संजय टाइगर रिजर्व सीधी में राज करेगा कान्हा का अनाथ बाघ

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संजय टाइगर रिजर्व सीधी में राज करेगा कान्हा का अनाथ बाघ
संजय टाइगर रिजर्व सीधी में राज करेगा कान्हा का अनाथ बाघ

डिजिटल डेस्क, बालाघाट/मंडला। यहां तीन साल पहले अनाथ हुआ बाघ अब संजय टाइगर रिजर्व सीधी में राज करेगा ।आज टायगर रिजर्व की टीम ने बाघ को सीधा भेजने के आपरेशन को अंजाम दिया ।पूरी तैयारी के बाद कान्हा नेशनल पार्क से संजय टाइगर रिजर्व सीधी नर बाघ शिफ्ट किया गया है।कान्हा नेशनल पार्क के घोरेल्ला बाड़े में बाघ का लालन पालन किया गया है। संजय टाइगर रिजर्व के जंगल में नर बाघ स्वच्छंद विचरण करेगा। सोमवार को विशेषज्ञों की मौजदूगी में बाघ कान्हा से भेजा गया है।

बाड़े में बीता बचपन
जानकारी के मुताबिक कान्हा नेशनल पार्क के मुक्की रेंज में 3 साल पहले अनाथ शावक का रेस्क्यू किया गया था। शावक जंगल में सुरक्षित नही रहता। जिसके चलते घोरेल्ला बाड़े में शिफ्ट कर दिया गया। यहां पार्क प्रबंधन और विशेषज्ञों में बाघ का लालन पालन किया। बाड़े में रहने के बाद बाघ में स्वाभाविक गुण विकसित किये गये। यहां शिकार करना सिखाया गया। शावक को आक्रामकता सिखाई गई। तीन साल तक प्रशिक्षित किया गया। अब प्रशिक्षित होने के बाद नर बाघ को ट्रान्सलोकेशन कार्यक्रम के तहत संजय टाइगर रिजर्व सीधी में शिफ्ट करने की योजना बनाई गई।

इस नर बाघ को कान्हा, पेंच एवं संजय टाईगर रिजर्व, सीधी के वन्यप्राणी चिकित्सकों एवं अधिकारियों द्वारा निश्चेतन कर उसके शरीर के आवश्यक माप रिकार्ड कर एवं ब्लड सेम्पलिंग किया गया। सम्पूर्ण कार्यवाही क्षेत्र संचालक कान्हा एल.कृष्णमूर्ति  के मार्गदर्शन में कान्हा प्रबंधन द्वारा की गई। इस दौरान संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र संचालक विन्सेंट रहीम, उपसंचालक कान्हा अंजना सुचिता तिर्की, वन्य प्राणी चिकित्सक संदीप अग्रवाल,  अखिलेश मिश्रा, मौजूद रहे।

7 बाघ हो चुके शिफ्ट
कान्हा नेशनल पार्क अनाथ बाघों के लालन पालन के मामले में देश में अलग पहचान है। कान्हा  टाईगर स्कूल के नाम से पहचान बना चुका है। यहां  वर्ष 2005 से अब तक 7 बाघों को लालन-पालन किया गया। इसके बाद इन्हे सफल तरीके से जंगल में छोड़ा गया है। जिससे बाघ स्वच्छंद विचरण कर सके। कान्हा के  घोरेला बाघ बाड़े से पन्ना टाईगर रिजर्व, नौरादेही अभयाण्य, कान्हा टाईगर रिजर्व, सतपुडा टाईगर रिजर्व में मुक्त किया जा चुका है।

संजय टाइगर रिजर्व में बढ़ेगी संख्या
बाघ ट्रान्सलोकेशन कार्यक्रम का मकसद है कि जहां बाघ भेजे जाये वहां उनकी आबादी बढ़ गये। पन्ना में बाघों की आबादी बढ़ी भी है।  इस बाघ ट्रान्सलोकेशन से संजय टायगर रिजर्व, सीधी  में बाघों की संख्या वृद्धी में मदद मिलेगी।

Created On :   10 Dec 2018 12:09 PM GMT

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