जानिए कैसे करें विनायकी चतुर्थी पर श्रीगणेश का पूजन 

how to worship Shree Ganesha on Vinayaka Chaturthi, let us know
जानिए कैसे करें विनायकी चतुर्थी पर श्रीगणेश का पूजन 
जानिए कैसे करें विनायकी चतुर्थी पर श्रीगणेश का पूजन 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हर माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी को विनायकी चतुर्थी व्रत कहते हैं, जो इस बार 10 मार्च दिन रविवार को पड़ रही है। शास्त्रानुसार शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायकी कहते हैं। यह चतुर्थी प्रथमदेव श्री गणेश को समर्पित है। इस दिन श्री गणेश का पूजन-अर्चन करना लाभदायी माना गया है। इस दिन गणेश की उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि, धन-दौलत, आर्थिक संपन्नता के साथ-साथ ज्ञान एवं बुद्धि की प्राप्ति भी होती है।

सूर्योदय के साथ ही प्रारंभ करें व्रत
इस व्रत के संबंध में कहा जाता है कि इस व्रत के संबंध में युधिष्ठिर को भगवान श्रीकृष्ण ने बताया था, जिसके बाद युधिष्ठिर ने भी यह व्रत धारण किया था। विधि-विधान से व्रत धारण कर पूजा करने पर भगवान लंबोदर अवश्य ही प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति के सभी कष्ट दूर करते हैं। सूर्य के उदय के साथ ही व्रत का प्रारंभ हो जाता है। सूर्यदेव को अघ्र्य देने का इस दिन बहुत ही महत्व है।

ऐसे करें विनायकी चतुर्थी व्रत
ब्रहम मुहूर्त  में उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान करें, लाल रंग के वस्त्र धारण करें। दोपहर पूजन के समय अपने-अपने सामर्थ्य के अनुसार सोने, चांदी, पीतल, तांबा, मिट्टी अथवा सोने या चांदी से निर्मित गणेश प्रतिमा स्थापित करें। संकल्प के बाद षोडशोपचार पूजन कर श्री गणेश की आरती करें। इसके बाद श्री गणेश की मूर्ति पर सिन्दूर चढ़ाएं। अब गणेश का प्रिय मंत्र- "ॐ गं गणपतयै नम:" बोलते हुए 21 दूर्वा चढ़ाएं।

श्री गणेश को बूंदी के 21 लड्डुओं का भोग लगाएं। इनमें से 5 लड्‍डुओं का ब्राह्मण को दान दें तथा 5 लड्‍डू श्री गणेश के चरणों में रखकर बाकी को प्रसाद स्वरूप बांट दें। पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत का पाठ करें। ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। अपनी शक्ति हो तो उपवास करें अथवा शाम के समय खुद भोजन ग्रहण करें। संध्याकाल में गणेश चतुर्थी कथा, श्रद्धानुसार गणेश स्तुति, श्री गणेश सहस्रनामावली, गणेश चालीसा, गणेश पुराण आदि का पाठ करें। इस दिन संकटनाशक गणेश स्तोत्र का पाठ कर श्री गणेश की आरती करें तथा "ॐ गणेशाय नम:" मंत्र की माला जपें।

Created On :   7 March 2019 10:51 AM GMT

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