चंद्रपुर के दुर्गम गांवों के विद्यार्थी करेंगे महाराष्ट्र दर्शन  

The student of chandrapur village will now do Maharashtra darshan
चंद्रपुर के दुर्गम गांवों के विद्यार्थी करेंगे महाराष्ट्र दर्शन  
चंद्रपुर के दुर्गम गांवों के विद्यार्थी करेंगे महाराष्ट्र दर्शन  

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। गड़चिरोली में नक्सल प्रभावित गांवों के बच्चों के लिए अब तक 22  महाराष्ट्र दर्शन यात्राएं आयोजित करने के बाद आदिवासी विकास विभाग व महाराष्ट्र पुलिस ने पहली बार चंद्रपुर जिले के अतिदुर्गम गांवों के बच्चों को महाराष्ट्र दर्शन का लाभ दिया है। इसका पहला जत्था रवाना हो गया है। ‘आपला महाराष्ट्र सुवर्ण जयंती सहल’ योजना के तहत जिला पुलिस अधीक्षक की ओर से इस विशेष उपक्रम का आयोजन किया गया। इस योजना का पहला पड़ाव नागपुर शहर से प्रारंभ हुआ है।

शालेय विद्यार्थियों  को बदलते शहरों के विकास से अवगत कराना व इसका लाभ उनके शैक्षणिक जीवन में दिला कर विकास प्रक्रिया से जोडना इसका मुख्य उद्देश्य है। गड़चिरोली में अब तक इस तरह की 22  यात्राएं सफल हुईं हैं। इसके अच्छे परिणाम भी मिलने का दावा प्रशासन ने किया है। इसी आधार पर चंद्रपुर जिले में पहली बार यह उपक्रम लिया गया है।  नक्सल विरोधी अभियान के प्रभारी विशेष पुलिस महनिरीक्षक अंकुश शिंदे व चंद्रपुर के एसपी डा. रेड्डी के मार्गदर्शन में लिए गए इस उपक्रम में पहली ही यात्रा में 45  लड़कियां व 15  लड़के ऐसे 60 विद्यार्थी लाभार्थी बने हैं। 

96 विद्यार्थियों को मिलेगी स्कॉलरशिप 
महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषद पुणे के माध्यम से 1 दिसंबर 2018 को जिले के चार परीक्षा केंद्रों पर राष्ट्रीय आर्थिक दुर्बल घटक स्कॉलरशिप योजना के लिए एग्जाम ली गई। उक्त परीक्षा जिले के कुल 735 स्टूडेंट्स ने दी थी। इनमें से 96 स्टूडेंट्स स्कालरशिप के लिए पात्र साबित हुए हैं। पात्र स्टूडेंट्स को कक्षा 9 वीं से 12वीं तक प्रति माह 1 हजार रुपए के अनुसार वार्षिक 12 हजार रुपए स्कालरशिप मिलेगी। जिले में इतनी बड़ी तादाद में विद्यार्थी छात्रवृत्ति के लिए पात्र होने का यह पहला वर्ष होने की बात कही जा रही है। परीक्षा में ज्ञानेश्वर विजय देशपांडे 101 अंक लेकर प्रथम रहा। वहीं गौरव संजय निखारे 97 अंक लेकर दूसरा और प्रणत प्रकाश बोधनकर ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।  

Created On :   6 Feb 2019 8:45 AM GMT

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