शिव छत्रपति खेल पुरस्कार के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका, बगैर लाईसेंस के चल बेचे जा रहे पशु-पक्षी मामले में भी जवाब तलब

Petition against Shiv Chhatrapati Sports Award in the High Court
शिव छत्रपति खेल पुरस्कार के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका, बगैर लाईसेंस के चल बेचे जा रहे पशु-पक्षी मामले में भी जवाब तलब
शिव छत्रपति खेल पुरस्कार के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका, बगैर लाईसेंस के चल बेचे जा रहे पशु-पक्षी मामले में भी जवाब तलब

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार की ओर से शिव छत्रपित शिवाजी महाराज खेल पुरस्कार देने का निर्णय कानूनी विवादों में घिर गया है। गुरुवार को  महानगर निवासी अक्षता वाविकर ने जिमनास्ट श्रेणी में सरकार की ओर से घोषित किए गए पुरस्कार पर सवाल उठाते हुए याचिका दायर की है। हालांकि हाईकोर्ट ने इस याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से इंकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि यदि पुरस्कार के लिए दिए गए दस्तावेज गलत पाए जाते हैं तो सरकार पुरस्कार वापस लेने की दिशा में कदम उठाएगी। गुुरुवार को मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटील व न्यायमूर्ति एनएम जामदार की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील राजेश हटप ने दावा किया गया है कि जिसे इस पुरस्कार के लिए चुना गया है, उसने पुरस्कार पाने के लिए फर्जी दस्तावेज दिए हैं। जिमनास्ट श्रेणी में चयनित युवती ने राष्ट्रीय स्तर पर जूनियर लेवल पर खेला था लेकिन उसने दास्तावेज सीनियर लेवल का दिया है। आगामी 17 फरवरी को यह पुरस्कार वितरित किए जाने हैं। इसलिए इस मामले को लेकर तुरंत सुनवाई की जाए किंतु खंडपीठ ने याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से इंकार कर दिया। 

बगैर लाईसेंस के चल बेचे जा रहे पशु-पक्षी, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

उधर राज्य भर में बिना लाइसेंस के चल रही पालुत पशु-पंक्षियों की दुकानों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। इस विषय पर महानगर निवासी शिवराज पाटने ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि पालतु-पशु पक्षियों को बेचने का लाइसेंस जारी करने का अधिकार महानगरपालिकाओं को नहीं है। प्राणी क्रूरता प्रतिबंधक कानून के अनुसार पशु कल्याण विभाग ही इसके लिए लाइसेंस जारी कर सकता है। गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटील व न्यायमूर्ति एनएम जामदार की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रही वकील संजुक्ता डे ने कहा कि पालतु पशु-पक्षियों को बेचने व ब्रीडिंग के लिए ज्यादातर दुकानदारों ने लाइसेंस नहीं लिया है। फिर भी उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने सहायक सरकारी वकील निशा मेहरा को इस मामले में संबंधित विभाग से जरुरी निर्देश लेने को कहा और मामले की सुनवाई दो सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी। 
 

Created On :   14 Feb 2019 3:27 PM GMT

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