बुलंदशहर: हिंसा पर बोले ADG आदित्य कुमार, कहा- सुबोध को अस्पताल ले जाते वक्त भीड़ ने की थी फायरिंग

बुलंदशहर: हिंसा पर बोले ADG आदित्य कुमार, कहा- सुबोध को अस्पताल ले जाते वक्त भीड़ ने की थी फायरिंग
हाईलाइट
  • गौमांस मिलने पर भीड़ ने किया हिंसक प्रदर्शन
  • पुलिस के साथ 300-400 लोगों की भीड़ ने किया हिंसक प्रदर्शन
  • बुलंदशहर में भड़की हिंसा 27 लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया केस

डिजिटल डेस्क, बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गौमांस को लेकर भड़की हिंसा पर आज (मंगलवार) को यूपी पुलिस के ADG आदित्य कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, गोली लगने के बाद जब हमारे साथी सुबोध को अस्पताल ले जाया जा रहा था। तब भीड़ की ओर से फायरिंग की गई थी। हिन्दू संगठनों के शामिल होने को लेकर आदित्य कुमार ने कहा, इस मामले में किसी भी संगठन का नाम सामने नहीं आया है। इंस्पेक्टर की मौत पर कुमार ने कहा, पोस्टमार्टमरिपोर्ट के मुताबिक सुबोध कुमार की मौत आंख के थोड़ा ऊपर गोली लगने से हुई है। यूपी पुलिस की ओर से सुबोध को शहीद का दर्जा दिया गया है। सुबोध की बहन के द्वारा लगाए गए आरोप पर कुमार ने कहा, इस मामले बिना जांच के कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। SIT को इस मामले की जांच सौंपी गई है। सुमित के मौत पर पुलिस का कहना है इस बारे में पोस्टमार्टमरिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हुआ है उसकी जांच की जारी है। 

बता दें कि उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में सोमवार को हुई हिंसा को लेकर पुलिस ने पड़ताल कर रही है। रात भर छापेमारी कर पुलिस ने 27 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया। पुलिस ने मंगलवार सुबह 11 बजे तक हिंसा के मास्टर माइंड को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है। हिंसा का मुख्य आरोपी बजरंग दल का नेता योगेश राज है। एफआईआर के मुताबिक, योगेश राज अपने साथियों के साथ मिलकर भीड़ को भड़का रहा था। बता दें कि गोकशी के शक में 300-400 लोगों की भीड़ ने हिंसक प्रदर्शन किया। जिसमें एक पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध सिंह समेत दो लोगों की मौत हो गई है। पुलिस ने 27 लोगों की खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 333, 353, 427, 436, 394, 147, 148, 149, 307 और 7 क्रिमिनल अमेंडमेंट लॉ के तहत मामला दर्ज किया है। इस मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया है।

बुलंदशहर में फैली हिंसा के बाद से पुलिस इस बात की तफ्तीश करने में जुटी है कि किसने बुलंदशहर को भड़काया है ? इस हिंसा के पीछे किसका हाथ ? ये हिंसा किसी सच पर आधारित है या वाकई कोई अफवाह फैलाई गई है। पुलिस ने अब तक की जांच में 4 लोगों को गिरफ्तार किया है जिनसे पूछताछ की जा रही है। बता दें कि बुलंदशहर का ये बवाल स्याना थाना क्षेत्र के एक खेत में गौमांस मिलने की आशंका के चलते शुरू हुआ था। मामले की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार इस मामले में एफआईआर दर्ज ही कर रहे थे कि अचानक 300 से 400 लोग वहां जमा हो गए। सभी ने गौवंश के अवशेष भरकर चिंगरावठी पुलिस चौकी के पास पहुंचे और जाम लगा दिया। 

भीड़ को हिंसक होता देखकर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया और आंसू गैस के गोले छोड़े इस दौरान वहां हुई फायरिंग में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार समेत एक युवक जख्मी हो गया। अस्पताल ले जाने के दौरान दोनों की मौत हो गई। हिंसक भीड़ ने सुबोध कुमार को अस्पताल ले जाने से रोका गया और उनकी कार पर जमकर पथराव भी किया गया। लेकिन अब पुष्टि की गई है कि सुबोध कुमार की मौत सिर में गोली लगने से हुई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर हिंसा पर दुख व्यक्त किया और इस घटना में शहीद हुए पुलिस इंस्पेक्टर के परिजन को कुल 50 लाख रूपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया। 

 

इंस्पेक्टर सुबोध सिंह के बेटे ने कहा, मेरे पिता चाहते थे कि मैं एक अच्छा नागरिक बनूं जो धर्म के नाम पर समाज में हिंसा फैलाने का काम न करे। आज मेरे पिता ने इस हिंदू-मुस्लिम विवाद में अपना जीवन खो दिया, कल किसी और के पिता की जान जा सकती है।

 

इंस्पेक्टर सुबोध की मौत के बाद से पूरा परिवार टूट चुका है। आज उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है। सुबोध की पत्नी अभी भी ये मानने के लिए तैयार नहीं है कि उनकी पति की मौत हो चुकी है। वे बार-बार कह रही हैं। मुझे मेरे पति के पास जाने दो, मुझे छूने दो उनको, वो बिल्कुल ठीक हो जाएंगे। कहां है वह। देखों मुझे उनके पास जाना है। मैं आप सभी के हाथ जोड़ती हूं, बस एक मिनट के लिए जाने दो। मैं उनको छुऊंगी ना तो वो ठीक हो जाएंगे। आप मेरा विश्वास करो, मैं उन्हें ठीक कर दूंगी, वो मेरे पति हैं मैं उनको जानता हूं। वो हमसे कभी नाराज नहीं होते हैं। मैं उनको ठीक कर दूंगी। सुबोध की पत्नी कल रात से अस्पताल में बस यही सब बातें दोहरा रही हैं। 

 

Created On :   4 Dec 2018 3:53 AM GMT

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