इन आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को बांटे गए बीफ, पोर्क और चिकन के पैकेट!

pork beef and chicken packets distributed in anganwadis of uttarakhand
इन आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को बांटे गए बीफ, पोर्क और चिकन के पैकेट!
इन आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को बांटे गए बीफ, पोर्क और चिकन के पैकेट!
हाईलाइट
  • उत्तराखंड में आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोष्टिक आहार के नाम पर बीफ
  • सुअर का मांस (पोर्क) और चिकन बांटे जाने का आरोप लगा है।
  • फिलहाल सभी पुष्टाहार के नमूने ले लिए गए हैं और मामले की जांच की जा रही है।
  • मुख्य बाल विकास अधिकारी ने अपनी प्राथमिक जांच में इन आरोपों को सही पाया है।

डिजिटल डेस्क, उधम सिंह नगर। उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को पोष्टिक आहार के नाम पर बीफ, सुअर का मांस (पोर्क) और चिकन बांटे जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस मामले में जिला कार्यक्रम अधिकारी ने जांच के आदेश दिए हैं। वहीं मुख्य बाल विकास अधिकारी ने विभागीय कर्मियों के साथ आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचकर संबधित लोगों के बयान दर्ज किए। मुख्य बाल विकास अधिकारी ने अपनी प्राथमिक जांच में इन आरोपों को सही पाया है। फिलहाल सभी पुष्टाहार के नमूने ले लिए गए हैं और मामले की जांच की जा रही है।

जानकारी के अनुसार शनिवार को दिनेशपुर में जगदीशपुर के आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को पोष्टिक आहार के पैकेट बांटे गए थे। बच्चों के घरों में जब यह पैकेट्स देखे गए तो इसमें पोर्क, बीफ और चिकन लिखा देखकर वे हैरान हो गए। इन पैकेट्स पर साफ-साफ लिखा गया है कि इनके अंदर बीफ, पोर्क और चिकन मिक्सड है। इन सबको पढ़ने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया और फिर जिला अधिकारी हरकत में आए।

बता दें कि कुछ दिन पहले चार धाम यात्रा के रूट पर बने एक गेस्ट हाउस में मीट परोसे जाने की अफवाह उड़ी थी। इसके बाद पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को सफाई देनी पड़ी थी।


पैकेट पर लिखा था पिज्जा विद पेपरॉनी मेड विद पोर्क
यह सभी शिकायतें जगदीशपुर कालीनगर, दिनेशपुर, गदरपुर इलाके के आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता ने की। एक अभिभावक ने बताया कि पैकेट पर लिखा था पिज्जा विद पेपरॉनी मेड विद पोर्क, चिकन एंड बीफ (पेपरॉनी पिज्जा, पोर्क, चिकन और बीफ के साथ बना हुआ)। उन्होंने कहा कि अगर पैकेट्स के अंदर मांसाहार नहीं था तो क्या बच्चों को यूज्ड पैकेट के अंदर खाने का सामान दिया गया?

डीपीओ अखिलेश मिश्रा ने मामले में जांच के आदेश जारी करते हुए बताया कि प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र को पोषक तत्व के लिए हर महीने प्रत्येक बच्चे के हिसाब से 200 रुपए दिए जाते हैं। ये खाने के पोषक तत्व डिपार्टमेंटल स्टोर से खरीदे जाते हैं, जो स्वयं सहायता समूहों द्वारा संचालित होते हैं। जो मामले सामने आए हैं, उनमें से स्यवं सहायता समूहों (एसएचजी) ने ही पैकेट्स की सप्लाई की थी।

उन्होंने बताया कि समूह के खिलाफ दिनेशपुर थाने में एफआईआर दर्ज करा दी गई है। साथ ही जिसने ये फूड पैकेट्स सप्लाई किए थे, उसे भी ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया है। वहीं एसएचओ कुवंर सिंह रावत ने बताया कि पैकेट्स की जांच के लिए लैब भेजा गया है। फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है।


पुष्टाहार के नमूने भी लिए
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने विभागीय अधिकारियों से तीन दिन में जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। सोमवार को सीडीपीओ सरोज टम्टा, ब्लॉक प्रभारी बाल विकास विभाग आशा नेगी, क्षेत्रीय सुपरवाइजर सीमा देवी जगदीशपुर केंद्र में पहुंची। उन्होंने केंद्र की संचालिका दयावंती राय, अति कुपोषित बच्चे के पिता सुनील अधिकारी के अलावा ग्रामीणों के बयान दर्ज किए। साथ ही सभी पुष्टाहार के नमूने भी लिए। संस्था ने रैपर कहां से प्राप्त किए इसकी विस्तृत जांच होगी। उन्होंने सभी आंगनबाड़ी संचालिकाओं को संस्था को भुगतान न करने के निर्देश दिए।

पुष्टाहार सप्लाई करने वाली संस्था का भुगतान रोका
सोमवार को मुख्य बाल विकास अधिकारी ने विभागीय कर्मियों के साथ आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचकर संबधित लोगों के बयान दर्ज किए। उन्होंने कहा कि पुष्टाहार आपूर्ति करने वाली संस्था पर लगाए आरोप जांच रिपोर्ट में सही पाए गए हैं। उन्होंने क्षेत्र के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को पुष्टाहार सप्लाई करने वाली संस्था का भुगतान रोकने के आदेश दिए हैं।

Created On :   10 July 2018 1:22 PM GMT

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