कोरोना के डर से तीन साल तक बच्चे के साथ कमरे में कैद रही महिला, पति की शिकायत पर बाहर निकली तो दिखा बुरा हाल

गुरुग्राम कोरोना के डर से तीन साल तक बच्चे के साथ कमरे में कैद रही महिला, पति की शिकायत पर बाहर निकली तो दिखा बुरा हाल
हाईलाइट
  • तीन साल बाद पुलिस ने मां-बेटे का रेसक्यू कर उन्हें घर से बाहर निकाला है

डिजिटल डेस्क, गुरुग्राम। तीन साल पहले इस सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना की शुरुआत हुई थी। इस महामारी का लोगों के मन में ऐसा डर बैठा था कि लोगों ने अपने घर में ही खुद को बंद कर लिया था। लेकिन अब यह महामारी देश के पूरी तरह खत्म हो चुकी है। पिछले एक साल से पूरे देश में सब कुछ नॉर्मल हो चुका है। लेकिन हरियाणा के गुरुग्राम (गुड़गांव) से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर सभी चौंक गए हैं। दरअसल, एक 33 वर्षीय महिला कोविड के पहले लहर से ही अपने सात साल के बच्चे के साथ अपने घर में कैद हो गई थी। अब तीन साल बाद पुलिस ने मां-बेटे का रेसक्यू कर उन्हें घर से बाहर निकाला है। 

तीन साल तक घर में कैद रहे मां-बेटे

यह पूरा मामला देश की राजधानी दिल्ली के लगे शहर गुरुग्राम का है। शहर में स्थित मारूति विहार कॉलोनी में रहने वाली 35 वर्षीय कोरोना के डर से अपने 10 साल के बेटे के साथ पिछले तीन सालों से अपने ही घर में कैद थी। महिला के दिमाग में कोविड का डर इस कदर से बैठ चुका था कि उसे लग रहा था वो जैसे ही घर से बाहर निकलते ही उसे और उसके बेटे को कोरोना हो जाएगा। यहां तक कि उसने बाहर काम करने वाले अपने पति को भी घर के अंदर नहीं आने दिया था। बेबस पति अपनी पत्नी और बेटे से दूर एक किराए का मकान लेकर रहने लगा था। वह अपने पत्नी और बेटे से वीडियो कॉल पर ही बात करता था और सैलरी आते ही पैसे पत्नी के अकाउंट में ट्रांसफर कर देता था। 

बच्चे की पढ़ाई और सामान सभी ऑनलाइन

इन तीन सालों में महिला जरुरत के सभी सामान ऑनलाइन ही मंगाती थी। पति और डिलीवरी बॉय दोनों सामानों को गेट पर ही रखकर चले जाते थे। जिसके बाद महिला उन सामानों को मास्क लगाकर अंदर लाती थी और सेनाइज करने के बाद ही उनका उपयोग करती थी। जबकि पिछले तीन साल से महिला बच्चे की स्कूली पढ़ाई भी ऑनलाइन ही कराती थी। महिला ने स्कूल और ट्यूशन में बात करके बच्चे की सभी क्लासेस को ऑनलाइन करा दी थी। पति जैसे ही पैसे देता था वह फीस भर दिया करती थी। 

परेशान पति ने ली पुलिस की मदद

पिछले तीन सालों से पति और महिला के परिवार वालों ने उसे खूब समझाया लेकिन महिला घर से बाहर आने को तैयार नहीं हुई। जिसके बाद परेशान होकर पति ने 17 फरवरी को चक्करपुर पुलिस स्टेशन में मदद की मांग की। पति की इन बातों को सुनकर पहले तो पुलिस ने मामले पर विश्वास नहीं किया। लेकिन जब पति ने वीडियो कॉल पर अपने पत्नी और बेटे से बात कराई तो पुलिस ने मामले में दखल दिया। इसके बाद पुलिस ने महिला से बाहर आने की अपील की लेकिन महिला ने पुलिस की बात भी नहीं सुना। जिसके बाद पुलिस ने अगले दिन पूरी तैयारी के साथ घर का दरवाजा तोड़कर महिला और बच्चे को बाहर निकाला। महिला और बच्चे की जांच करने पर पता चला की महिला दिमागी रुप से बिमार है। जिसके बाद इलाज के लिए मनोरोग वार्ड में भर्ती कराया गया है। 

 

Created On :   23 Feb 2023 1:58 PM GMT

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