MH370 रिपोर्ट : मलेशिया एयरलाइन्स की फ्लाइट हुई थी साजिश का शिकार
- ये केवल सिस्टम विसंगति का नतीजा नहीं था बल्कि इसे मैनुअल कंट्रोल के जरिए किया गया था।
- मलेशिया एयरलाइन के प्लेन MH370 की 1500 पन्नों की फाइनल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट रिलीज की गई है।
- रिपोर्ट में सिर्फ इतना कहा गया है कि MH370 को अपने निर्धारित मार्ग से डेविएट किया गया था।
डिजिटल डेस्क, कुआलालंपुर। करीब 4 साल पहले रहस्यमयी तरीके से गायब हुए मलेशिया एयरलाइन्स के प्लेन MH370 की 1500 पेज की फाइनल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट रिलीज की गई है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि MH370 को अपने निर्धारित मार्ग से जानबूझकर डेविएट किया गया था। ये केवल सिस्टम विसंगति का नतीजा नहीं था बल्कि इसे मैनुअल कंट्रोल के जरिए किया गया था। हालांकि इन्वेस्टिगेटर यह नहीं बता सके कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा था?
और क्या कहा गया है रिपोर्ट में?
लीड इन्वेस्टिगेटर कोक सू चून ने कहा, हो ची मिन ने प्लेन से संपर्क टूट जाने पर इसकी जानकारी चाइनीज अथॉरिटीज को न देकर गलती की। उन्होंने कहा, "एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स ने उनके पास उपलब्ध विभिन्न आपातकालीन चरणों की शुरुआत भी नहीं की, रेस्क्यू ऑपरेशन और सर्च में देरी हुई। पायलट और फर्स्ट ऑफिसर को भी पर्यापत आराम दिया गया था। वो किसी भी तरह के फाइनेंशियल, इमोशनल और साइकोलॉजिकल स्ट्रेस में नहीं थे। एयरक्राफ्ट का रख रखाव अच्छी तरह से किया गया था और उसमें किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं थी। इसलिए ऐसा को प्रमाण नहीं मिलता है कि किसी तरह के डिफेक्ट के कारण एयरक्राफ्ट गायब हुआ हो।" वहीं लापता यात्रियों के परिजनों का कहना है कि जारी की गई रिपोर्ट में बहुत सारी गलतियां है। इनमें प्रोटोकॉल और दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि इन गलतियों को दोहराया नहीं जाएगा और भविष्य में उन्हें रोकने के लिए उपाय किए जाएंगे।
फ्लाइट में सवार थे 239 लोग
गौरतलब है कि 8 मार्च 2014 को मलेशिया एयरलाइन्स के प्लेन MH370 ने बीजिंग से कुआलालंपुर के लिए उड़ान भरी थी। इस प्लेन में 239 लोग सवार थे। यह अचानक रडार से गायब हो गया था। इसका पता लगाने के लिए विमानन इतिहास का सबसे बड़ा खोज अभियान शुरू किया गया था, जिसमें कई देश शामिल थे, लेकिन विमान का कोई सुराग नहीं मिला। पिछले साल जनवरी में खोज बंद कर दी गई। लापता विमान की खोज इस साल मई में फिर शुरू की गई थी। इस बार यह काम एक निजी खोजी कंपनी अमेरिकी फर्म ओशन इन्फिनिटी कर रही थी। मलेशिया ने उसे "नो फाइंड, नो फी" के आधार पर काम दिया था। यानी खोज नहीं होने पर कोई भुगतान नहीं किया था। फर्म ने हिंद महासागर में 112,000 वर्ग किमी तक विमान की तलाश की। यह विमानन क्षेत्र के रहस्यों में शामिल सबसे अनसुलझी पहेली में से एक है।
Created On :   30 July 2018 12:49 PM GMT