सलमान नदवी बनाएंगे 'मानव कल्याण बोर्ड', अयोध्या विवाद सुलझाना मकसद

AIMPLB expelled member Maulana Salman Nadvi form new board for Ayodhya Dispute
सलमान नदवी बनाएंगे 'मानव कल्याण बोर्ड', अयोध्या विवाद सुलझाना मकसद
सलमान नदवी बनाएंगे 'मानव कल्याण बोर्ड', अयोध्या विवाद सुलझाना मकसद

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) से निकाले गए मौलाना सलमान नदवी अब एक नए बोर्ड बनाने की तैयारी कर रहे हैं, जिसका मकसद सभी धर्मों को मिलाकर अयोध्या विवाद को सुलझाना होगा। बताया जा रहा है कि AIMPLB की तरह ही एक नया बोर्ड "मानव कल्याण बोर्ड" बनाया जाएगा, जो अयोध्या विवाद को सुलझाएगा। इससे पहले मौलाना नदवी ने अयोध्या विवाद सुलझाने के लिए 3 फॉर्मूले दिए थे जिसके बाद AIMPLB ने उन्हें बोर्ड से निकाल दिया था।


आउट ऑफ कोर्ट सुलझाएंगे विवाद

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, AIMPLB से निकाले गए मौलाना सलमान नदवी अब "मानव कल्याण बोर्ड" बनाने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि 1 मार्च को आर्ट ऑफ लिविंग के फाउंडर श्रीश्री रविशंकर और मौलाना नदवी एक ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे, जिसमें इस बोर्ड का स्ट्रक्चर सबके सामने रखा जाएगा। मानव कल्याण बोर्ड का मकसद अयोध्या विवाद को आउट ऑफ कोर्ट सुलझाना है। इससे पहले भी मौलाना नदवी और श्रीश्री इस विवाद को कोर्ट के बाहर सुलझाने की पेशकश कर चुके हैं।

कैसा होगा मानव कल्याण बोर्ड? 

शुरुआती जानकारी के मुताबिक, AIMPLB से बाहर किए जाने के बाद मौलाना सलमान नदवी नाराज हैं, जिस कारण वो अब अयोध्या को लेकर अपनी अलग मुहीम छेड़ने जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि मानव कल्याण बोर्ड का गठन केंद्र से लेकर जिलों तक होगा और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज इसके चेयरमैन होंगे। इसके साथ ही इस बोर्ड में सभी धर्मों से जुड़े बड़े धर्मगुरु भी बोर्ड मेंबर्स के तौर पर शामिल होंगे।

और क्या करेगा ये बोर्ड? 

"मानव कल्याण बोर्ड" का शुरुआती मकसद अयोध्या विवाद को कोर्ट के बाहर सुलझाना है। अयोध्या विवाद सुलझाने के अलावा ये बोर्ड सभी तरह के धार्मिक विवादों को भी सुलझाने का काम करेगा। बताया जा रहा है कि किसी भी तरह का विवाद अगर वो धार्मिक विवाद है और दो समुदायों से जुड़ा हुआ है, तो उसे सुलझाने का काम मानव कल्याण बोर्ड करेगा।

मौलाना नदवी ने क्या दिए थे प्रपोजल्स? 

1. पहले प्रपोजल में कहा गया है कि 10 एकड़ की विवादित जमीन जो निर्मोही अखाड़े के कब्जे में है, वो मुसलमानों को दे दी जाए और उसके बदले में हिंदुओं को विवादित जमीन दे दी जाए।

2. दूसरे प्रपोजल में कहा गया है कि गोरखपुर हाईवे पर बहादुर शाह जफर के नाम से एक इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी बनाई जाए और उसी के कैंपस में मस्जिद को जगह दी जाए।

3. आखिरी प्रपोजल में कहा गया है कि विवादित जमीन के पास जहां लकड़ी काटने की यूनिट लगी है, वहां पर मस्जिद बनाई जाए।

अयोध्या को लेकर क्या है विवाद?

अयोध्या विवाद देश का ऐसा विवाद है, जिस पर राजनीति भी होती रही है और सांप्रदायिक हिंसा भी भड़की है। हिंदू पक्ष ये दावा करता है कि अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि है और इस जगह पर पहले राम मंदिर हुआ करता था। जिसे बाबर के सेनापति मीर बांकी ने 1528 में तोड़कर यहां पर मस्जिद बना दी थी। तभी से हिंदू-मुस्लिम के बीच इस जगह को लेकर विवाद चलता रहा है। अयोध्या विवाद ने 1989 के बाद से तूल पकड़ा और 6 दिसंबर 1992 को हिंदू संगठनों ने अयोध्या में राम मंदिर की जगह बनी विवादित बाबरी मस्जिद का ढांचा गिरा दिया। जिसके बाद ये मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट में गया और अब सुप्रीम कोर्ट में है।

14 मार्च को होगी अगली सुनवाई

अयोध्या विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 8 फरवरी को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस केस में पहले सभी मुख्य पक्षकारों की दलील सुनी जाएगी, उसके बाद दूसरी पिटीशंस पर सुनवाई होगी। इस दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) दीपक मिश्रा ने कहा कि इस मामले को सिर्फ एक जमीन विवाद की तरह ही देखा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को 2 हफ्ते के अंदर सभी डॉक्यूमेंट्स तैयार करने को कहा है और इसी के साथ अब इस मामले की सुनवाई अब 14 मार्च को की जाएगी।

Created On :   26 Feb 2018 7:52 AM GMT

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