आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों व सचिवों को नहीं मिला तीन महीने से वेतन

Anganwadi workers and secretaries did not get the salary for three months
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों व सचिवों को नहीं मिला तीन महीने से वेतन
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों व सचिवों को नहीं मिला तीन महीने से वेतन

डिजिटल डेस्क,छिंदवाड़ा। संविदा या कांट्रेक्ट बेसिस पर काम कर रहे कर्मचारी पिछले तीन महीने से वेतन की समस्या से जूझ रहे है। कुछ विभागों में अलाटमेंट ही नहीं आया तो कहीं पर बजट के अभाव में वेतन नहीं दिया जा रहा है। कई बार सरकार से डिमांड के बाद भी अलाटमेंट जारी नहीं किया गया है। वेतन के अभाव में जूझ रहे इन कर्मचारियों का आंकड़ा सैकड़ों में नहीं बल्कि हजारों में है। अधिकारियों के नाम से रो रहे इन कर्मचारियों का घर चलाना मुश्किल हो गया है।
महिला एवं बाल विकास- तीन महीने से नहीं मिला कार्यकर्ता-सहायिका को वेतन
जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से जिले में 2864 आंगनबाडिय़ों का संचालन किया जाता है। यहां इतनी ही संख्या में कार्यकर्ताएं और सहायिकाएं कार्य कर रही है। वेतन के रूप में कार्यकर्ताओं को महज 7000 तो सहायिकाओं को सिर्फ 3500 रुपए दिया जाता है, लेकिन ये राशि भी दिसंबर से प्रदान नहीं की गई है। अधिकारी तो कह रहे है कि हमने सरकार को अलाटमेंट जारी कर दिया है, शासन स्तर से ही राशि प्राप्त नहीं हो रही है। इधर, वेतन के अभाव में कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को घर चलाना दूभर हो रहा है।
ग्राम पंचायत-  सचिव से लेकर रोजगार सहायक तक परेशान
ग्राम पंचायतों में सरकारी योजना की कमान संभाल रहे ग्राम पंचायत सचिवों को भी वेतन के लाले पड़ गए है। किसी जनपद पंचायत में दो महीने तो कहीं तीन-तीन महीने से वेतन नहीं दिया गया है। पंचायत सचिवों को 24 हजार रुपए प्रति माह वेतन दिया जाता है। वेतन की ये समस्या केवल ग्राम पंचायत सचिवों को नहीं बल्कि रोजगार सहायकों को भी उठानी पड़ रही है। इन्हें भी तीन महीने से वेतन नहीं दिया गया है। मनरेगा के तहत कार्य करने वाले सहायकों को 9 हजार रुपए देने का प्रावधान है ये राशि भी महीनों से अटकी पड़ी है। जिले में साढ़े सात हजार से ज्यादा रोजगार सहायक और इतने ग्राम पंचायत सचिव कार्य कर रहे है।
जनजातीय कार्य विभाग- अधीक्षकों से लेकर संविदा शिक्षकों तक को वेतन नहीं
जनजातीय कार्य विभाग के भी हालात बाकी विभागों की तरह ही है। यहां के आश्रमों में कार्य कर रहे संविदा अधीक्षकों को दिसंबर, जनवरी और फरवरी का वेतन नहीं मिला है। यही हाल संविदा शिक्षकों का भी है। इनका वेतन तो 30 हजार के पार है, लेकिन डेलीविजस पर 300 से ज्यादा कर्मचारी कार्य कर रहे है। जिनका वेतन 5 हजार से ज्यादा नहीं है, इन्हें वेतन देने के लिए भी विभाग के पास बजट मौजदू नहीं है। अधिकारियों ने अलाटमेंट की डिमांड तो कर दी, लेकिन पैसा आज तक नहीं आया है।

Created On :   16 Feb 2019 7:35 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story