मेजर को मां के दूध की चेतावनी देने वाला आतंकी टाइगर 24 घंटे के अंदर ढेर

मेजर को मां के दूध की चेतावनी देने वाला आतंकी टाइगर 24 घंटे के अंदर ढेर

डिजिटल डेस्क, पुलवामा। जम्मू कश्मीर में नए पोस्टर बॉय के तौर पर उभरे समीर टाइगर समेत 2 आतंकियों को सेना ने सोमवार को पुलवामा के द्रबगाम में ढेर कर दिया। हिजबुल मुजाहिदीन का टॉप कमांडर आतंकी समीर अहमद भट उर्फ समीर टाइगर वही है, जिसने सेना के 44 आरआर के मेजर रोहित शुक्ला को वीडियो मैसेज भेजकर कहा था कि मां का दूध पिया है तो सामने आओ, लड़ो। वीडियो मैसेज के 24 घंटे के अंदर उन्हीं मेजर शुक्ला की अगुवाई में जॉइंट ऑपरेशन में 10 लाख के इनामी आतंकी समीर टाइगर को मार गिराया गया। 

"मां का दूध पिया है तो उससे कहो सामने आ जाए"

समीर अहमद भट उर्फ टाइगर ने वीडियो मैसेज में कहा था कि "शुक्ला को कहना शेर ने शिकार करना क्या छोड़ा, कुत्तों ने समझा जंगल हमारा है। अगर उसने अपनी मां का दूध पिया है तो उससे कहो सामने आ जाए।" सेना के संदिग्ध खबरी को पकड़कर समीर ने ये वीडियो मैसेज बनाया था और उसी में सेना के मेजर शुक्ला को धमकी भी दी थी। उसने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया था। टाइगर से पहले बुरहान वानी भी इसी तरह वीडियो जारी करता था। .. लेकिन इस बार आर्मी को दिया गया चैलेंज आतंकी टाइगर को भारी पड़ गया और खुद को टाइगर कहने वाले गुनाह का सौदागर कुत्ते की मौत मारा गया। 

 

समीर टाइगर पर थी मेजर शुक्ला की नजर

सूत्रों के अनुसार मेजर शुक्ला पिछले काफी समय से समीर टाइगर के मूवमेंट को ट्रैक करते आ रहे थे। इसके लिए उन्होंने स्थानीय स्तर पर अपना एक ग्रिड भी तैयार किया था। आखिरकार मेजर टाइगर को घेरने में कामयाब रहे। टाइगर की दहशत का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि मारे जाने से कुछ घंटे पहले ही सोशल मीडिया पर उसका वीडियो वायरल हुआ था। एक मिनट 24 सेकंड के इस वीडियो में समीर टाइगर ने एक युवक को बैठाया हुआ है और उससे तौबा करवा रहा है कि वह मुखबिरी नहीं करेगा। वीडियो में वह युवक उन सभी लोगों के नाम ले रहा है, जो समीर टाइगर की मुखबिरी करते थे। वीडियो के आखिर में समीर टाइगर ने मेजर रोहित शुक्ला को धमकी देते हुए कई आपत्तिजनक शब्दों का भी उपयोग किया।  

सेना ने ऐसे किया समीर टाइगर का खात्मा

कश्मीर घाटी के पुलवामा जिले का द्रबगाम इलाके में सुबह 10 बजे सेना और सीआरपीएफ का ज्वाइंट कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन चल रहा था। इसी आबादी के बीच हिजबुल का टॉप कमांडर समीर टाइगर छिपकर बैठ था। टाइगर ने खुद को घिरता पाकर डरकर फायरिंग शुरू कर दी और सेना ने पलटवार किया। एनकाउंटर चार घंटे तक चला और जब खत्म हुआ तब आतंकी समीर टाइगर मारा जा चुका था। एनकाउंटर के दौरान अगुवाई कर रहे मेजर शुक्ला दाएं बाजू में गोली लगने से घायल हो गए, लेकिन ऑपरेशन में डटे रहे। उन्होंने मौके से हटने से इनकार करते हुए कहा कि पहले इसका काम तमाम कर लें। घायल होने के बावजूद मेजर और उनके दस्ते ने महज आधे घंटे में ही समीर टाइगर और उसके एक साथी आकिब खान को ढेर कर बता दिया कि भारतीय सेना शेर का शिकार करना जानती है।

समीर टाइगर ऐसे आतंक के दलदल में धंसता चला गया

समीर टाइगर 6 मई 2016 को हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हुआ था और बुरहान वानी का सबसे भरोसेमंद बन गया। जुलाई 2016 में बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद समीर टाइगर को कश्मीर के पोस्टर बॉय के रूप में पेश किया गया। समीर टाइगर पर 10 लाख रुपये का इनाम था।  7 अप्रैल, 2016 को घर से गायब होकर आतंकी संगठन में सक्रिय होने से पहले 2014 से वह न सिर्फ हिजबुल के लिए ओवरग्राउंड वर्कर का काम करता था बल्कि पत्थरबाजी में सबसे आगे नजर आता था। शुरू में कुछ महीने वो हिजबुल के साथ ही रहा, लेकिन जल्द ही जैश ने उसे अपने साथ मिला लिया। फरवरी में श्रीनगर के अस्पताल से आतंकी नावेद को फरार कराने में भी समीर टाइगर का हाथ था। सुरक्षाबलों पर भी कई बार समीर टाइगर हमला कर चुका है। समीर अक्सर उन स्थानीय लोगों को निशाना बनाता था, जिनके सुरक्षा एजेंसियों के साथ संपर्क होते थे। जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक डॉ एसपी वैद ने भी ट्वीट कर कहा कि समीर टाइगर के मारे जाने से इलाके में शांति स्थापित होगी। 

Created On :   1 May 2018 4:16 AM GMT

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