रेप-मर्डर के आरोपी को 'सजा ए मौत', केरल की जिला अदालत का फैसला

capital punishment in rape-murder case of dalit girl Jisha
रेप-मर्डर के आरोपी को 'सजा ए मौत', केरल की जिला अदालत का फैसला
रेप-मर्डर के आरोपी को 'सजा ए मौत', केरल की जिला अदालत का फैसला

डिजिटल डेस्क, कोच्चि। केरल के एर्णाकुलम की दलित युवती जिशा पेरुंमबवूर के रेप-मर्डर केस में जिला अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। इस मामले के आरोपी अमीरुल इस्लाम को अदालत ने 12 दिसंबर को दोषी ठ‍हराया था और सजा का फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामेल में आरोपी ने दरिंदगी की हद को पार करते हुए वादात को अंजाम दिया था।

 

DNA ने किया खुलासा

जिशा की मां व अन्‍य प्रॉसीक्‍यूशन ने इस मामले को रेयरेस्‍ट ऑफ द रेयर केस बताते हुए सजा ए मौत की मांग की थी। इस मामले की सुनवाई करीब 80 दिनों तक चली और आरोपी के खिलाफ 1500 पन्नों से अधिक का आरोपपत्र दायर किया गया। पुलिस ने मामले का खुलासा डीएनए परीक्षण के बाद किया था। अप्रैल में शुरू हुई जांच के दौरान 100 से ज्यादा गवाहों की जांच हुई थी। इस बर्बर अपराध के बाद तुरंत पेरुमबवूर से अमीरुल फरार हो गया और 50 दिनों बाद उसे कांचीपुरम में पुलिस ने गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि खून से सने जूते पीड़िता के घर के पास नाले से मिले जो प्राप्‍त किए गए सबूतों में से एक था।

 

दरिंदगी की हद

28 अप्रैल 2016 को लॉ की छात्रा जिशा से अपने ही घर में रेप किया गया था। रेप के बाद करीब 20 बार उसपर चाकुओं से हमला किया गया। इतना ही नहीं ये हमला महिला के निजी अंगों पर भी किया गया। महिला की आंतें बाहर आ गई थीं। रात में करीब आठ बजे जब उसकी मां काम से घर लौटी तो उसे वह एक कमरे के घर में खून से लथपथ मृत पड़ी मिली। 

 

यौन प्रस्ताव रखते थे पड़ोसी

जिशा अपनी मां के साथ एक कमरे के मकान में रहती थी। जिशा की मां राजेश्वरी बताती है कि उनके पड़ोस के पुरुष लगातार जिशा को परेशान करते थे। इतना ही नहीं जिशा के सामने यौन प्रस्ताव तक रखते थे। मना करने पर ये लोग परेशान करने के लिए उनके पानी के पाइपों को तोड़ देते थे और उनके घर पर पत्थर फेंकते थे। जिसा की मां कहती है कि पड़ोसियों के ऐसे व्यवहार से वो तंग आ चुकी थी। उसके पिता कई साल पहले परिवार को छोड़ कर चले गए थे और तब से वो दोनों ही वहां रहती थी। 
 

Created On :   14 Dec 2017 6:57 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story