‘मी टू’ को लेकर व्हाट्सएप ग्रुप में अश्लील पोस्ट करने वाले युवकों को हाईकोर्ट ने नहीं दी राहत

HC refused to give relief to youths who post obscene in WhatsApp group
‘मी टू’ को लेकर व्हाट्सएप ग्रुप में अश्लील पोस्ट करने वाले युवकों को हाईकोर्ट ने नहीं दी राहत
‘मी टू’ को लेकर व्हाट्सएप ग्रुप में अश्लील पोस्ट करने वाले युवकों को हाईकोर्ट ने नहीं दी राहत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महिला के यौन उत्पीड़न के खिलाफ शुरु अभियान ‘मी टू’ को लेकर व्हाट्सएप ग्रुप में अश्लील पोस्ट डालने के मामले में बांबे हाईकोर्ट ने दो युवकों को राहत देने से इंकार कर दिया है। आरोपियों ने ‘व्हाट्सएप ग्रुप पर चर्चा के दौरान आपत्तिजनक ग्राफिक वाला पोस्ट डाला था। इस पर ग्रुप कि महिला सदस्य ने आपत्ति जताई थी। इसके बाद इन युवकों ने महिला को ग्रुप से निकाल कर उसे व्यक्तिगत रुप से संदेश भेजकर परेशान करना शुरु किया था। इससे परेशान होकर महिला ने दोनों युवकों के खिलाफ खार पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया। शिकायत में महिला ने दावा किया कि आरोपी युवकों ने पोस्ट व संदेश के जरिए उसका चरित्र हनन किया है।

साल 2017 में खुद के खिलाफ दर्ज किए गए मामले को आधारहीन बताते हुए आरोपी अटल बिहारी बदर व उसके साथी ने मामला रद्द किए जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान युवकों की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने न्यायमूर्ति बीपी धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे ने कहा कि मेरे मुवक्किल ने व्हाट्सएप ग्रुप में चर्चा के दौरान कुछ पोस्ट किए थे। जिसका उद्देश्य शिकायतकर्ता की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था। ग्रुप में किया गया पोस्ट एक बातचीत का हिस्सा था। इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि हम इस मामले में आरोपी युवकों को राहत नहीं दे सकते। आरोपी निचली अदालत में अपनी बात रख सकते हैं। मामले में खंडपीठ के कड़े रुख को देखते हुए याचिकाकर्ता के वकील ने याचिका को वापस ले लिया। इस तरह से इस मामले में आरोपी युवकों को हाईकोर्ट ने राहत देने से इंकार कर दिया।

Created On :   8 March 2019 5:47 PM GMT

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