भोजशाला विवाद: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने जारी किया बड़ा आदेश, ज्ञानवापी की तरह भोजशाला का भी सर्वे करेगी एएसआई

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने जारी किया बड़ा आदेश, ज्ञानवापी की तरह भोजशाला का भी सर्वे करेगी एएसआई
  • हाईकोर्ट के इंदौर बेंच ने जारी किया आदेश
  • भोजशाला स्मारकर का सर्वे करेगी एएसआई
  • हिंदू पक्ष की ओर से दायर याचिका पर फैसला

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित भोजशाला को लेकर हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। भोजशाला के मंदिर या मस्जिद होने को लेकर पिछले दो सालों से केस चल रहा था। अब हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने इस मामले में बड़ा फैसला देते हुए सर्वे करने का आदेश जारी किया है। कोर्ट ने हिंदू पक्ष की ओर से पेश किए गए सबूतों के आधार पर आर्किलॉजिक सर्वे ऑफ इंडिया यानि कि एएसआई को छह हफ्ते के भीतर सर्वे करने का आदेश दिया है। हिंदू पक्ष का दावा है कि यह माता वागदेवी का मंदिर है।

कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा?

दरअसल, दो साल पहले हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने कोर्ट में याचिका दायर कर एएसआई से सर्वे कराने की मांग की थी। हिंदू पक्ष की ओर से यह याचिका इसलिए दाखिल की गई थी। ताकि भोजशाला मंदिर है या फिर मस्जिद यह साबित हो सके। इस मामले की सुनवाई में हिंदू पक्ष ने सबूत के रूप में कुछ फोटोज पेश की। इन फोटोज में भोजशाला के खंभों पर संस्कृत में श्लोक लिखे हुए थे। इसमें बताया गया कि यह माता वागदेवी का मंदिर है और इसकी मूर्ति लंदन के म्यूजियम में मौजूद है। जिसके बाद कोर्ट ने एएसआई को सर्वे करने का आदेश दिया।

मंदिर या मस्जिद को लेकर विवाद

भोजशाला एएसआई संरक्षित एक स्मारक है। हिंदू पक्ष इस स्मारक को माता वागदेवी (माता सरस्वती) का मंदिर बताते हैं। साथ ही वह हर साल बसंत पंचमी को यहां माता सरस्वती की पूजा-अर्चना करते हैं। जबकि मुस्लिम पक्ष इसे कमल मौला मस्जिद होने का दावा करता है। इसके आधार पर मुस्लिम समुदाय के लोग यहां पर हर शुक्रवार को नमाज अदा करते हैं। तब तक इस स्मारक को लेकर कोई बवाल नहीं होता है। लेकिन जब बसंत पंचमी और जुमा एक ही दिन पड़ जाते हैं। तब दोनों पक्षों के बीच मामला गंभीर हो जाता है। अब एएसआई की सर्वे के आधार पर इस स्मारक के मंदिर या मस्जिद होने का फैसला किया जाएगा।

Created On :   11 March 2024 12:10 PM GMT

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