बजट में ये अहम फैसला लेकर मोदी सरकार ने चौंकाया था सबको, ब्रिटिश सरकार की 92 साल पुरानी परंपरा को किया था ध्वस्त

The Modi government surprised everyone by taking this important decision in the budget
बजट में ये अहम फैसला लेकर मोदी सरकार ने चौंकाया था सबको, ब्रिटिश सरकार की 92 साल पुरानी परंपरा को किया था ध्वस्त
आम बजट-2023 बजट में ये अहम फैसला लेकर मोदी सरकार ने चौंकाया था सबको, ब्रिटिश सरकार की 92 साल पुरानी परंपरा को किया था ध्वस्त
हाईलाइट
  • आम बजट से रेलवे बजट को मिलाया

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। देश में साल 2023 का क्या आम बजट रहने वाला है। इसका बही खाता भारत की फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण एक फरवरी यानि बुधवार को संसद के पटल पर रखने वाली हैं। जिसके बाद से ही देश की जनता सरकार की ओर टकटकी लगाई हुई है। अब पूरे देश की नजर मोदी सरकार के इस बजट पर जा टिकी है। सबका एक ही सवाल है कि क्या इस बार टैक्स में कोई छूट मिलने वाली है? हालांकि, इस सवाल के जवाब के लिए कुछ और घंटो का इंतजार करना होगा। जिसके बाद से सारे सवालों के जवाब मिल जाएंगे। उससे पहले ये जानिए कि बजट में कब ऐसा बदलाव हुआ जिसके बाद बरसों से चली आ रही एक परंपरा खत्म हो गई।

92 साल की पुरानी पंरपरा को किया ध्वस्त

दरअसल, आम जन के साथ ही नरेंद्र मोदी सरकार के लिए भी यह बजट बेहद खास रहने वाला है। क्योंकि साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। आमचुनाव से पहले यह सरकार का अंतिम पूर्ण बजट है। अर्थशास्त्रियों के मुताबिक, इस बजट में मीडिल क्लास को मोदी सरकार कोई बड़ी सौगात दे सकती है। हो सकता है कि टैक्स में कुछ रियायत दें। क्योंकि आगामी लोकसभा चुनाव में जनता को भी तो साधना है। 1 फरवरी 2023 को संसद में निर्मला सीतारमण देश के सालभर का बजट पेश करने वाली हैं। जिनमें वह बताएंगी कि साल भर में सरकार किन-किन क्षेत्रों को विकसित करने के लिए कितने पैसे खर्च करने वाली है। बता दें कि, पहले कुछ ऐसे भी क्षेत्र हुआ करते थे जिन्हें आम बजट से एक दिन पहले ही पेश कर दिया जाता था। मोदी सरकार के कार्यकाल में बजट के कुछ नियमों में बदलवा किया गया है। जो करीब 92 सालों से चली आ रही थी।

आम बजट से रेलवे बजट को मिलाया

आम बजट में कोई भी सरकार रक्षा, शिक्षा,रेलवे और स्वास्थ्य पर ज्यादा फोकस करती है। ताकि देश को समृद्ध बनाया जा सके। हालांकि, मोदी सरकार ने बजट में एक बड़ा बदलाव साल 2017 में किया था। पहले रेलवे के लिए अलग से बजट पेश किए जाते थे। खुद मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल साल 2015 और 2016 में आम बजट और रेलवे बजट को अलग-अलग पेश किए थे। लेकिन पुरानी पंरपराओं को बदलने के लिए साल 2016 में पहली नींव रखी गई और साल 2017 के आम बजट में रेलवे बजट को देश के आम बजट से जोड़ दिया गया था। तब से ही रेलवे का बजट देश के आम बजट के साथ ही पेश किया जाता है।  

7वीं बार एकसाथ पेश होंगे रेलवे और आम बजट

रेलवे बजट को अलग से पेश करने की परंपरा बहुत ही पुरानी रही है। साल 1924 से ही आम बजट पेश करने के एक दिन पहले ही रेलवे बजट को पेश कर दिया जाता था। लेकिन जब केंद्र में मोदी सरकार आई तब इसे बदलकर एकसाथ ही कर दिया गया और साल 2017 के आम बजट में रेलवे बजट को मिलाकर तत्कालिन वित्त मंत्री रहे दिवंगत अरूण जेटली ने यह पहला बजट पेश किया था। हालांकि, इस पूरे बजट में मोदी सरकार को नीति आयोग ने भी अपना साथ दिया था। जहां पर केंद्र सरकार और नीति आयोग ने ब्रिटिश सरकार के 92 साल की परंपरा को ध्वस्त करते हुए स्वदेशी परंपरा को अपनाया। जो अभी तक चलती आ रही है। यह 7वीं बार होगा जब रेलवे बजट और आम बजट एक साथ ही पेश होंगे।

Created On :   30 Jan 2023 8:41 AM GMT

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