आंध्रा यूनिवर्सिटी के वीसी बोले- कौरवों का जन्म टेस्ट ट्यूब टेक्नोलॉजी से हुआ था

Andhra University VC Rao on birth of Kauravas in Mahabharata
आंध्रा यूनिवर्सिटी के वीसी बोले- कौरवों का जन्म टेस्ट ट्यूब टेक्नोलॉजी से हुआ था
आंध्रा यूनिवर्सिटी के वीसी बोले- कौरवों का जन्म टेस्ट ट्यूब टेक्नोलॉजी से हुआ था
हाईलाइट
  • आंध्रा यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर जी नागेश्वर राव ने रामायण और महाभारत काल की वैज्ञानिक तकनीकों पर दिया अजीब बयान
  • राव ने कहा- महाभारत काल में कौरवों का जन्म स्टेम सेल रिसर्च और टेस्ट ट्यूब टेक्नोलॉजी से हुआ था। वे लोग उस दौर में विज्ञान में बेहद आगे थे
  • राव बोले- एक महिला (गांधारी) अपने जीवन में 100 बच्चों को कैसे जन्म दे सकती है? यह तो टेस्ट ट्यूब बेबी से ही संभव हो सकता है

डिजिटल डेस्क, अमरावती। आंध्रा यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर जी नागेश्वर राव ने स्टेम सेल रिसर्च और टेस्ट ट्यूब बेबी टेक्नोलॉजी को लेकर एक अजीब बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि ये टेक्नोलॉजी महाभारत काल में भी मौजूद थीं। राव ने कहा,  "महाभारत काल में कौरवों का जन्म स्टेम सेल रिसर्च और टेस्ट ट्यूब टेक्नोलॉजी से हुआ था।" राव ने यह भी कहा कि महाभारत और रामायण भारत का इतिहास है, ये कोई पौराणिक कथाएं नहीं हैं। वे लोग उस दौर में विज्ञान में बेहद आगे थे। भारतीय सभ्यता के लिए विज्ञान नया नहीं है।

 

 

राव ने कहा, "हमने रामायण और महाभारत को पढ़ा है। एक महिला (गांधारी) अपने जीवन में 100 बच्चों को कैसे जन्म दे सकती है? यह सिर्फ इसलिए संभव हो सका कि अंडों को निषेचन के बाद अलग से बढ़ाया गया। ठीक उसी तरह जैसे टेस्ट ट्यूब बेबी टेक्नोलॉजी में होता है।"

 

 

गौरतलब है कि पिछले साल बिप्लब देब ने सूचना-प्रौद्योगिकी सुविधाओं को लेकर एक चौंकाने वाला बयान दिया था। देब ने कहा था कि महाभारत युग में भी तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध थीं, जिनमें इंटरनेट और सैटेलाइट भी शामिल थे। बिप्लब ने कहा था, "महाभारत के दौरान संजय ने हस्तिनापुर में बैठकर धृतराष्ट्र को बताया था कि कुरुक्षेत्र के मैदान में युद्ध में क्या हो रहा है। संजय इतनी दूर रहकर आंख से कैसे देख सकते हैं, लिहाजा इसका मतलब है कि उस समय भी तकनीक, इंटरनेट और सैटेलाइट थे।"
 

Created On :   5 Jan 2019 6:02 PM GMT

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