पुलिस से झड़प में 50 आदिवासी घायल, आंसू गैस के गोले छोड़ने के बाद जंगल से आए बाहर

All tribes of Gullarghat came out from forest, police Left tear gas shells
पुलिस से झड़प में 50 आदिवासी घायल, आंसू गैस के गोले छोड़ने के बाद जंगल से आए बाहर
पुलिस से झड़प में 50 आदिवासी घायल, आंसू गैस के गोले छोड़ने के बाद जंगल से आए बाहर

डिजिटल डेस्क,  अमरावती/अकोला। मेलघाट के चिखलदरा थानांतर्गत गुल्लरघाट के जंगल में घुसे आदिवासियों को बाहर निकालने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। पुलिस के साथ हुई झड़प में 40 से 50 आदिवासी घायल हो गए। वन विभाग ने पुनर्वसित आदिवासियों के 15 से 20 दोपहिया वाहनों को जला दिया तथा 30 वाहनों को जब्त किया है। बुधवार की दोपहर अमोना गांव में पूर्व विधायक राजकुमार पटेल व पुलिस अफसरों द्वारा बैठक कर आदिवासियों को समझाने पर किसी तरह मामला शांत हुआ और वे अपनी पुनर्वसित जगह पर लौट गए। हालांकि जंगल में 4 बच्चों समेत 20 आदिवासियों के  अब भी लापता होने की बात कही जा रही है। जिसके चलते पुलिस प्रशासन व वन विभाग उनकी तलाश में जुटा है। इस बीच तनाव को देखते हुए क्षेत्र में बुधवार को भी कर्फ्यू जारी रहा। गौरतलब है कि 15 जनवरी को आदिवासी पुनर्वसन की जगह छोड़कर जंगल में घुस गए थे। इसकी जानकारी मिलने पर वन विभाग के अधिकारियों ने आदिवासियों को जंगल से बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हुए।

400 जवान तैनात
 इस बीच आदिवासी व वनकर्मियों में भिड़त हुई जिससे माहौल गरमा गया। दूसरे दिन आदिवासियों ने वन विभाग के अधिकारियों के वाहनों की हवा निकाल दी और उनकी पिटाई की। इसके बाद 21 जनवरी से इस जंगल में पुलिस व एसआरपीएफ के 400 जवानों को तैनात कर क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया। मंगलवार को आदिवासियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में पुलिस व एसआरपीएफ के 20 जवान और 40 से 50 आदिवासी घायल हो गए। बता दें कि आदिवासियों को अकोला के अकोट तहसील स्थित गुल्लरघाट व केलपानी गांव में पुनर्वसित किया गया है।
 
गांव वापस लौटे आदिवासी 
पूर्व विधायक राजकुमार पटेल ने कहा कि मंत्रालय से फोन आने के बाद एसडीओ राहुल कर्डिले ने आदिवासियों को समझाने के लिए जंगल बुलाया। हमनें आदिवासियों को समझाया और पुलिस विभाग को कहा कि आदिवासियों को गिरफ्तार करने के लिए सख्ती न करें, वे खुद ही आत्मसमर्पण कर देंगे। इसके बाद माहौल शांत हुआ।
 

मुख्य आरोपी गिरफ्तार 
पुलिस अधीक्षक ग्रामीण दिलीप झलके ने बताया कि पुलिसकर्मियों पर हमला करने वाले मुख्य आरोपी चंपतलाल लांबु बेठेकर के अलावा 15 आदिवासियों को गिरफ्तार किया गया है। अन्य आरोपियों को पकड़ने की मुहिम शुरू कर दी है। बुधवार को भी परिसर में एसआरपीएफ व पुलिस के लगभग 200 कर्मचारी तैनात रहे। कर्फ्यू जारी है। 
 

मंत्री पाटील ने अफसरों से की बात
प्रदेश के गृह राज्यमंत्री डॉ. रणजीत पाटील ने संबंधित अधिकारियों से बात कर विवाद वाले क्षेत्र की स्थिति के बारे में जानकारी ली। उन्होंने दैनिक भास्कर को बताया कि आदिवासी तथा प्रशासन के बीच आपसी समझौते तथा बातचीत के बाद इस समस्या का हल निकाला जाएगा। स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है। घटनास्थल पर पुलिस अधीक्षक समेत, राजस्व विभाग तथा वनविभाग के अधिकारी मौजूद हैं।  

Created On :   24 Jan 2019 8:28 AM GMT

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