यदि संरक्षण नहीं किया गया तो 2030 तक खत्म हो जाएगा पेयजल: रिपोर्ट

यदि संरक्षण नहीं किया गया तो 2030 तक खत्म हो जाएगा पेयजल: रिपोर्ट
हाईलाइट
  • अगर जल संरक्षण नहीं किया गया तो 2030 तक पेयजल नहीं बचेगा
  • नीति आयोग की एक रिपोर्ट में हुआ खुलासा
  • भारत के कई शहरों पर मंडरा रहा पीने के पानी का खतरा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के कई शहरों में पीने के पानी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। यहां तक कि अगर अभी से जल संरक्षण शुरू नहीं किया गया तो अगले 11 सालों में लोग बूंद-बूंद के लिए तरस जाएंगे। नीति आयोग की एक रिपोर्ट के इस बात का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगर जल संरक्षण नहीं किया गया तो 2030 तक पानी खत्म होने की कगार पर आ जाएगा। ऐसे में यह रिपोर्ट सरकार और आम जनता के लिए चिंता का विषय बन गई है। 

नीति आयोग रिपोर्ट में दावा किया गया है, दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद सहित 21 भारतीय शहर 2020 तक भूजल से बाहर निकल जाएंगे। पेयजल की किल्लत का सामना सबसे ज्यादा दिल्ली, बेंगलुरू, चेन्नई और हैदराबाद के लोगों को करना पड़ेगा। रिपोर्ट के अनुसार, 2020 से ही पानी की परेशानी शुरू हो जाएगी। पानी के कारण करीब 10 करोड़ लोग परेशानी का सामना करेंगे। रिपोर्ट में कहा गया है, 2030 तक भारत की 40 प्रतिशत आबादी के पास पेयजल की कोई सुविधा नहीं होगी। रिपोर्ट के मुताबिक, चेन्नई में तीन नदियां, चार जल निकाय, पांच आर्द्रभूमि और छह जंगल पूरी तरह से सूख चुके हैं। 

नेशनल वॉटर अकादमी के पूर्व डायरेक्टर मनोहर खुशलानी ने कहा, सरकार और देश के लोगों की सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे पानी की बचत करें और भूजल स्तर बढ़ाने में योगदान दें। बता दें कि, खुशलानी वर्तमान में इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी दिल्ली में प्रोफेसर हैं। उन्होंने "इरीगेशन प्रैक्टिस एंड डिजाइंड इन फाइव वाल्यूम" नाम की एक किताब भी लिखी है।
 

Created On :   20 Jun 2019 3:57 AM GMT

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