वन नेशन-वन इलेक्शन के लिए बनेगी कमेटी, पटनायक का समर्थन... विरोध में शिवसेना

वन नेशन-वन इलेक्शन के लिए बनेगी कमेटी, पटनायक का समर्थन... विरोध में शिवसेना
हाईलाइट
  • 40 दलों को बैठक में किया था निमंत्रित
  • अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल ने दिया प्रस्ताव
  • पीएम मोदी ने की बैठक की अध्यक्षता

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वन नेशन-वन इलेक्शन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को बैठक हुई, जिसमें पीएम मोदी ने एक समिति बनाने का प्रस्ताव दिया। समिति इससे जुड़े पहलुओं का अध्ययन करने के बाद अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। समिति गठित करने का प्रस्ताव शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने दिया। बैठक में करीब 14 बड़ी पार्टियां शामिल नहीं हुईं।

विपक्षी कांग्रेस, टीएमसी, सपा, बसपा, सीपीएम और आप जैसी कई राजनैतिक पार्टियों ने बैठक का बहिष्कार किया, जबकि बीजद, टीआरएस और वायएसआर जैसी पार्टियों ने इसका समर्थन किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 40 दलों को  बैठक में शामिल होने का न्यौता भेजा गया था, जिनमें से 21 दल ही शामिल हुए और 3 पार्टियों ने लिखित रूप से अपनी राय भेजी थी।


सुझावों पर विचार करेगी कमेटी  
वन नेशन-वन इलेक्शन मुद्दे पर हुई बैठक में टीआरएस नेता केटी रामाराव ने कहा कि एक-देश एक-चुनाव बीजेपी या मोदी का एजेंडा नहीं है। रामाराव के मुताबिक इस मुद्दे पर कोई जल्दबाजी नहीं है, इसे 2024 में भी लागू नहीं किया जाएगा। 


समर्थन में कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा
कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने पार्टी लाइन से अलग जाकर वन-नेशन वन इलेक्शन पर अपनी राय व्यक्त की है। देवड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव पर बहस होना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में 1967 तक एक साथ ही चुनाव कराए गए थे। देवड़ा ने कहा कि लगातार चुनाव गुड गवर्नेंस की दिशा में बाधा हैं, इसकी वजह से नेता मुद्दों को भटकाने का काम करते हैं।


इन 14 पार्टियों ने किया विरोध
वन-नेशन वन-इलेक्शन का विरोध बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने भी किया है, बैठक में कांग्रेस, टीएमसी, एआईएडीएमके, डीएमके, शिवसेना, एसपी, बीएसपी, आरजेडी, जेडीएस, टीडीपी, आम आदमी पार्टी, एआईयूडीएफ, आईयूएमएल, सीपीएम और झारखंड मुक्ति मोर्चा ने शिरकत नहीं की। जबकि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक-देश एक-चुनाव का समर्थन किया है।

 

 

 

 

Created On :   19 Jun 2019 3:44 PM GMT

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