दो कमरों में रह रहीं 50 छात्राएं, खुले में होता है स्नान और शौच

No arrangements for the tribal girls students living in Ashram
दो कमरों में रह रहीं 50 छात्राएं, खुले में होता है स्नान और शौच
दो कमरों में रह रहीं 50 छात्राएं, खुले में होता है स्नान और शौच

डिजिटल डेस्क, मंडला। शासन ने आदिवासी छात्राओं को शिक्षा देने के लिए आश्रम बनाए हैं, लेकिन यहां छात्राएं की जिंदगी बदहाल हो रही है। जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर दूर ग्राम बसनी के मगराटेाला में आदिवासी कन्या आश्रम की 50 छात्राओं को दो छोटे कमरों में गुजारा करना पड़ रहा है। कमरों में ही पलंग और झोपड़ी में कक्षाएं लगती है। छात्राओं की सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। इन्हें नहाने के लिए नाला और शौच के लिए खुले में जाना पड़ रहा है। छात्राओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए प्रशासन और विभाग के द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

विस्थापित हुआ था गांव
जानकारी के मुताबिक वर्ष 2013 में कान्हा के सामरधसान को विस्थापित किया गया था, यहां से छात्राआस भी बसनी के मगराटोला में शिफ्ट कर दिया गया। यहां आदिवासी कन्या आश्रम के लिए कोई इंतजाम नही किए गए। प्राथमिक शाला के अतरिक्त कक्ष और आंगनबाड़ी के एक कमरे में आश्रम खोल दिया गया। यहां छात्राओं की सुविधा के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए। पिछले छह साल से 50 सीटर आश्रम शाला में बालिकाओं की पढ़ाई और सुरक्षा भगवान भरोसे है। यहां कक्षा 3 से कक्षा 7 की 50 छात्राएं अध्ययनरत हैं।

दो कमरे में 50 बच्चियां
आंगनबाड़ी के कमरे 8 और अतिरिक्त कक्ष में 13 पलंग डाले गए हैं। यहां खड़े होने के लिए भी जगह नहीं है। इन्ही पर बिस्तर, पढ़ाई की किताबें रखी है। यहां सिर्फ एक चौकीदार छात्राओं के साथ रहता है। पूरा मैदान खुला है। छात्राओं को नाला नहाने के लिए जाना पड़ रहा है। खुले मे शौच के लिए जा रही है। सुरक्षा व्यवस्था के लिए प्रशासन और विभाग के कोई इंतजाम नही किए है। हालात यह है कि अधीक्षिका भी यहां नहीं रह पाती है। उन्हे कोई रात रूकने के लिए जगह ही नही है। पिछले छह साल से कोई सुधार नही हुआ है।

झोपड़ी में लग रही कक्षा
आश्रम की छात्राओं को रहने के अलावा पढ़ने के लिए भी जगह नहीं है। कक्षा तीन की छात्राओं को झोपड़ी में बैठकर पढ़ना पढ़ रहा है। कक्षा 4 और 5 की छात्राओं की कक्षा रहने वाले कमरे के पलंग पर लगती है। कक्षा 6 और 7 की छात्राओं को एक किलोमीटर दूर ग्राम बसनी जाना पड़ रहा है। आश्रम की छात्राओं को अलग-अलग जगह पढ़ाई करनी पड़ रही है। विभाग के अधिकारियों ने अभी तक बालिकाओं की समस्या पर बिल्कुल भी ध्यान नही दिया है। जिससे छात्राओं का भविष्य अंधकार में है।

मुश्किल हो रहा रहना पढ़ना
कक्षा 7 की छात्रा प्रेमलता, हर्षिता, दुर्गेश, कक्षा 6 की उर्मिला, सरस्वती ने बताया है कि यहां सुविधाएं नहीं होने के कारण रहना और पढऩा मुश्किल हो गया है। सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है। सुरक्षा के लिए कोई व्यवस्था यहां नहीं है। छत्राएं यहां सुविधा और व्यसवस्था नहीं होने से भयभीत रहती है। जिससे कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

इनका कहना है
निर्माण कार्य पूरा कराने के लिए आंवटन नहीं मिल रहा है, विभाग को कई बार डिमांड भेजी जा चुकी है। बैठक के दौरान भी अधिकारियों को बताया गया है, विभाग से आवंटन मिलते ही निर्माण कार्य पूरा करा लिया जाएगा।
एसके कारेकान, ई पीआईयू

बीईओ से जानकारी लेता हूं कि वहां क्या स्थिति है,छात्राओं की सुविधाओं और व्यवस्थाओं पर ध्यान दिया जाएगा।
विजय तेकाम, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग

 

Created On :   21 Jan 2019 9:39 AM GMT

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