सचिव ने CEO से कराई मजदूरी, मृतकों को बनाया मजदूर, धोखाधड़ी का मामला दर्ज 

Fraud case registered against then Secretary of Kirgi Gram Panchayat
 सचिव ने CEO से कराई मजदूरी, मृतकों को बनाया मजदूर, धोखाधड़ी का मामला दर्ज 
 सचिव ने CEO से कराई मजदूरी, मृतकों को बनाया मजदूर, धोखाधड़ी का मामला दर्ज 

डिजिटल डेस्क, अनूपपुर। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत जिले में भ्रष्टाचार किए जाने के मामले उजागर होते रहे हैं। जुलाई महीने में पुष्पराजगढ़ जनपद के किरगी ग्राम पंचायत के तत्कालीन सचिव पर 1 करोड़ 36 लाख रुपए के गबन के मामले में धोखाधड़ी का मामला पंजीबद्ध कराया गया था। वहीं 4 सितंबर को जन सुनवाई में पहुंचकर ग्रामीणों ने अनूपपुर जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत सेमरा में पदस्थ रहे सचिव राजकिशोर शर्मा पर मृतकों, सेवा निवृत्त शासकीय कर्मचारियों, धनाढ्य लोगों के साथ ही जिले में ही पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ राजेन्द्र त्रिपाठी के मृत पिता व पुत्री को भी मजदूर दर्शा कर उनके नाम पर मजदूरी का आहरण कर लिया गया।

बीते 5 वर्षों में फर्जीवाड़ा करते हुए लाखों रुपए की मजदूरी के आहरण के साथ ही निर्माण कार्यों में गड़बड़ी किए जाने की शिकायत ग्रामीणों द्वारा, मृतकों के मृत्यु प्रमाण पत्र व जारी की गई मजदूरी की सत्यापित प्रति व मस्टर रोल की सत्यापित छाया प्रति के साथ कलेक्टर से की गई।  

मृतकों को बनाया मजदूर
ग्रामीण ने अपनी शिकायत के साथ जगजीवनदास तथा बब्बू अगरिया नामक दो ग्रामीणों का मृत्यु प्रमाण पत्र भी संलग्र किया है। जिसमें जगजीवन की मौत 14 दिसंबर 2011 को तथा बब्बू अगरिया की मौत वर्ष 2004 में हो गई थी। दोनों ही मृतकों का मृत्यु प्रमाण-पत्र ग्राम पंचायत द्वारा ही जारी किया गया था। बावजूद इसके पंचायत द्वारा वर्ष 2012 में जगजीवनदास को मेढ़ बधान व पथवृक्षारोपण के कार्य में मजदूर बनाकर हजारों रुपए की मजदूरी प्रदान कर दी गई। इसी तरह बब्बू अगरिया के नाम से दो जॉब कार्ड का निर्माण कर जाति में हेरफेर करते हुए उसे हजारों रुपए की मजदूरी प्रदान की गई।

कालरी कर्मचारी ने की मजदूरी 
19 बिन्दुओं की शिकायत में बिन्दु क्रमांक 3 में उल्लेखित किया गया है कि रामाश्रय पिता रामचरण शुक्ल  कालरी कर्मचारी थे, जिनकी मृत्यु भी 3 वर्ष पूर्व हो चुकी है। जिनके नाम पर मेढ़ बधान व पथवृक्षारोपण के नाम पर मजदूरी किया जाना दर्शा कर हजारों रुपए की मजदूरी प्रदान कर दी गई। इसी तरह विद्याराम पिता रामचरण शुक्ल जो कि भारत सरकार के कर्मचारी थे, उनकी जॉब कार्ड में आयु 79 वर्ष दर्शायी गई है। वर्ष 2008 में विद्याराम की मौत हो जाने के बाद भी वर्ष 2010 से लेकर वर्ष 2013 तक अलग-अलग कार्यो में मजदूरी किया जाना दिखलाकर 4258 रुपयों का भुगतान कर दिया गया। 

मास्टर से लेकर पोस्टमास्टर तक मजदूर 
सिर्फ मृतक और वृद्ध तथा पेंशन प्राप्त करने वालों के नाम पर ही नहीं बल्कि शासकीय माध्यमिक विद्यालय सेमरा में पदस्थ शिक्षक पन्नालाल सोनी जिनका जॉब कार्ड संख्या एमपी-44-002-047-001/ 253 है। इनके द्वारा भी 2008 से लेकर वर्ष 2012 तक 51 दिनों की मजदूरी करते हुए 4981 रुपए का भुगतान लिया गया। इसी तरह एक अन्य शिक्षक संतोष तिवारी को भी अलग-अलग कार्यों में मजदूरी करना दिखलाकर हजारों रुपए का भुगतान किया गया। सिर्फ मास्टर ही नहीं पुरूषोत्तमदास मिश्रा जो कि सेमरा ग्राम में पोस्टमास्टर हैं उनसे भी मजदूरी कराकर 10 हजार रुपए की मजदूरी प्रदान की गई।

सीईओ को पिता-पुत्री समेत दी मजदूरी 
सचिव के भ्रष्टाचार की कारगुजारी सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है, जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ के वर्तमान  मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजेन्द्र त्रिपाठी जो कि सेमरा गांव के मूल निवासी हैं। उनके मृत पिता स्व. रघुनाथ प्रसाद शर्मा सेवानिवृत्त शिक्षक के नाम पर जॉब कार्ड संख्या एमपी-44-002-047-001/ 280 फर्जी तरीके से बनवाया गया।

Created On :   5 Sep 2018 8:27 AM GMT

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