एक गांव ऐसा भी जहां आज तक कोई नेता नहीं पहुंचा

No political leader reached this village of Chhindwara yet
एक गांव ऐसा भी जहां आज तक कोई नेता नहीं पहुंचा
एक गांव ऐसा भी जहां आज तक कोई नेता नहीं पहुंचा

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। इस चुनाव में बात एक-एक वोट पर हो रही है, वोट हासिल करने प्रत्याशी, नेता और कार्यकर्ता गांव-गांव पहुंच रहे हैं, लेकिन जिले का एक गांव ऐसा भी है जहां अब तक कोई नहीं पहुंचा है। बात हो रही है जिला मुख्यालय से करीब 100 किलोमीटर दूर हर्रई विकासखंड की ग्राम पंचायत ओझलढाना के अंतर्गत गांव बड़ेपुराटोला की। यहां आदिवासी (गोंड) समुदाय के करीब 60 परिवार हैं, जबकि आबादी 300 है। जबकि मतदाताओं की संख्या सौ से अधिक है। यहां के निवासियों ने अब तक उनके गांव में किसी बड़े नेता को आते नहीं देखा है। आसपास गांवों में रैलियों और सभाओं में जरूर इन ग्रामीणों को बुलाया जाता है। खास बात तो यह कि लोकसभा चुनाव में किस पार्टी से कौन प्रत्याशी है यह भी उन्हें मालूम नहीं है। चर्चा में वे यह जरूर कहते हैं कि कमलनाथ को उन्होंने देखा है।

गांव में ये समस्याएं
- बड़ेपुराटोला के आदिवासियों को करीब 1 किलोमीटर कच्चे मार्ग से गांव पहुंचना पड़ता है। सूखे दिनों में उन्हें दिक्कत नहीं है, लेकिन बारिश में नाले में बाढ़ से रास्ता बंद हो जाता है।
- यहां पेयजल की समस्या है। गांव से थोड़ा दूर एक हैंडपंप है, जिससे पूरा गांव प्यास बुझाता है। खेत हैं पर सिंचाई के साधन उपलब्ध नहीं हैं। बरसाती फसल के अलावा कुटकी वे उगाते हैं।
बसाहट... पहाड़ों से घिरा गांव, बिखरा आबादी क्षेत्र
ग्राम बडपुराटोला तीन तरफ जंगल व पहाड़ से घिरा हुआ है। 
निर्भर... महुआ और चार की गुठली
ग्रामीण आय के लिए पूरी तरह से वनोपज महुआ और चार की गुठली पर निर्भर हैं। अच्छी बात यह कि महुआ और चार का उत्पादन यहां अव्वल दर्जे का है। तेंदुपत्ता में जरूर इन वन वासियों को निराशा हाथ लगती है। 
साधन... प्राइमरी स्कूल, आंगनबाड़ी
गांव में प्राइमरी स्कूल और आंगनबाड़ी की सुविधा है। मिडिल और हाईस्कूल की शिक्षा के लिए यहां के बच्चे तीन किलोमीटर दूर पंचायत मुख्यालय ओझलढाना की दौड़ लगाते हैं। बारिश के सीजन में जरूर दिक्कतें होती हैं, लेकिन इन सुविधाओं से ग्रामीण संतुष्ट नजर आते हैं। 
अच्छी बात... वोट डालने जरूर जाते हैं ग्रामीण
नेता, जनप्रतिनिधि और अफसर भले ही बड़ेपुराटोला नहीं पहुंचते हो पर ग्रामीण अपना फर्ज जरूर निभाते हैं। आदिवासी ग्रामीणों के मुताबिक वे हर चुनाव में वोट डालने जरूर जाते हैं। वह भी तीन किमी पैदल चलकर पोलिंग बूथ ओझलढाना पहुंचते हैं। 
ग्रामीणों का कहना-
बड़े नेता और अधिकारियों का ध्यान नहीं है, अब तक हमारे गांव में बड़े नेता नहीं आए। गांव में सिंचाई के साधन नहीं है। कोई आएगा तो हम समस्या जरूर बताएंगे।
-विपतलाल इवनाती, ग्रामीण
चुनाव में कार्यकर्ता तो आते हैं, लेकिन अब तक कोई बड़ा नेता गांव में नहीं आया। सभी चाहते हैं कि गांव में नेता आएं तो वे अपनी बात भी रख सकें। वोट के लिए आने वाले कार्यकर्ता आश्वासन तो देते हैं लेकिन बाद में नहीं आते।
-रामभगत इवनाती, ग्रामीण
 

Created On :   23 April 2019 7:26 AM GMT

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