महाशक्तियों के बीच शुरू हुई जासूसी की जंग, रूस ने अमेरिकी जासूसों पर लगाया iPhone हैक करने का आरोप

महाशक्तियों के बीच शुरू हुई जासूसी की जंग, रूस ने अमेरिकी जासूसों पर लगाया iPhone हैक करने का आरोप

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका और सोवियत संघ के बीच 90 के दशक की वो पुरानी दुश्मनी जिसे तब कोल्डवार के नाम से जाना जाता था,आज फिर से देखने को मिल रही है। ये अलग बात है कि आज के समय में सोवियत संघ की जगह रूस ने ले ली है। आज जब रूस यूक्रेन के साथ युद्ध लड़ रहा है तो ऐसे में रूस की खुफिया एजेंसी एफएसबी ने अमेरिका पर एक बड़ा आरोप लगाया है, जिसमें कहा है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी के हैकरों ने रूसी नागरिकों और बड़े राजनयिकों के iPhone को हैक कर लिया है। इनमें नाटों, इजरायल, सीरिया और चीन के कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल है।

दुनिया ने जब दो विश्व युद्ध देखे और उनसे होने वाले विध्वंश और मानवता के संहार का दृश्य देखा तो पश्चिम के बुद्धिजीवियों ने ये भविष्यवाणी की थी कि अब कभी तीसरा विश्व युद्ध नहीं होगा। लेकिन हथियारों की लड़ाई और गुटबाजी ने दुनिया को फिर से उसी मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है। अब यह लड़ाई टेक्नोलॉजी से लड़ी जा रही है।

संचार के इस युग में फोन की सुरक्षा को बनाए रखना सबसे बड़ा संकट बन गया है। फिर भी iPhone को दुनिया को सबसे सुरक्षित फोन माना गया है। iPhone की मदर कंपनी एप्पल भी ग्राहकों को यही भरोसा देती है। इस बीच रूस की खुफिया एजेंसी ने दावा किया है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने रूसी लोगों के साथ-साथ रूस के विदेशी डिप्लोमेट्स का फोन हैक किया है। लेकिन रूस ने इन दावों के संदर्भ में किसी भी प्रकार के ठोस प्रमाण नहीं दिए है।

रूस की खुफिया एजेंसी एफएसबी ने एप्पल पर भी अमेरिकी खुफिया एजेंसी के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया है, रूस के इन आरोपों के बाद एप्पल कंपनी ने भी बयान जारी करके यह कहा कि वह इस मसले पर कोई कमेंट नहीं करना चाहती है लेकिन उसने अमेरिकी खुफिया एजेंसी के साथ मिलकर काम करने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।

रूस पर जारी हैं अमेरिकी प्रतिबंध

पिछले एक साल से रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को देखते हुए अमेरिका ने रूस पर कई सारे आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए, जिससे रूस की वर्तमान की वित्तीय स्थिती कुछ कमजोर हुई है। दोनों आर्थिक महाशक्तियां आर्थिक विकास की दौड़ में एक दूसरे को पीछे छोड़ने में लगी हुई हैं। अगर रूस और यूक्रेन युद्ध को देखें तो अमेरिकी प्रतिबंधों से मास्को के आर्थिक क्रिया-कलापों पर काफी भारी असर पड़ा है।

रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से छाए वैश्विक मंदी के बादल

किसी भी युद्ध का यह इतिहास रहा है जब भी दो देशों या महाशक्तियों के बीच युद्ध हुआ है तो इस सबसे बड़ा असर वहां के आम जनमानस पर पड़ता है। आज फिर से रूस-यूकेन युद्ध की वजह से वैश्विक खाद्यान संकट और आर्थिक संकट पैदा हो गया है। यूक्रेन के कृषि और खाद्य मंत्री मायकोला सोल्स्की ने कहा है कि रूस के हमले के बीच अनाज और तिलहन के निर्यात में इस साल एक तिहाई की गिरावट आने की संभावना है। सोल्स्की ने कहा कि यूक्रेन 2023 में विदेशों में लगभग 46 मिलियन टन अनाज और तिलहन की आपूर्ति करेगा।

रूस की समाचार एजेंसी सिन्हुआ से कहा कि यूक्रेन के अनाज निर्यात में इस वर्ष 40 फीसदी की कमी आएगी। आपको बताते चले की यूक्रेन प्रमुख रूप से गेहूं,मक्का के साथ मोटे अनाज का निर्यात करता था। रूस के साथ-साथ कुछ यूरोपीय देशों ने यूक्रेन पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए जिसका असर यूक्रेन की अर्थव्यवस्था पर साफ-साफ देखने को मिल रहा है।

Created On :   2 Jun 2023 2:55 PM GMT

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