बदायूं : नहीं मिला शव वाहन, कंधे पर ले जाना पड़ा पत्नी का शव

बदायूं : नहीं मिला शव वाहन, कंधे पर ले जाना पड़ा पत्नी का शव

डिजिटल डेस्क, बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं से हाल ही में सामने आए संवेदनहीनता के मामले ने एक बार फिर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी है। बदायूं के जिला अस्पताल में शव वाहन नहीं मिलने पर एक व्यक्ति को अपनी पत्नी का शव कंधे पर रखकर ले जाना पड़ा। बताया जा रहा है कि अस्पताल में दो-दो शव वाहन उपलब्ध थे। इसके बाद भी अस्पताल प्रशासन की ओर से शव वाहन मुहैया नहीं कराया गया। फिलहाल चीफ मेडिकल ऑफिसर ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं।

 

 

इलाज के दौरान हुई महिला की मौत

दरअसल मूसाझाग थाना क्षेत्र के मझारा गांव की रहने वाली मनीषा जिला अस्पताल में भर्ती थी। सोमवार को इलाज के दौरान मनीषा ने दम तोड़ दिया। जिसके बाद महिला के पति सादिक ने जिला अस्पताल के CMS से शव वाहन मुहैया कराने की मांग की। सादिक ने ये भी बताया कि उसका गांव अस्पताल से 25 किलोमीटर दूर है। उसने इसके लिए CMS डॉ. आरएस यादव को पत्र भी लिखकर दिया। इसके बावजूद जिला अस्पताल प्रशासन ने शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया। 

 


काफी देर तक शव वाहन मिलने का इंतजार करने के बाद अंत में सादिक पत्नी के शव को अपने कंधे पर लादकर अस्पताल से ऑटो स्टैंड चला गया। वहां से वो पत्नी का शव लेकर गांव चला गया।  

 

 

दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन

चीफ मेडिकल ऑफिसर ने इस घटना को निंदनीय बताया है। उन्होंने कहा कि हमारे पास दो शव वाहन हैं। इन शव वाहनों को जरूरतमंदों को उपलब्ध कराए जाते हैं। साथ ही उन्होंने जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

 

 

एम्बुलेंस नहीं मिलने पर पत्नी को हाथ ठेले पर लेकर पहुंचा था अस्पताल 

कुछ दिन पहले की उत्तर प्रदेश के कन्नौज से भी ऐसा ही मामला सामने आया था। कन्नौज में एक युवक के फोन करने पर जब मौके पर एंबुलेंस नहीं पहुंची तो उसे अपनी पत्नी को हाथ ठेले पर लादकर अस्पताल ले जाना पड़ा था। सदर कोतवाली के हैबतपुर कटरा गांव में एम्बुलेंस नहीं पहुंची थी। जिसके बाद युवक मजबूरी में पत्नी को हाथ ठेले पर  लादकर करीब 9 किलोमीटर पैदल चलकर इलाज कराने के लिए अस्पताल पहुंचा था।

Created On :   8 May 2018 5:17 AM GMT

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