वेनेजुएला: अमेरिका ने वेनेजुएला पर लगाया प्रतिबंध, विरोध में उतरे रूस और चीन

Russia and China criticized US sanctions on Venezuela
वेनेजुएला: अमेरिका ने वेनेजुएला पर लगाया प्रतिबंध, विरोध में उतरे रूस और चीन
वेनेजुएला: अमेरिका ने वेनेजुएला पर लगाया प्रतिबंध, विरोध में उतरे रूस और चीन
हाईलाइट
  • अमेरिका ने वेनेजुएला की तेल कंपनी PDVSA पर प्रतिबंध लगा दिया था।
  • रूस और चीन ने अमेरिका द्वारा वेनेज़ुएला पर लगाए गए प्रतिबंध की कड़ी आलोचना की है।
  • रूस और चीन ने कहा है कि वह राष्ट्रपति निकोलस मादुरो का समर्थन करते हैं।

डिजिटल डेस्क, कराकस। रूस और चीन ने अमेरिका द्वारा वेनेजुएला पर लगाए गए प्रतिबंध की कड़ी आलोचना की है। अमेरिका ने मंगलवार को वेनेजुएला की तेल कंपनी पीडीवीएसए पर प्रतिबंध लगा दिया था। रूस और चीन ने कहा है कि वह राष्ट्रपति निकोलस मादुरो का समर्थन करते हैं। इससे पहले अमेरिका ने वेनेजुएला के विपक्ष के नेता जुआन ग्वाइदो को अंतरिम राष्ट्रपति घोषित किया था और स्थानीय सेना से इस मामले को शांतिपूर्ण तरीके से निपटाने को कहा था।

रूस राष्ट्रपति मादुरो को हर संभव मदद करेगा
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने मंगलवार को कहा कि यूएस द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों ने इंटरनेशनल फाइनेंशियल सिस्टम से भरोसा कम कर दिया है। हमें दुख है कि इसपर यूएस का प्रभुत्व है। यूएस का PDVSA पर बैन लगाना बिलकुल गलत है। रूस मादुरो सरकार का समर्थन करती है और उनके राष्ट्रपति पद पर बने रहने के लिए हर संभव मदद करने को तैयार है। वहीं क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि यह प्रतिबंध वेनेजुएला के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना है और यह अनुचित है।

चीन ने प्रतिबंध की निंदा की
इससे पहले मंगलवार को चीन ने भी यूएस द्वारा लगाए गए प्रतिबंध की निंदा की है। प्रतिबंधों के विरोध में आवाज उठाते हुए चीन ने कहा था कि अमेरिका को वेनेजुएला में होने वाले नतीजों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि अमेरिका के हस्तक्षेप से मामला और कठिन होता जा रहा है। वेनेजुएला पर लगे प्रतिबंधों से लोगों के जीवन पर असर पड़ेगा और वहां की स्थिति काफी बिगड़ जाएगी।

वेनेजुएला की मदद के लिए रूस और चीन ने दिए काफी लोन
वेनेजुएला में स्थिरता बनाए रखने के लिए चीन और रूस दोनों देशों ने काफी मदद की है। चीन ने पिछले एक दशक में तेल की जगह लोन देने के समझौते पर वेनेजुएला को करीब 50 अरब डॉलर से अधिक का कर्ज दिया है। वहीं रूस ने भी 2006 के बाद से वेनेजुएला को कम से कम 17 बिलियन यूएस डॉलर का लोन दिया है। वेनेजुएला पर लगे प्रतिबंध से रूस के ऊर्जा फर्म रोजनेफ्ट पर काफी असर पड़ेगा। रोजनेफ्ट का PDVSA की एक सहायक कंपनी सिटगो में बड़ी हिस्सेदारी है। 

वहीं अमेरिका ने PDVSA की सहायक कंपनी सिटगो को तेल सप्लाई करते रहने की अनुमति दी है। दरअसल यह कंपनी अमेरिका में स्थित है। ट्रंप प्रशासन ने सिटगो के सामने शर्त रखा है कि वह अमेरिका में ही पैसे खाते में सुरक्षित रखकर तेल सप्लाई जारी रख सकती है। वेनेजुएला अपने तेल एक्सपोर्ट का 41 प्रतिशत अमरीका को करता है। वहीं स्वघोषित राष्ट्रपति ग्वाइदो ने कांग्रेस को PDVSA और सिटगो के लिए नए निदेशक मंडल नियुक्त करने का आदेश दिया था, जिसे मादुरो ने नकार दिया था।

भारत पर पड़ेगा असर
वेनेजुएला पर लगे प्रतिबंध का भारत पर भी काफी असर पड़ सकता है। वेनेजुएला भारत का चौथा बड़ा तेल एक्सपोर्टर देश है। अमेरिका द्वारा बैन लगाने के बाद भारत ईरान से केवल 40 प्रतिशत तेल एक्सपोर्ट करता है। ऐसे में वेनेजुएला पर भी बैन लगने से भारत की दिक्कतें बढ़ सकती हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि हम वेनेजुएला की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। हम चाहते हैं कि जल्दी ही इस मामले पर कोई हल निकले। हम चाहते हैं कि वहां कोई हिंसा न हो।

बता दें कि वेनेजुएला दुनिया के सबसे ज्यादा तेल प्रोड्यूसर देशों में से एक है। पूर्व राष्ट्रपति ह्यूगो चावेज ने इस देश की अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए लोगों को तेल कंपनी में नौकरी देना शुरू कर दिया था। कुछ सालों तक सबकुछ सही रहा। हालांकि चावेज ने अपने निधन से पहले निकोलस मादुरो को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। मादुरो वहां की अर्थव्यवस्था को संभाल नहीं सके और उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। इसी बीच पिछले हफ्ते विपक्ष के नेता ग्वाइदो ने खुद को अंतरिम राष्ट्रपति घोषित कर दिया। हालांकि मादुरो ने इसे मानने से साफ इनकार कर दिया और कहा कि वह इस पद पर बने रहेंगे।

अमेरिका भी इस विवाद में कुदते हुए वेनेजुएला पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी। इसके बाद मादुरो ने अमेरिका से रिश्ते खत्म करन का ऐलान कर दिया। यहां तक कि मादुरो सरकार ने अमेरिकी राजनयिकों को 72 घंटों के अंदर वेनेजुएला छोड़ने का आदेश दे डाला। इसके बाद यूएस ने भी प्रतिंबध लगाने का ऐलान कर दिया। ऐसा कहा जा रहा है कि अमेरिकी प्रशासन ने यह प्रतिबंध सोशलिस्ट डिक्टेटर और राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को नुकसान पहुंचाने के लिए लगाया है। इस विरोध प्रदर्शन में कई लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं। 

Created On :   29 Jan 2019 4:27 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story