चित्रकूट : कांग्रेस की जीत, सीएम बोले- जनमत ही लोकतंत्र का आधार

Chitrakoot assembly by elections results today, Who will win ?
चित्रकूट : कांग्रेस की जीत, सीएम बोले- जनमत ही लोकतंत्र का आधार
चित्रकूट : कांग्रेस की जीत, सीएम बोले- जनमत ही लोकतंत्र का आधार

डिजिटल डेस्क, चित्रकूट/ सतना। मध्यप्रदेश के चित्रकूट उपचुनाव में कांग्रेस ने अपनी सीट बरकरार रखी है। ये सीट कांग्रेस ने इस बार बड़े अंतर 14133 मतोंं से जीती है। 2013 के चुनाव में कांग्रेस ने यहां से 10970 मतों के अंतर से चुनाव जीता था, लेकिन उपचुनाव में सत्ताधारी भाजपा को बड़ा झटका लगा है। अटेर के बाद उपचुनाव में यह भाजपा की लगातार दूसरी हार है।

वहीं इस हार को स्वीकारते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वे चित्रकूट उपचुनाव में जनता के निर्णय को शिरोधार्य करते हैं। जनमत ही लोकतंत्र का असली आधार है और जनता के सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि चित्रकूट के विकास में किसी तरह की कमी नहीं होगी। 

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार चौहान ने चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव में पार्टी की हार को स्वीकारते हुए कहा कि हार के कारणों की समीक्षा की जाएगी। साथ ही चौहान ने कहा कि चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस का परंपरागत गढ़ रहा है और हमने वहां परचम लहराने के लिए सभी प्रयास किए। पार्टी जनादेश स्वीकार करती है और भविष्य में चित्रकूट की जनता का मन पार्टी किस प्रकार जीत सकती है इसपर भी चर्ची की जाएगी।

वहीं चित्रकूट में कांग्रेस की जीत पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बधाई देते हुए कहा कि अटेर के बाद अब चित्रकूट की जीत से स्पष्ट है कि प्रदेश अब भाजपा के कुशासन से मुक्ति चाहता है।
 

 

 

उत्तर प्रदेश से सटे चित्रकूट में भाजपा ने वहां के सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम का भी सहारा लिया था। मंदाकिनी नदी में योगी से दीपदान कराकर भाजपा ने नदी के दूसरे छोर पर बसे उत्तर प्रदेश में चली केसरिया लहर का फायदा उठाने की भी कोशिश की थी। चित्रकूट का महत्व अयोध्या की तरह ही हैं। वनवास के दौरान भगवान राम साढे 11 साल यहीं रहे थे। इस हार के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान पर अब विरोधियों को हमला करने का मौका मिलेगा।

पढ़ें- चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव में 62 परसेंट वोटिंग, 2 बूथों पर बहिष्कार

वहां राम भगवान साढ़े 11 साल रहे थे, राम की नगरी में भाजपा की हार से देश भर में संदेश गया है और प्रदेश भाजपा संगठन और सरकार पर उंगली उठना शुरू हो गई है। वहां उप्र के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी आधा दर्जन संभाएं की थीं। मुख्यमंत्री चौहान वहां एक आदिवासी के घर में भी रात रुके थे, लेकिन इन सब कोशिशों को वहां की जनता ने नकार दिया। माना जा रहा है कि 14 साल में उपेक्षा से भाजपा के जमीनी कार्यकर्ता सरकार से दुखी थे।

चित्रकूट कांग्रेस प्रत्याशी नीलांशु चतुर्वेदी और भाजपा के शंकरदयाल त्रिपाठी के बीच ही मुख्य मुकाबला था। सिर्फ पहले राउंड में भाजपा प्रत्याशी को बढ़त मिली थी, लेकिन बाकी सभी राउंड में वे लगातार पिछड़ते चले गए। कांग्रेस को यहां 66810 और भाजपा को 52677 वोट मिले। 

त्रिपाठी को अपने गांव देवरा में भी हार का सामना करना पड़ा। वहीं मुख्यमंत्री चौहान ने जिस गांव तुर्रा में आदिवासी के घर विश्राम किया था और खाना भी खाया था वहां भी कांग्रेस को 200 वोट से जीती है।  कहा जा रहा है कि भाजपा में प्रत्याशी चयन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पसंद को दरकिनार करना महंगा पड़ा है। मुख्यमंत्री शंकरदयाल त्रिपाठी को उम्मीदवार बनाने के पक्ष में नहीं थे। भाजपा के प्रदेश सह संगठन मंत्री अतुल राय और प्रदेश महामंत्री वीडी शर्मा जो कि रीवा संभाग के प्रभारी भी हैं, इन दोनों की पसंद पर संगठन को मोहर लगाना पड़ी थी। 

सत्ताधारी भाजपा ने चित्रकूट उपचुनाव को अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया था। चुनाव से पहले वहां लंबे समय से पदस्थ एसडीओपी पन्नालाल अवस्थी को भाजपा में लाया गया था। इस उपचुनाव के नतीजों का असर भाजपा की अंदरूनी राजनीति पर भी पड़ेगा। पिछले सालों में लगातार चुनाव जीत रही भाजपा को ये लगातार दूसरा झटका है। अटेर उपचुनाव में भी भाजपा को हार का सामना करना पडा था। उससे पहले भाजपा झाबुआ लोकसभा उपचुनाव भी बड़े अंतर से हारी थी। भाजपा ने बहोरीबंद विधानसभा उपचुनाव में भी इस हार का सामना किया था। इस हार के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विरोधियों को उन पर निशाना साधने का मौका मिलेगा। वहीं कांग्रेस की राजनीति में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल का वजन बढ़ेगा। अब कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार माने जा रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव क्षेत्र मुंगावली और कोलारस में उपचुनाव होना है। वहां सिंधिया की प्रतिष्ठा दाव पर रहेगी। 

गौरतलब है कि 9 नवंबर को हुई वोटिंग में करीब 65 प्रतिशत मतदान हुआ था, जिसमें पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का मतदान प्रतिशत ज्यादा रहा था। चित्रकूट विधानसभा में कुल 1,98,122 मतदाता हैं, जिन्होंने अपने मताधिकार का उपयोग किया था। मतदान के लिए कुल 257 मतदान केंद्र बनाए गए थे।  इस उपचुनाव में ईवीएम के साथ वीवीपीएटी मशीन भी लगाई गईं थीं।

 

ये भी पढ़ें- चौथी बार सरकार बनाने सीएम ने चुनाव प्रबंधन कार्यालय का उद्घाटन किया

प्रेम सिंह के निधन के बाद खाली हुई सीट
चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव के लिए नीलांशु चतुर्वेदी को कांग्रेस पार्टी की ओर से अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया गया है। गौरतलब है कि कांग्रेस विधायक प्रेम सिंह के मई 2017 में निधन होने के बाद ये सीट खाली हो गई थी। प्रेम सिंह यहां से 3 बार के विधायक रहे। प्रेम सिंह ने पहली बार 1998 में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चित्रकूट से विधानसभा से चुनाव लड़ा और विधायक चुने गए। दूसरी बार 2003 में फिर चुनाव जीते और 2013 में कांग्रेस की टिकट पर तीसरी बार चित्रकूट से विधायक चुने गए थे।

 

Created On :   12 Nov 2017 2:33 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story