भारत में मौजूदा सरकार से कोई उम्मीद नहीं, आम चुनाव के बाद बात करेगा पाक : फवाद चौधरी

Pakistan will talk to India only after the general elections
भारत में मौजूदा सरकार से कोई उम्मीद नहीं, आम चुनाव के बाद बात करेगा पाक : फवाद चौधरी
भारत में मौजूदा सरकार से कोई उम्मीद नहीं, आम चुनाव के बाद बात करेगा पाक : फवाद चौधरी
हाईलाइट
  • 2016 में उरी और पठानकोट में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाक संबंध तनावपूर्ण हो गए थे।
  • पाकिस्तान के सूचना मंत्री ने कहा कि उनके देश को नई दिल्ली में मौजूद सरकार से किसी बड़े फैसले की उम्मीद नहीं है।
  • पाकिस्तान ने कहा है कि आम चुनाव के बाद ही भारत के साथ शांति वार्ता शुरू की जाएगी।

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा है कि इस साल भारत में होने वाले आम चुनाव के बाद ही शांति वार्ता शुरू करने की कोशिश की जाएगी। पाक सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि उनके देश को भारत सरकार से किसी बड़े फैसले की उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा कि इसलिए यह बातचीत का सही समय नहीं है, क्योंकि सभी भारतीय नेता आगामी लोक सभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं।

फवाद चौधरी ने एक इंटरव्यू में कहा, "जब तक भारत में कुछ स्थिरता नहीं आ जाती, तब तक उनसे बात करना बेकार है। चुनाव के बाद नई सरकार बनने पर हम बातचीत के लिए आगे बढ़ेंगे। हमने भारत के साथ बातचीत करने के अपने प्रयासों में देरी की, क्योंकि हम भारत सरकार से किसी बड़े फैसले की उम्मीद नहीं करते हैं।"

फवाद से यह पूछे जाने पर कि कौन सा नेता (पीएम मोदी या राहुल गांधी) भारत-पाक रिश्तों को सुधारने में ज्यादा सफल होगा? इसके जवाब में फवाद ने कहा कि इस्लामाबाद को इससे फर्क नहीं पड़ता। फवाद ने कहा, "पाकिस्तान सरकार किसी भी भारतीय नेता और वहां के लोगों द्वारा चुनी गई पार्टी का सम्मान करेगी। हमारे लिए कोई स्पेशल नेता मायने नहीं रखता। जो भी सत्ता में आएगा, उसके साथ बातचीत करने के लिए हम तैयार हैं।"

चौधरी ने कहा कि पिछले साल नवंबर में भारत और पाकिस्तान के बीच खुले करतारपुर कॉरिडोर से दोनों देशों के बीच संबंध में कुछ विकास होगा, क्योंकि इससे न केवल सिख समुदाय को मदद मिलेगी, बल्कि भारत-पाक संबंधों को भी फायदा होगा। यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान में फॉरेन पॉलिसी या सेना को लेकर कौन फैसले लेता है। इसके जवाब में चौधरी ने कहा कि "निश्चित रूप से प्रधानमंत्री इमरान खान फैसला लेते हैं। पहले की सरकार में कई मुद्दों को लेकर लोगों, सरकार और सेना के बीच टकराव देखा गया था। ऐसा इसलिए क्योंकि वह एक-दूसरे से खुलकर बात करने में सक्षम नहीं थे। वहीं अब इमरान खान के सत्ता में आने के बाद सब कुछ बदल चुका है।"

बता दें कि 2016 में उरी और पठानकोट में हुए आतंकवादी हमले और भारत द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत-पाक संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। 2017 में दोनों के बीच कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई। भारत हमेशा से यह कहता रहा है कि आतंक और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते।

Created On :   28 Jan 2019 2:39 PM GMT

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