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यहां बच्चों से करवाई जा रही शराब तस्करी, अपने ही बच्चों का ले रहे सहारा
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। जिले में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद भी शराब विक्रेता नई-नई तरकीब निकालकर शराब की तस्करी कर रहे हैं। शराब विक्रेता अब घर-घर शराब पहुंचाने के लिए स्कूली बच्चों को भी नहीं बख्श रहे हैं। देसाईगंज तहसील के उसेगांव निवासी दो शराब विक्रेताओं द्वारा अपने ही स्कूली बच्चों से घर-घर शराब भिजवाने का मामला सामने आया है। गांव संगठन ने दोनों शराब विक्रेताओं को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया है। इस मामले से यह स्पष्ट होता है कि, शराब विक्रेता अब अपना व्यवसाय शुरू रखने के लिए स्कूली विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।
जिले में है शराबबंदी
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1992 में गड़चिरोली जिले में शराबबंदी कानून लागू हुआ। लेकिन इस कानून पर कड़ाई से अमल नहीं हो पाने के कारण जिले में खुलेआम शराब बेची जा रही है। जिले से सटे, गोंदिया, भंडारा, चंद्रपुर समेत छ.ग., मध्यप्रदेश और तेलंगाना राज्य से शराब की तस्करी होती है। ऐसे में वर्ष 2014 में राज्य के वित्त मंत्री तथा चंद्रपुर जिले के पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार के प्रयासों से चंद्रपुर जिले में शराबबंदी कानून लागू किया। इसके बाद से चंद्रुपर जिले से शराब की तस्करी लगभग बंद हो गयी। लेकिन अब गोंदिया और भंडारा जिले समेत जिले से सटे राज्यों से शराब की तस्करी हो रही है।
कार्रवाई के बावजूद नहीं आ रहे बाज
पुलिस विभाग द्वारा आए दिन कार्रवाईयां करने के बाजवूद शराब तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में दो वर्ष पहले मुक्तिपथ संगठन के माध्यम से गांव-गांव शराबबंदी समितियां गठित कर लोगों में जनजागरण करने का प्रयास हो रहा है। बावजूद इसके शराब बिक्री कम नहीं हो रही है। शराब विक्रेता अपना व्यवसाय शुरू रखने के लिए अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं। अब तो शराब विक्रेता अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए स्कूली बच्चों का सहारा ले रहे हैं। उसेगांव के मामले से यह बात स्पष्ट हो गयी है। जिले की अन्य तहसीलों में छोटे बच्चों का शराब बेचने के लिए उपयोग होने की जानकारी मिली है। इसके चलते पुलिस विभाग स्कूली विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले शराब विक्रेताओं पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग जिले के नागरिकों ने की है।
Created On :   28 Nov 2018 10:23 AM GMT