राजस्थान में बोले पीएम मोदी- बेटियां बोझ नहीं परिवार की आन-बान और शान होती हैं

PM Modi on International Womens Day in Jhunjhunu, Rajasthan
राजस्थान में बोले पीएम मोदी- बेटियां बोझ नहीं परिवार की आन-बान और शान होती हैं
राजस्थान में बोले पीएम मोदी- बेटियां बोझ नहीं परिवार की आन-बान और शान होती हैं

डिजिटल डेस्क, झुंझुनू। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को राजस्थान के झुंझुनूं में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के विस्तार का शुभारंभ किया। उन्होंने इस दौरान कहा कि बेटियां परिवार के लिए बोझ नहीं होती है बल्कि परिवार की आन-बान और शान होती हैं। पीएम ने कहा, "मैं सभी से अपील करूंगा कि "बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान" को जन आंदोलन बनाएं, हमें बेटियों के पक्ष में एक सामाजिक आंदोलन खड़ा करना पड़ेगा।" पीएम ने अपने संबोधन में झुंझुनू की एक महिला फाइटर प्लेन पायलट का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि झुंझुनूं की ही एक बेटी फाइटर प्लेन उड़ाती है तो पता चलता है कि बेटियों की ताकत क्या होती है।

पीएम मोदी ने अपनी इस यात्रा के दौरान राष्ट्रीय पोषण मिशन की भी शुरुआत की। उन्होंने कहा, "अब से पीएम मतलब प्रधानमंत्री मोदी नहीं बल्कि पोषण मिशन याद रहना चाहिए। उन्होंने कहा, "मेरे विरोधी जितना भी मुझे भला-बुरा कहें, बस ऐसा करें कि अगर पीएम बोले तो उसका मतलब नरेंद्र मोदी नहीं पोषण मिशन होना चाहिए। इससे इस मिशन को बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।"

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के इस मौके पर पीएम मोदी के साथ राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व कई अन्य नेता भी मौजूद रहे। इससे पहले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पीएम मोदी को एक किताब भेंट की। यहां पीएम मोदी ने महिलाओं के क्षेत्र में अच्छा काम करने वाले जिलों को भी सम्मानित किया। पीएम ने अपनी जनरैली में यह भी बताया झुंझनू जिले ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अभियान को शानदार तरीके से आगे बढ़ाया है। इसलिए वे झुंझनू आए हैं।

पीएम ने कहा कि हमारे देश में नारी की पूजा होती है लेकिन वेद से विवेकानंद वाले इस देश में वो कौन सी बुराई घर कर गई कि आज हमें अपने ही घर में बेटी बचाने के लिए हाथ-पैर जोड़ने पड़ रहे हैं, बजट से पैसा खर्च करना पड़ रहा है। पीएम ने कहा, "बालक-बालिकाओं के जन्म दर में अंतर दिखता है तो बहुत दुख होता है। बेटियों को गर्भ में मारने से बड़ा पाप कोई भी नहीं है। अब लोगों को तय करना होगा कि जितने बेटे पैदा होंगे, उतनी ही बेटियां पैदा होंगी। जितना बेटा पढ़ेगा तो उतनी ही बेटी भी पढ़ेगी। इसकी शुरुआत हमें आज से ही करनी चाहिए।"

Created On :   8 March 2018 12:01 PM GMT

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