भारतीय मिशन: ईरानी सेना के जब्त मालवाहक पोत एमएससी एरीज पर सवार भारतीय महिला कैडेट की वतन वापसी

ईरानी सेना के जब्त मालवाहक पोत एमएससी एरीज पर सवार भारतीय महिला कैडेट की वतन वापसी
  • 13 अप्रैल को किया था बंधक
  • हॉर्मुज जलडमरूमध्य के पास एमसीएस एरीज को किया जब्त
  • विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईरान की सेना द्वारा इजरायल से संबंध रखने वाले मालवाहक जहाज के इस सप्ताहांत में बंधक बनाए गए। विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि मालवाहक पोत एमएससी एरीज पर सवार भारतीय चालक दल के 17 सदस्यों में शामिल महिला कैडेट ऐन टेस्सा जोसफ गुरुवार को कोचीन पहुंच गईं। । मंत्रालय ने बताया कि तेहरान में भारतीय मिशन मालवाहक पोत एमएससी एरीज के बाकी 16 भारतीय कर्मियों के साथ संपर्क में है।महिला केरल के त्रिशूर की रहने वाली थी।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि भारतीय दूतावास ने ईरानी अधिकारियों के समर्थन से जोसेफ की भारत वापसी सुनिश्चित की है। उन्होंने कहा कि दूतावास शेष 16 भारतीय चालक दल के सदस्यों की भलाई और कुशलता सुनिश्चित करने के लिए ईरानी पक्ष के संपर्क में है। जयसवाल ने क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी द्वारा कोचीन हवाई अड्डे पर जोसेफ का स्वागत करते हुए एक तस्वीर पोस्ट की।

न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक मंत्रालय ने जानकारी में बताया कि तेहरान में भारतीय मिशन मालवाहक पोत एमएससी एरीज के बाकी 16 भारतीय कर्मियों के साथ संपर्क में है। उसने कहा तेहरान में भारतीय मिशन और ईरान की सरकार के समन्वित प्रयासों से केरल के त्रिशूर की रहने वाली भारतीय कैडेट ऐन टेस्सा जोसफ आज अपराह्न में कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षित पहुंच गईं।हवाई अड्डे पर जोसफ का स्वागत क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी ने किया।

विदेश मंत्रालय ने कहा तेहरान में भारतीय मिशन इस मुद्दे पर काम कर रहा है और मालवाहक पोत के चालक दल के बाकी 16 कर्मियों के साथ संपर्क में है। उसने कहा कि चालक दल के सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा है और वे भारत में अपने परिजनों के साथ संपर्क में हैं।

आपको बता दें 13 अप्रैल को होर्मुज जलडमरूमध्य में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) की एक स्पेशल फोर्स युनिट ने मालवाहक को जब्त कर लिया था। ईरान के विदेश मंत्रालय ने मालवाहक जब्ती के पीछे समुद्री कानूनों का उल्लंघन बताया। 14 अप्रैल को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ईरानी समकक्ष होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन के साथ फोन पर बातचीत की। जयशंकर ने चालक दल के सदस्यों को लेकर चिंता व्यक्त की और कहा भारतीयों की रिहाई का मुद्दा उठाते हुए ईरान से सहायता का अनुरोध किया। उस समय ईरानी मंत्री आमिर-अब्दुल्लाहियन ने कहा था कि भारतीय अधिकारियों को भारतीय चालक दल के सदस्यों से मिलने की अनुमति दी जाएगी

Created On :   18 April 2024 12:20 PM GMT

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