आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा : YSR कांग्रेस के सांसदों का इस्तीफा

5 YSRCP MPs resign from Lok Sabha over Andhra Special Status
आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा : YSR कांग्रेस के सांसदों का इस्तीफा
आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा : YSR कांग्रेस के सांसदों का इस्तीफा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने के बाद शुक्रवार को YSR कांग्रेस के 5 सांसदों ने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया। पार्टी अध्यक्ष जगनमोहन रेड्डी ने बजट सेशन के आखिरी दिन अपने सांसदों से इस्तीफा देने की बात कही थी। शुक्रवार को बजट सेशन खत्म हो गया, जिसके बाद YSR कांग्रेस के 5 सांसदों ने लोकसभा स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंप दिया। हालांकि इसे अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है। इसके साथ ही जगनमोहन रेड्डी ने तेलगु देशम पार्टी के सांसदों को भी इस मुद्दे पर इस्तीफा देने की चुनौती दी है।

किसने-किसने दिया इस्तीफा?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुक्रवार को YSR कांग्रेस के 5 सांसदों ने अपना इस्तीफा लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को सौंप दिया। जिन सांसदों ने इस्तीफा दिया है, उनमें वायवी सुब्बारेड्डी, एम. राजमोहन रेड्डी, वायएस अविनाश रेड्डी, वी. वरप्रसाद रॉव और पीवी मिथुन रेड्डी का नाम शामिल है। बता दें कि लोकसभा में YSR कांग्रेस के 9 सांसद हैं, जिनमें से 5 ने इस्तीफा दे दिया है। हालांकि लोकसभा स्पीकर ने अभी तक इन इस्तीफों को मंजूर नहीं किया है।

 

 



टीडीपी को भी इस्तीफे की चुनौती

5 सांसदों के इस्तीफे के बाद YSR कांग्रेस के अध्यक्ष जगनमोहन रेड्डी ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए। एक ट्वीट में उन्होंने आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू को चुनौती देते हुए कहा कि अब वो टीडीपी के सांसदों के इस्तीफा कराएं। जगनमोहन रेड्डी ने ट्वीट कर कहा "हमने जो कहा था, वो किया। YSR कांग्रेस पार्टी के सांसदों ने आज अपना इस्तीफा सौंप दिया। अब मैं चंद्रबाबू नायडू को चुनौती देता हूं कि वो टीडीपी सांसदों के इस्तीफे कराएं और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर राज्य के लोगों के साथ खड़े हों।"

 



टीडीपी सांसदों ने दिया धरना

बजट सेशन के आखिरी दिन टीडीपी सांसदों ने लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के चैंबर में धरना दिया। इस दौरान टीडीपी सांसद लोकसभा स्पीकर के चैंबर में जमीन पर बैठ गए, तो वहीं कुछ सांसद जमीन पर ही सो गए। हालांकि जिस वक्त सांसद धरना दे रहे थे, उस वक्त लोकसभा स्पीकर चैंबर में मौजूद नहीं थीं। इससे पहले टीडीपी सांसद नारामल्ली शिवप्रसाद ऋषि विश्वामित्र के गेटअप में पहुंचे। नारामल्ली शिवप्रसाद आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर स्कूली बच्चे, महिला, नारद मुनि जैसे गेटअप लेकर भी आ चुके हैं।

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23 दिन के बजट सेशन में कोई काम नहीं

संसद के बजट सेशन का दूसरा हिस्सा 5 मार्च से लेकर 6 अप्रैल तक चला। 23 दिनों तक चले इस सेशन में संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। बजट सेशन में बैंक घोटाला, फेसबुक डाटा लीक, अविश्वास प्रस्ताव, SSC पेपर लीक, CBSE पेपर लीक जैसे मुद्दों पर जमकर हंगामा हुआ। वहीं AIADMK सांसदों ने भी कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड के गठन की मांग को लेकर सदन में हंगामा किया। सदन में कोई काम नहीं होने के कारण आम आदमी पार्टी और एनडीए के सभी सांसदों ने सैलरी लेने से मना कर दिया।

सरकार के खिलाफ 4 पार्टियों ने दिया था अविश्वास प्रस्ताव

नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ 4 पार्टियों ने अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया था। हालांकि, लगातार हंगामे की वजह से ये प्रस्ताव एक बार भी सदन में पेश नहीं किया जा सका। लिहाजा माना जा रहा है कि अब अगले सेशन में ही सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। सरकार के खिलाफ सबसे पहले 16 मार्च को YSR कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था और उसके बाद से तीन पार्टियों ने भी नोटिस दिया, लेकिन हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही रोजाना स्थगित कर दी गई। मोदी सरकार के खिलाफ YSR कांग्रेस के अलावा, टीडीपी, कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने भी अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था।

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आंध्र को क्यों नहीं विशेष राज्य का दर्जा?

आंध्र के सीएम चंद्रबाबू नायडू की मांग के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि "14वें फाइनेंस कमीशन के बाद ये दर्जा सिर्फ नॉर्थ-ईस्ट और पहाड़ी राज्यों को ही मिल सकता है।" उन्होंने बताया था कि "आंध्र पोलवरम योजना और अमरावती के लिए 33-33 हजार करोड़ रुपए की मांग कर रहा है, जबकि पोलवरम के लिए 5 हजार करोड़ और अमरावती के लिए 2.5 हजार करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। इसके साथ ही गुंटुर, विजयवाड़ा के लिए भी 500-500 करोड़ रुपए दिए गए हैं।" इसके अलावा सरकार का ये भी कहना था कि "सिर्फ पिछड़ेपन के आधार पर किसी भी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दे सकते क्योंकि इस आधार पर तो बिहार,झारखंड जैसे बाकी राज्य भी इस मांग पर अड़ जाएंगे।"

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किसे मिलता है विशेष राज्य का दर्जा ?

केंद्र सरकार उन राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा देती है जिनके इलाके दुर्गम होते हैं। साथ ही प्रदेश का एक खास क्षेत्र इंटरनेशनल बॉर्डर से लगा हो। वह क्षेत्र देश की सुरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण होता है। ज्यादातर पहाड़ी राज्यों को विशेष राज्य दर्जा मिला है। फिलहाल भारत में 29 राज्यों में से 11 राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा मिला है। इसमें पूर्वोंत्तर के लगभग सभी राज्य हैं। बता दें कि अभी अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और असम को विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ है।

विशेष राज्य का दर्जा मिलने के फायदे

केंद्र सरकार की तरफ से मिलने वाले पैकेज में 90 फीसदी रकम बतौर मदद मिलती है। इसमें 10 फीसदी रकम ही बतौर कर्ज होती है। केंद्र सरकार की तरफ से अन्य कई तरह की भी कई सुविधाएं मिलती हैं।

Created On :   6 April 2018 9:06 AM GMT

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