अपहरण-फिरौती मामले में एसपी समेत दो को हुई उम्रकैद

Life imprisonment to two accused including SP in kidnapping case
अपहरण-फिरौती मामले में एसपी समेत दो को हुई उम्रकैद
अपहरण-फिरौती मामले में एसपी समेत दो को हुई उम्रकैद

डिजिटल डेस्क, जलगांव। जिला परिषद के पूर्व सदस्य का अपहरण कर फिरौती मांगने के मामले में वर्तमान में मुंबई होमगार्ड पुलिस अधीक्षक मनोज लोहार तथा इस काम में उनका साथ देने वाले धीरज येवले को अदालत ने शनिवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि इन दोनों की हरकतों से समाज में गलत संदेश गया। सजा सुनाने के बाद दोनों अपराधियों को जलगांव उपकारागृह भेज दिया गया। मामले के तीसरे अपराधी चालीसगांव के तत्कालीन पुलिस उपनिरीक्षक विश्वासराव निंबालकर को संदेह का लाभ देते हुए निर्दोष करार दिया गया है। 30 जून 2009 को चालीसगांव निवासी जिला परिषद के पूर्व सदस्य डॉ. उत्तमराव धनाजी महाजन का तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक लोहार ने अपहरण करा लिया था। बाद में येवले ने मध्यस्थता कर 25 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी। 

किसी तरह छूटने पर डॉ. महाजन ने लोहार, येवले व उनका साथ देने वाले विश्वासराव निंबालकर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। जिसके आधार पर चालीसगांव पुलिस स्टेशन में अपहरण कर फिरौती मांगने का मामला दर्ज किया गया था। न्यायाधीश पी.वाई. लाडेकर ने 16 जनवरी की सुनवाई में ही लोहार एवं येवले को दोषी करार दिया था। शनिवार को सजा पर बहस हुई। 

लोहार, येवले ने की कम सजा की अपील, कोर्ट ने नहीं मानी
लोहार ने उसे कम से कम सजा दिए जाने का अनुरोध किया। उसने कहा कि मुझे कैंसर है। हार्ट अटैक आने की भी आशंका है। दो बच्चों की शिक्षा जारी है। परिवार में वृद्ध मां-बाप के पालन-पोषण की जिम्मेदारी भी है। येवले ने अनुरोध किया कि मुझे 10 साल का लड़का तथा 6 साल की लड़की है। पत्नी बीमार रहती है। वृद्ध मां-बाप के पालन की जिम्मेदारी भी है। इसलिए कम से कम सजा दी जाए। बाद में सरकारी वकील केतन ढाके एवं बचाव पक्ष के वकील ने दलीलें पेश की। अंत में सभी पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने लोहार व येवले को उम्र कैद की सजा सुनाई और कहा कि अपराधियों का कृत्य क्षमायोग्य नहीं है। सजा में रियायत देने पर समाज में गलत संदेश जाएगा। 
 

Created On :   20 Jan 2019 9:13 AM GMT

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