आज है रवि प्रदोष व्रत, ऐसे मिलेगी महादेव की महाकृपा

Ravi pradosh fast On 3rd march, This worship have many benefits
आज है रवि प्रदोष व्रत, ऐसे मिलेगी महादेव की महाकृपा
आज है रवि प्रदोष व्रत, ऐसे मिलेगी महादेव की महाकृपा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रदोष व्रत रविवार के दिन होता है, तो उसे रवि प्रदोष व्रत कहते हैं, जो रविवार को यानी आज है। यह व्रत महाशिवरात्रि के एक दिन पहले आने से अपने आप में ही बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है। रवि प्रदोष व्रत से कोई भी भक्त अपने मन की इच्छा को बहुत जल्द पूरा कर सकता है। ज्योतिष अनुसार इस बार रवि प्रदोष व्रत पर देवों के देव महादेव शिव की महाकृपा पाई जा सकती है। व्रत को करने से जीवन की अनेक समस्याएं दूर की जा सकती हैं। रवि प्रदोष व्रत करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और इस दिन किस विधि से करें भगवान शिव और सूर्य की उपासना, आइए जानते हैं...

महाशिवरात्रि के एक दिन पहले रविप्रदोष व्रत आने से इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। इस रवि प्रदोष का व्रत रखकर जीवन के समस्त रोग दोष शोक कलह क्लेश नष्ट किए जा सकते हैं। इस बार रवि प्रदोष व्रत से सरकारी नौकरी की अड़चने दूर करने का उपाय किया जा सकता है और व्यक्ति अपने मान सम्मान की वृद्धि कर सकता है। बता दें कि रविप्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा शाम के समय सूर्यास्त से 45 मिनट पूर्व और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक की जाती है। 

ऐसे करें भगवान शिव और सूर्य की पूजा-

  • इस दिन सूर्य उदय होने से पहले उठें। नहा धोकर साफ हल्के सफेद या गुलाबी कपड़े पहनें।
  • सूर्य नारायण जी को तांबे के लोटे से जल में शक्कर डालकर अर्घ्य दें।
  • सारा दिन भगवान शिव के मन्त्र ॐ नमः शिवाय मन ही मन जाप करते रहें और निराहार रहें।
  • सांध्य के समय प्रदोष काल में भगवान शिव को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से स्न्नान कराएं।
  • शुद्ध जल से स्न्नान कराकर रोली मौली चावल धूप दीप से पूजन करें।
  • साबुत चावल की खीर और फल भगवान शिव को अर्पण करें।
  • आसन पर बैठकर ॐ नमः शिवाय मन्त्र या पंचाक्षरी स्तोत्र का 5 बार पाठ करें।

रवि प्रदोष व्रत में बरतें ये सावधानियां-

  • घर में और घर के मंदिर में साफ सफाई का ध्यान रखें।
  • साफ-सुथरे कपड़े पहन कर ही भगवान शिव और सूर्य की पूजा करें।
  • सारे व्रत विधान में मन में किसी तरीके का गलत विचार ना आने दें।
  • अपने गुरु और पिता के साथ सम्मान पूर्वक व्यवहार करें।
  • राविप्रदोष व्रत विधान में अपने आप को भगवान शिव को समर्पण कर दें।

रवि प्रदोष पर करें भगवान शिव और सूर्य को प्रसन्न-

यदि सूर्य के कारण आपके दाम्पत्य जीवन में तनाव आ गया है तो 27 लाल गुलाब के फूलों को लाल धागे में पिरोएं और पति-पत्नी मिलकर सांध्य के समय भगवान शिव को अर्पण करें और वहीं बैठकर भगवान शिव से प्रार्थना करें ऐसा करने से दांपत्य जीवन में मधुरता आएगी।

जिन लोगों को सरकारी नौकरी में समस्या आ रही हो वह इस रवि प्रदोष पर संध्या के समय भगवान शिव को कच्चे दूध से स्नान कराएं और गुलाब का इत्र अर्पण करें। इससे सरकारी नौकरी की चिंता परेशानी बहुत जल्द समाप्त होगी। जिस किसी को भी सूर्य से संबंधित कोई रोग हो जैसे- हृदय रोग आदि तो वह जातक सफेद चंदन में गंगाजल मिलाकर इसका लेप रवि प्रदोष की संध्या पर शिवजी को करें।

सूर्य ग्रह मानव शरीर में आत्मा का कारक माना जाता है। मान्यताओं के आधार पर इस दिन सूर्य देव के कुछ उपाय किए जाए तो लाभ प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से व्रत करने वाले को नौकरी में उच्च पद और प्रतिष्ठा प्राप्ति होती है। इसके अलावा नेत्र व चर्म रोग में आराम मिलेगा।

इस रवि प्रदोष पर रात को सोते समय एक गिलास दूध भर कर अपने सिरहाने रखें, फिर सोमवार यानि महाशिवरात्रि को सूर्योदय से पहले उठें और स्नान आदि से निवृत्त होकर दूध को बबूल के पेड़ की जड़ में अर्पित कर दें और फिर लगातार 7 या 11 रविवार यह उपाय करने से धन धान्य में वृद्धि होगी। 

इस बार रवि प्रदोष पर तांबे के बर्तन या घी का दान करें। इस दिन आदित्य हृदय स्त्रोत और रुद्राष्टक का पाठ करना लाभकारी रहेगा। इसके साथ ही नेत्रोपनिषद का पाठ करने से नेत्रों की ज्योति सही रहगी। इस दिन तांबे के लोटे में जल भर कर, इसमें लाल फूल डालकर सूर्य को अर्घ्य देने से नेत्र बाधा हटेगी। यह उपाय स्वास्थ्य और नौकरी-व्यवसाय को ठीक करने में भी सहायक होगा। 

इस दिन किसी भी सूर्य मंत्र का 21 बार जाप करें। इस रवि प्रदोष पर लाल वस्तुओं का अधिक से अधिक दान करना लाभकारी सिद्ध होगा।साथ ही माणिक्य, गुड़, कमल-फूल, लाल-वस्त्र, लाल-चंदन, तांबा, स्वर्ण सभी वस्तुएं इस दिन दान करें।

मंत्र
ॐ जूं सा: ॐ घ्रणि सूर्याय नम: का जाप करें। शिव और सूर्य देव के इस मंत्र से समस्त कष्ट दूर होंगी।

Created On :   22 Feb 2019 6:04 AM GMT

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