45 महिलाओं को नसबंदी के बाद गंदगी में लिटाया, देखें Video

45 महिलाओं को नसबंदी के बाद गंदगी में लिटाया, देखें Video

डिजिटल डेस्क, मुरैना। सरकारी अस्पतालों में मरीजों की जान से किस तरह खिलवाड़ किया जाता है इसका ताजा उदाहरण मध्य प्रदेश के मुरैना में देखने को मिला। जहां राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत सोमवार को नसंबदी के लिए आईं 45 महिलाओं को नसबंदी के बाद बाहर गंदगी में लिटा दिया गया। काफी देर बाद जब परिजनों का गुस्सा भड़का तो आनन-फानन में महिलाओं को वॉर्ड में शिफ्ट किया गया। 

बताया जा रहा है कि जिला अस्पताल में नसबंदी के लिए महिलाओं को लाया गया था। ऑपरेशन के बाद महिलाओं को वॉर्ड में रखने की बजाय बाहर गंदगी में लिटा दिया गया। इतना ही नहीं महिलाओं के लिए ना तो गद्दों की व्यवस्था की गई ना ही कंबल दिए गए। इसके बाद परिजनों का गुस्सा भड़क उठा। परिजनों के हंगामा और मीडिया तक खबर पहुंचने के बाद आनन-फानन में अस्पताल प्रबंधन ने महिलाओं को सर्जिकल वाॉर्ड में भर्ती कराया गया। गौरतलब है कि राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत सरकार नसंबदी कार्यक्रम चला रही है। कुछ साल पहले इसी तरह की लापरवाही के चलते छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में नसबंदी करवाने वाली 45 महिलाओं की मौत हो गई थी, लेकिन उस घटना से सबक न लेते हुए अब मुरैना में लापरवाही की तस्वीरें सामने आई हैं।

संक्रमण की आशंका 

पीड़िता के परिजनों ने बताया कि ऑपरेशन के लिए आई महिलाओं के लिए अस्पताल प्रबंधन ने सुरक्षित व्यवस्थाएं नहीं की। महिलाओं को खुले में लिटा दिया, जहां गंदगी  फैली हुई थी है। ऐसे में उन्हें इन्फेक्शन हो सकता है। 

डॉक्टरों ने दी सफाई

वहीं इस मामले में सिविल सर्जन डॉ. अनिल सक्सेना से सफाई दी है। उनका कहना है कि अस्पताल में महिलाओं को लिटाने के लिए पलंग खाली नहीं थे। पलंग खाली कराने तक के लिए महिलाओं को कुछ समय के लिए फर्श पर लिटाया गया था। 

महिला आयोग से शिकायत 

जनवादी महिला समिति की जिला संयोजिका सीमा दोनेरिया ने सोमवार को जिला अस्पताल में बेहोश महिलाओं को पुरुष कर्मचारियों से उठवाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी शिकायत राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष लता वानखेड़े से की है। महिला समिति ने इसके लिए दोषी अधिकारी-कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कराने की बात कही  है। 

Created On :   14 Nov 2017 7:30 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story