बॉर्डर पर थे उग्रवादियों के 10 कैंप,भारत- म्यांमार की आर्मी ने किए तबाह

Myanmar army destroyed 10 terror camps with help indian army
बॉर्डर पर थे उग्रवादियों के 10 कैंप,भारत- म्यांमार की आर्मी ने किए तबाह
बॉर्डर पर थे उग्रवादियों के 10 कैंप,भारत- म्यांमार की आर्मी ने किए तबाह

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना जब पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर जैश ए मोहम्मद के आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप को निशाना बना रही थी, उस समय भारतीय सेना की मदद से म्यांमार की आर्मी ने भी एक ऑपरेशन चलाया और उग्रवादियों के 10 कैंपों को तबाह कर दिया। इस कार्रवाई को ऑपरेशन सनराइज नाम दिया गया था।

म्यांमार आर्मी ने भारतीय सेना के साथ मिलकर जिन विद्रोहियों पर कार्रवाई की उन्हें आराकन आर्मी नामक संगठन का सदस्य बताया जा रहा है। ये लोग भारत और म्यांमार के बीच बनाए जा रहे कलादान (कलाडान) ट्रांजिट प्रोजेक्ट पर हमला करने की फिराक में थे।

भारतीय सेना के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक म्यांमार की सेना ने ही ऑपरेशन सनराइज को अंजाम दिया था, हालांकि इस दौरान मिजोरम से लेकर मणिपुर तक की म्यांमार से लगी सीमा को असम राइफल्स और भारतीय सेना ने सील कर दिया था। 

म्यांमार की कार्रवाई के बाद उग्रवादी भारत में न प्रवेश कर जाएं, इसलिए सीमा पर सैनिकों की संख्या बढ़ा दी गई थी। विद्रोहियों से निपटने के लिए स्पेशल फोर्स के पैरा-एसएफ कमांडो की भी तैनाती की गई थी। ऑपरेशन सनराइज 17 फरवरी को लांच हुआ और 2 मार्च तक चला। 

ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेना ने म्यांमार सीमा नहीं लांघी थी, हालांकि म्यांमार की सेना की तरफ से इंटेलीजेंस इनपुट जरूर साझा किए गए थे। इस ऑपरेशन में कितने विद्रोही मारे गए या कितनों को गिरफ्तार किया गया है, इसका जानकारी म्यांमार सेना के पास ही है, जानकारों की मानें तो 10 कैंपों में तकरीबन डेढ़ हजार से ज्यादा विद्रोही मौजूद थे। 

चीन से मिलती है मदद
जानकारी के मुताबिक आराकन आर्मी के लड़ाके मिजोरम सीमा के पास म्यांमार के जंगलों में रह रहे थे, उन्हें म्यांमार के ही अन्य उग्रवादी संगठन कचिन इंडिपेंडेंट आर्मी से मदद मिल रही थी। कचिन उग्रवादी म्यांमार के ही कचिन प्रांत में सक्रिय बताए जाते हैं, जो चीन से सटा हुआ है, माना जाता है कि चीन भी इन विद्रोहियों को समर्थन देता है।

 

 

 

 

Created On :   15 March 2019 7:19 PM GMT

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