफोर्स वन में यात्रा के दौरान रखा मौन
9/11 की बरसी पर ट्रम्प ने एयरफोर्स वन में यात्रा के दौरान रखा मौन
हाईलाइट
  • 9/11 की बरसी पर ट्रम्प ने एयरफोर्स वन में यात्रा के दौरान रखा मौन

वाशिंगटन, 12 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 11 सितंबर, 2001 को हुए आतंकवादी हमलों की बरसी पर कुछ क्षणों के लिए मौन रखा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने ऐसा एयरफोर्स वन में यात्रा के दौरान किया।

द हिल न्यूज वेबसाइट ने एक रिपोर्ट में कहा कि शुक्रवार को ट्रम्प ने फ्लाइट 93 मेमोरियल सेवा के वार्षिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पेनसिल्वेनिया के शैंक्सविले की यात्रा की।

इस यात्रा के दौरान ट्रम्प और उनके कर्मचारियों ने सुबह 8.46 बजे कुछ क्षणों का मौन रखा। इसी समय विमान न्यूयॉर्क में वल्र्ड ट्रेड सेंटर के उत्तरी टॉवर से टकराया था।

राष्ट्रपति के अलावा प्रथम महिला मेलानिया ट्रम्प, परिवहन सचिव एलेन चाओ, व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मीडोज और उप प्रमुख डैन स्कैविनो उन लोगों में शामिल थे जिन्होंने एयरफोर्स वन के स्टाफ केबिन में मौन रखा।

फ्लाइट 93 में सवार 40 लोगों को याद करते हुए ट्रम्प ने कहा, फ्लाइट 93 के हीरो अमेरिकी संकल्प का प्रतीक हैं कि चाहे कोई भी खतरा हो, कैसी भी चुनौती हो अमेरिकी लोग हमेशा डटकर खड़े होते हैं और लड़ते हैं।

बता दें कि यह विमान जब वॉशिंगटन डी.सी. जा रहा था, तब उसे हाईजैक कर लिया गया था। विमान के यात्रियों ने कॉकपिट पर वापस नियंत्रण पाने के लिए लड़ाई लड़ी और फिर विमान पेनसिल्वेनिया में एक खेत में क्रैश हो गया था। चार अपहर्ताओं सहित इस विमान में सवार सभी लोग मारे गए थे।

द हिल न्यूज वेबसाइट ने बताया कि यह ट्रम्प का शैंक्सविले में 9/11 स्मारक पर दूसरा दौरा था। इससे पहले वे 2018 में यहां आए थे।

इस बीच न्यूयॉर्क शहर में डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन और उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने तालिबान आतंकवादी समूह द्वारा किए गए विभिन्न हमलों में जान गंवाने वाले लोगों को सम्मान दिया। दोनों मैनहट्टन में वल्र्ड ट्रेड सेंटर मेमोरियल स्थल पर पहुंचे और एक दूसरे की कोहनी टकराकर अभिवादन किया।

बाद में बिडेन ने शैंक्सविले की भी यात्रा की और पीड़ितों के कुछ परिवारों से मुलाकात की।

बता दें कि इन आतंकी हमलों में 2,977 लोग मारे गए थे और 25,000 से अधिक लोग घायल हुए थे। यह मानव इतिहास के सबसे घातक आतंकवादी हमले थे।

एसडीजे/जेएनएस

Created On :   12 Sep 2020 8:00 AM GMT

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