जानिए आखिर क्यों चिल्लाते हैं भेड़िए लाल चद्रंमा को देखकर  

Know why the wolf screams, Seeing the red moon
जानिए आखिर क्यों चिल्लाते हैं भेड़िए लाल चद्रंमा को देखकर  
जानिए आखिर क्यों चिल्लाते हैं भेड़िए लाल चद्रंमा को देखकर  

डिजिटल डेस्क। आपने कई बार फिल्मों में या हो सकता कि शायद हकीकत में भी देखा सुना हो कि आसमान में लाल चांद देखकर भेड़िए चिल्लाने लगते हैं। क्या आप इसके पीछे की वजह जानते हैं? अगर नहीं जानते हैं तो आज हम आपको बताते हैं इसके पीछे का कारण, जिसे जान आप भी हैरान हो जाएंगे।

जानकारी के लिए बता दें कि लाल चंद्रमा को सुपर ब्लड वुल्फ मून भी कहा जाता है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुकाबले पृथ्वी के सबसे करीब यानी 3,36,000 किमी की दूरी पर होता है। जब चद्रंमा पृथ्वी की सर्वाधिक दूरी पर होता है। तब वह 4,05,000 किमी की दूरी पर होता है। चद्रंमा पर लगने वाली इस पूरी प्रक्रिया को नासा में मोस्ट डैजलिंग शो यानि सबसे चमकदार शो कहा जाता है।


नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के रिसर्च साइंटिस्ट डॉ नोआह पेट्रो के मुताबिक सुपर मून चद्रंमा आम दिनों के मुकाबले 14 फीसदी अधिक दमकदार होता है। इस दौरान चांद का रंग लाल तांबे के जैसा दिखाई देता है, इसलिए इसे ब्लड मून कहा जाता है। ग्रहण के दौरान चद्रंमा के रंग बदलने पर वैज्ञानिकों का मानना है कि इस दौरान सूरज की रोशनी धरती से होकर चद्रांमा का रंग ग्रहण के दौरान बदल जाता है। इस ग्रहण को अमेरिकी जनजाती वुल्फ मून के नाम से जानती है। ऐसी मान्यता है कि पूर्णिमा की रात को भोजन की तलाश में निकलने वाले भेड़िए आसमान में लाल चद्रंमा को देखकर जोर-जोर से आवाज लगाते हैं, चिल्लाते हैं, इसलिए इस चंद्र ग्रहण को वुल्फ मून भी कहा जाता है। 

Created On :   28 Feb 2019 5:57 AM GMT

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